भ्रष्टाचार पर नकेल व सही प्रबंधन से सुधर सकता है बिजली विभाग, उबर सकता है घाटे से
राजस्थान में वसुंधरा सरकार द्वारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर होने से राजस्थान की जनता तंग आ चुकी है,बिजली विभाग कुप्रबंधन के कारण 85,000 करोड़ से अधिक के घाटे में है जिसका खामियाजा राजस्थान की आम जनता को बिजली की मंहगी दरें चुका कर भुगतना पड़ रहा है।
आम आदमी पार्टी राजस्थान के समन्वयक देवेंद्र शास्त्री ने बताया कि राजस्थान में बिजली विभाग का लगातार बढ़ता घाटा यहां की आम जनता को बिजली की भीषण मंहगाई के दुष्चक्र में तो फंसा ही रहा है साथ ही आवश्यकतानुसार बिजली की आपूर्ति में भी बाधा बन रहा है।
भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त वसंुधरा सरकार का एक बड़ा घोटाला हाल ही में ब्।प्ळ ने उजागर किया, जिसमें कहा गया कि एक निजी फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए 80 करोड़ की घटिया सामग्री खरीदी गयी ओर 200 करोड़ का बिजली का सामान बिना आवश्यकता के ही ले लिया गया। शास्त्री ने कहा कि यह तो भ्रष्टाचार की आग से उठता धुंआ मात्र है, इस धुंए की जांच भली भांति की जाए तो भ्रष्टाचार की भीषण लपटें नज़र आएंगी। आम आदमी पार्टी समन्वयक ने कहा कि राजस्थान सरकार वैकल्पिक ऊर्जा के दोहन के प्रति हैरतअंगेज तरीके से उदासीन रूख अपनाए हुए है जबकि वैकल्पिक ऊर्जा के दोहन एवं सही प्रबंधन से दिल्ली में बैठी आम आदमी पार्टी सरकार न सिर्फ दिल्ली में आधी दरों पर जनता को बिजली मुहैय्या करवा रही है बल्कि अपने शासन काल के तीसरे वर्ष में बिजली की दरों में और कटौती कर जनता के साथ-साथ विपक्ष को भी हैरान कर रही है, देवेंद्र शास्त्री ने बताया कि दिल्ली में मोटे -मोटे तौर पर एक सामान्य उपभोक्ता जो कि महीने में300 से 400 यूनिट बिजली खर्च करता है महीने में 1200-1500 रुपये बचाता है इस हिसाब से 70-90,000 रूपए 5 सालों में वह सहजता से बचा लेगा, इसमें ब्याज इत्यादि और जोड़ दिया जाए तो 5 सालों में दिल्ली में 1 लाख तक की बचत एक आम आदमी को केवल बिजली से हो रही है।
आज वैकल्पिक ऊर्जा के सटीक दोहन का अनुपम उदाहरण भी दिल्ली सरकार ने प्रस्तुत किया है, यहां पूरा सचिवालय अब सोलर एनर्जी से चलता है दिल्ली सरकार सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। देवेंद्र शास़्त्री ने आम आदमी पार्टी की ओर से मांग की है कि राजस्थान में कैग, बिजली विभाग के लेन-देन की भली भांति पड़ताल कर उसकी रिपोर्ट जनता के सामने रखे, शास्त्री ने कहा कि हैरानी इस बात की है कि राजस्थान में कैग द्वारा पकड़े गए 85000 करोड़ के घोटाले के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई जो कि स्पष्ट तौर पर इस घोटाले में राजनैतिक सांठ-गांठ की ओर इशारा करता है।
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