शनिवार को आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ट्वीटर पर हैश टैग दंगा नहीं शिक्षा चाहिए को ख़ूब ट्रेंड कराया. अवसर था दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पैरंट टीचर मीटिंग का. दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में शनिवार को पैरंट टीचर मीटिंग का आयोजन किया गया.
आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने कहा के “27 जनवरी 2018 को देश के दो राज्यों में बिल्कुल अलग तरह के माहौल देखने को मिले। एक तरफ़ तो भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के कासगंज में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे, जहां हिंदू-मुस्लिम दंगों की आग में शहर जल रहा था और भारतीय जनता पार्टी के नेता तिरंगा यात्रा के नाम पर दंगों और नफ़रत की आग भड़का रहे थे और दूसरी तरफ़ था राजधानी दिल्ली का माहौल जहां आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार स्कूलों में शिक्षक-अभिभावक मीटिंग में बच्चों की शिक्षा और उनके उज्जवल भविष्य पर बात कर रही थी। “
आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया टीम के सदस्य अंकित लाल से जब हमारी टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि “हमने शनिवार को हमने देखा कि कैसे उत्तर प्रदेश के कासगंज में बीजेपी के नेता दंगों को भड़काकर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ़ हमारी सरकार दिल्ली में स्कूली बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए पीटीएम (पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग) आयोजित कर रही है जिसमें बच्चों के अभिभावकों से बच्चों की बेहतर शिक्षा को लेकर बात हो रही है। हमने ट्विटर पर इसे लेकर एक कैम्पेन चलाया जिसमें लोगों से पूछा गया कि उन्हें भाजपा के दंगे चाहिए या आम आदमी पार्टी सरकार की शिक्षा नीति, जिसे लेकर ज्यादातर लोगों ने आम आदमी पार्टी की शिक्षा नीति की तारीफ़ की।
लेकिन इन सबके बीच कुछ 29 प्रतिशत ऐसे लोग भी रहे जिन्होंने बीजेपी के दंगों पर क्लिक किया, हमें नहीं पता ये कौन लोग हैं और ये ऐसा क्यों चाहते हैं?”
आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने शनिवार को सभी स्कूलों में आने वाली परीक्षा को लेकर पीटीएम (पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग) आयोजित की थी जिसमें बच्चों के अभिभावकों से मुलाक़ात करके उनकी परीक्षा की तैयारियों को लेकर बात की गई, ख़ुद शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया अलग-अलग स्कूलों में जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों से बात करके उनके बेहतर भविष्य पर चर्चा करते हुए दिखाई दिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ख़ुद इस बात को लेकर ट्वीट किया और कहा कि देश को दंगों की नहीं बल्कि शिक्षा की ज़रुरत है।
देश को दंगों की नहीं, शिक्षा की ज़रूरत है। https://t.co/WF5jiVSG5t
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 27, 2018
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