AAP/PR/23Feb2018
देश में चल रही है एंकाउंटर स्पेशलिस्ट सरकार, कुछ भी करा सकते हैं केंद्र में बैठे लोग- संजय सिंह
मुख्यमंत्री के घर बिना किसी पूर्व सूचना के भेजी गई दिल्ली पुलिस की टीम
केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की तानाशाही के ख़िलाफ़ शनिवार को देशव्यापी प्रदर्शन करेगी AAP
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एंव राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ‘ये इस देश का दुर्भाग्य है कि कुछ तानाशाह और गुंडे किस्म के लोग इस देश की सत्ता पर काबिज़ हो गए हैं, इनका मकसद है इस देश में अराजकता फैलाना, गुंडागर्दी फैलाना। राजस्थान हो या मध्य प्रदेश हो, राजस्थान हो या फिर उत्तरप्रदेश, तकरीबन हर राज्य में भय और आतंक का माहौल बनाया जा रहा है।
आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर जाकर दिल्ली पुलिस ने जो किया है, वो कल हम सबके साथ हो सकता है, कल को एक आम इंसान के घर भी पुलिस बिना किसी सूचना के घुस सकती है और उन्हें प्रताड़ित कर सकती है। क्या दिल्ली पुलिस ईमानदारी से काम कर रही है? यह एक बड़ा सवाल है।
आज ये गुंडागर्दी दिल्ली में मुख्यमंत्री और सरकार के ख़िलाफ़ हो रही है लेकिन कल को इन लोगों की ये गुंडागर्दी आपके घर-घर में पहुंचेगी, आपके गली-मोहल्ले में पहुंचेगी तो तब देश की जनता क्या करेगी?
लेकिन हम बता देना चाहते हैं कि हम बीजेपी की इस दादागिरी से डरने वाले नहीं है। हम जनता के राशन का सवाल उठाएंगे, जनता की बिजली का मुद्दा उठाएंगे, जनता के हक़ का हर वो सवाल उठाएंगे जहां अफ़सरों के माध्यम से ये बीजेपी के लोग जनता का काम अटकाते हैं।
केंद्र सरकार में बैठे लोगों की दादागिरी के ख़िलाफ़ 24 फरवरी को पूरे देश में हर ज़िलामुख्यालय पर आम आदमी पार्टी ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन करेगी और देश की जनता को बताएगी कि कैसे बीजेपी इस देश को गुंडागर्दी के डंडे के हांकना चाहती है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एंव राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री के घर जाकर जिस तरह की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है उससे न्याय की उम्मीद तो कतई नहीं की जा सकती। पुलिस मुख्यमंत्री के घर जाकर ये पूछ रही है कि दीवारों पर पेंट कब हुई है, किसने पेंट किया है? सर्टिफ़िकेट लेकर आइए? ऐसे सवाल पूछ रही है मानो वहां पुलिस कोई डेडबॉडी ढूंढने गई हो। एकदम बेतुके और वाहियात सवाल एडिश्नल डिप्टी कमिश्नर मुख्यमंत्री के घर जाकर पूछ रहे हैं।
मुख्यमंत्री के घर जाकर पुलिस जांच करे, उससे हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन क्या सचिवालय में मंत्री पर हुए हमले में पुलिस ने कोई कार्रवाई की? क्या उन लोगों को दबोचा गया जो वीडियो में दिल्ली सरकार के मंत्री पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं? क्या उन लोगों के घर दिल्ली पुलिस टीम उनकी गिरफ्तारी करने पहुंची? नहीं पहुंची। लेकिन मुख्य सचिव के एक बयान के आधार पर हमारे दो विधायकों को गिरफ्तार कराके कोर्ट में उनकी पुलिस रिमांड मांगी जा रही है और मुख्यमंत्री के घर बिना बताए तलाशी लेने दिल्ली पुलिस की टीम पहुंच जाती है। ये दिल्ली पुलिस का दोहरा रवैय्या दिखाता है।
केंद्र सरकार में बैठे बीजेपी के नेताओं के इशारे पर दिल्ली पुलिस दिल्ली के मुख्यमंत्री को परेशान और बेइज्ज़त करने के लिए ही उनके घर जाकर अनाप-शनाप सवाल पूछ रही थी। आम आदमी पार्टी का स्पष्ट तौर पर कहना है कि दिल्ली पुलिस अपने आकाओं के इशारे पर यही करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर पर पहुंची थी।
आम आदमी पार्टी की तरफ़ से कोर्ट में पेश होने वाले वकील श्री बी एस जून ने कहा कि ‘जैसा कि हम सब जानते हैं कि आज जिस तरह से पुलिस दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर बिना किसी पूर्व जानकारी के घुस गई, वो न्यायोचित कतई नहीं था। मुख्यमंत्री के घर इस तरह से कोई भी जांच टीम बिना सूचना दिए नहीं पहुंच सकती लेकिन दिल्ली पुलिस ने आवश्यक तरीक़े को पालन नहीं किया। अंदर घुसने के बाद सूचना के रुप में एक चिठ्ठी ओएसडी के नाम दे दी, जबकि इस तरह की कोई पोस्ट मुख्यमंत्री आवास पर होती ही नहीं है। ये रवैय्या दिखाता है कि दिल्ली पुलिस किस कदर बिना ज़रुरी तरीक़े का पालन किए मुख्यमंत्री के घर में घुसी थी।
पुलिस ज्यादा से ज्यादा वहां डीवीआर और सीसीटीवी फुटेज मांग सकती थी, या जहां मीटिंग हुई थी उस लोकेशन को देख सकती थी लेकिन बैठक की लोकेशन पर जाकर पुलिस वाहियात सवाल करती हुई नज़र आई जिसमें दीवार के पेंट के बारे में एडिश्नल डीसीपी पूछ रहे थे, छत पर जाकर पूरी छत को चेक करने की बात बोल रहे थे, ऐसा लग रहा था मानो पुलिस किसी हत्या के मामले में जांच करने के लिए वहां गई थी। हमारे दो बिंदु पुलिस की जांच के संदर्भ में है जिन्हें हम कोर्ट की कार्यवाही में बहस के दौरान कोर्ट के समक्ष रखेंगे-
- बिना पूर्व सूचना के और आवश्यक कार्यवाही का पालन किए बग़ैर दिल्ली पुलिस दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर क्यों घुसी?
- मुख्यमंत्री के घर जाकर दिल्ली पुलिस ने जांच के नाम पर वो सबकुछ किया जो किसी मर्डर के केस में किया जाता है, पुलिस का यह रवैय्या इस तरह के केस में अनुचित था, ख़ासकर मुख्यमंत्री के निवास पर।
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