Scrollup

राजधानी दिल्ली में पहले के मुकाबले इस साल डेंगू-चिकनगुनिया और स्वाइन-फ्लू के मामले पहले के मुकाबले बेहद कम दर्ज़ किए गए। दिल्ली सरकार ने इस साल बरसात आने से पहले ही अपनी तैयारियां बेहद पुख्ता कर रखी थीं और व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया हुआ था और इसी का नतीजा है कि दिल्ली में इस साल डेंगू -चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू के मामले पूर्व के मुकाबले बेहद कम रहे हैं।

राजधानी में इस साल डेंगू के 2152 मामले, चिकनगुनिया के 368 मामले सामने आए जिसमें से सिर्फ़ एक डेंगू मरीज़ की मौत हुई। दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 2198 मामले सामने आए जिसमें से सिर्फ़ 8 मरीज़ों की मौत हुई। स्वाइन फ्लू के मामलों में दिल्ली की मृत्यु दर राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले सिर्फ़ 0.3 प्रतिशत रही है और ये दिल्ली सरकार की एक बड़ी कामयाबी है। जबकि दूसरी तरफ़ देश के दूसरे राज्यों में जैसे राजस्थान और मध्यप्रदेश में स्वाइन फ्लू से मरने वाले मरीज़ों की संख्या कहीं ज्यादा रही है।

दिल्ली सरकार जिस उर्जा और मेहनत से स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रही है उसी का नतीजा है कि इन जानलेवा बीमारियों का असर राजधानी दिल्ली में काफ़ी कम रहा।

 

मोहल्ला क्लीनिक और पॉलीक्लीनिक में बदलेंगी दिल्ली सरकार की डिस्पेंसरीज़ 

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में इस वक्त मौजूद डिस्पेंसरीज़ को मोहल्ला क्लीनिक और पॉलीक्लीनिक में बदला जाएगा, जो डिस्पेंसरी एक कमरे में चल रही हैं उन्हें मोहल्ला क्लीनिक में बदला जाएगा और जिस डिस्पेंसरी के पास ज्यादा जगह है उन्हें पॉलीक्लीनिक में बदल दिया जाएगा। दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा त्रि-स्तरीय होगी जिसके तहत मोहल्ला क्लीनिक, पॉलीक्लीनिक और अस्पताल होंगे।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

sudhir

4 Comments

Leave a Comment