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  • सरकार के स्कूल बंद करने के फैसले का आम आदमी पार्टी ने किया विरोध
  • तत्काल इस प्रक्रिया को रोकने की मांग, अन्यथा प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी

आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक अग्रवाल ने भाजपा सरकार के स्कूल बंद करने के फैसले पर हमलावर रुख अपनाते हुए कहा है कि एक तरफ प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है और दूसरी ओर सरकार स्कूलों को बंद कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की अपनी मूल जिम्मेदारी को सरकार पूरा नहीं करना चाहती है और प्राइवेट स्कूलों के लिए रास्ता आसान करने की गरज से सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने 46 हजार स्कूलों को बंद करने की तैयारी की है।

श्री अग्रवाल ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए बड़ा सवाल उठाते हुए स्कूल बंद करने के साथ जमीन के एक बड़े घोटाले की ओर भी इशारा किया है। उन्होंने लिखा- 46 हजार स्कूल बंद करने की तैयारी में शिवराज सरकार। अजब मामा के गजब कारनामे, 50 मीटर दूर के स्कूल में बच्चों को न पढ़ा पाने वाले अब 20 किमी दूर पढ़ाई कराएंगे। असली बात, 46 हजार स्कूलों की जमीन किसको दी जाएगी?

श्री अग्रवाल ने कहा कि गरीब और कमजोर तबके के छात्रों को शिक्षा से दूर करने की यह एक बड़ी साजिश है, लेकिन आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार के इस मंसूबे को पूरा नहीं होने देगी। सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता को सुधारकर उनमें छात्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, लेकिन भाजपा सरकार ने पहले स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं से महरूम किया और अब छात्र संख्या कम होने का तर्क देकर स्कूलों को गरीब और कमजोर तबकों से दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योग घरानों के दबाव में काम कर रही शिवराज सरकार शिक्षा को पूरी तरह प्राइवेट संस्थानों के हाथों में देना चाहती है। उन्होंने मांग की स्कूलों को बंद करने की इस प्रक्रिया को तुरंत बंद किया जाए अन्यथा इसके खिलाफ प्रदेश भर में तीखा आंदोलन चलाया जाएगा।

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sudhir

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