आप के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकारी रिपोर्ट के आंकड़ों के जरिये घेरा राज्य सरकार को
भोपाल, 17 जुलाई। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक अग्रवाल ने राज्य सरकार को हालिया विज्ञापनों पर घेरते हुए कहा है कि सरकार अपना झूठा प्रचार कर जनता के धन का दुरुपयोग कर रही है। इस तरह के झूठ से भरे हुए विज्ञापन तत्काल बंद किए जाने चाहिए और सरकार को बताना चाहिए कि कैसे बीते 14 सालों में राज्य भ्रष्टाचार के मामले में सबसे अव्वल हो गया। कैसे राज्य में बिजली इतनी महंगी है। उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था लचर है। प्रदेश के कई हिस्सों में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने कहा कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश देश में सबसे भ्रष्ट प्रदेश है। बिजली की बात करें तो बिजली खरीद के लिए निजी कंपनियों से गैरकानूनी समझौते किए गए हैं, जिससे प्रदेश की जनता के 585 करोड़ रुपए की खुली लूट की गई है और सरकार के अपने प्लांट्स की सस्ती बिजली नहीं खरीदी जा रही है।
उन्होंने शिक्षा के मुद्दे पर कहा कि सरकार ने अपने विज्ञापन में यह नहीं बताया कि कैग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 42.86 लाख बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। 84 प्रतिशत 8वीं के छात्र 1-9 तक अंक नहीं पढ़ पाते हैं। 50 प्रतिशत से ज्यादा छात्र हिंदी पढऩे लिखने में अक्षम हैं। इस तरह शिवराज सिंह ने एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर दिया है। यह तथ्य भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने पिछले दिनों शिक्षा गारंटी कानून को लेकर जारी रिपोर्ट में सामने आये हैं।
स्वास्थ्य के मुद्दे पर हालिया विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि कुपोषण को लेकर राज्य सरकार अपने विज्ञापन में चुप्पी साधे हुए है, जबकि हकीकत यह है कि मध्यप्रदेश के कुल 91.42 लाख पांच साल से कम उम्र के बच्चों में से 42.8 प्रतिशत (39.13 लाख) बच्चों का वजन कम है और 42 प्रतिशत (38.40 लाख) बच्चे बौने और अविकसित हैं। यह आंकड़े नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में सामने आए हैं। कुपोषण से प्रदेश में रोज औसतन 92 बच्चों की मृत्यु होती है। वहीं कैग की रिपोर्ट के अनुसार जितने अस्पताल होने चाहिए उसमें से 50 प्रतिशत कम हैं। यही नहीं जितन अस्पताल हैं भी उनमें से आधे में डॉक्टर नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह पानी की बात करें तो एक तिहाई मध्य प्रदेश में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं। इंदौर सहित अधिकांश शहरों में एक दिन छोड़कर पानी मिलता है। निवेश व उद्योग का हाल तो बेहद खराब है। एसोसिएट चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ़ इंडिया के एक अध्ध्यन के अनुसार मध्यप्रदेश में 86.5त्न प्रोजेक्ट मात्र कागजों पर हैं। इसी की दूसरी रिपोर्ट के अनुसार 2008 से 2015 के बीच निवेश में 76 प्रतिशत से भी अधिक की जबरदस्त कमी आई है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश में ओवर ड्राफ्ट की स्थिति बनी हुई है और मप्र सरकार पर 1.83 लाख करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज है, जो कि प्रति नागरिक 25000 रुपए है।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की बात करें तो मध्यप्रदेश में रोज 14 बलात्कार होते हैं, जो कि पूरे देश में किसी भी राज्य में सबसे अधिक हैं। मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बाल अपराधी हैं जिनके खिलाफ बलात्कार, महिलाओं के साथ अपराध और अपहरण के गम्भीर मामले दर्ज हैं। वर्ष 2015में प्रदेश वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध अपराधों में समस्त भारत में दूसरे स्थान पर था। उन्होंने कहा कि सड़कों के मामले में प्रदेश सरकार का दावा है कि मध्य प्रदेश की सड़कें अमरीका से बेहतर हैं, लेकिन पहली ही बारिश में इन सड़कों की पोल खुल गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगर विज्ञापन के जरिये जनता के सामने अपने कामकाज की सच्चाई रखना चाहती है, तो उसे यह आंकड़े भी बताने चाहिए। बीते 14 सालों में लूट और भ्रष्टाचार के जरिये भाजपा सरकार ने प्रदेश को गर्त में धकेलने का काम किया है।
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