गुरुवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने बताया कि ‘अरुणा आसफ अली अस्पताल के एचओडी ने अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में कई बार अपने विभाग को, मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को और चीफ़ विजिलेंस अधिकारियों को लगभग 10 से भी ज्यादा बार लिखित में शिकायत की, जिसके सारे साक्ष्य मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल के एच ओ डी साहब ने यह सोचकर मुख्य सचिव को शिकायत की थी कि वो इस भ्रष्टाचार पर कोई सख्त कार्रवाई करेंगे लेकिन एक बात समझ से परे है कि, दिल्ली सरकार के हर काम में रोड़ा अटकाने वाले ईमानदार मुख्य सचिव अंशु प्रकाश जी यहाँ भ्रष्टाचारियों के साथ कैसे खड़े हैं? इसके पीछे उनकी क्या मंशा है?
जब दिल्ली सरकार राशन में भ्रष्टाचार को रोकने, अस्पतालों की स्तिथि सुधारने, प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के खिलाफ़ कोई कानून बनाती है या कोई योजना लाती है तो उपराज्यपाल और मुख्य सचिव मिलकर सभी योजनाओं पर रोक लगा देते हैं, लेकिन जब एक सरकारी अस्पताल का ही एचओडी अस्पताल में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ़ शिकायत करता है तो मुख्य सचिव अंशु प्रकाश भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने कि बजाए, उसी डॉक्टर के खिलाफ़ एक्शन लेते हैं। ये सिद्ध करता है कि अंशु प्रकाश भ्रष्ट संस्थानों और भ्रष्टाचारियों के साथ मिले हुए हैं।
भ्रष्टाचारियों के साथ मिले हुए मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को उपराज्यपाल और केंद्र की भाजपा सरकार बचाने में लगी हुई है। अंशु प्रकाश को बचाने के पीछे उपराज्यपाल और केंद्र सरकार की क्या मंशा है? देश की जनता के सामने ये सच आना बेहद ज़रूरी है।
प्रैस वार्ता में मौजूद दिल्ली की उत्तर-पूर्वी लोकसभा के प्रभारी और राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पाण्डेय ने कहा कि आम आदमी पार्टी के किसी भी विधायक, मंत्री या नेता के खिलाफ़ कोई भी व्यक्ति केवल एक झूठा आरोप ही लगा दे तो मोदी जी की दिल्ली पुलिस, एसीबी, और सीबीआई तुरंत प्रभाव से सक्रिय हो जाती है।
उन्होंने कहा कि यहाँ एक विभाग का अधिकारी दर्ज़नों प्रमाण के साथ मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और उपराज्यपाल के कार्यालय पर 10 लाख रूपए की दलाली खाने का गंभीर आरोप लगा रहा है, क्योंकि उसके विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर उसके द्वारा की गई शिकायत पर न तो उपराज्यपाल के कार्यलय से ही और न ही मुख्य सचिव अंशु प्रकाश जी के द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है। उल्टा मुख्य सचिव शिकायत की फाइल को दबा कर बैठे हैं और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने कि बजाए उल्टा शिकायतकर्ता को फ़साने की कोशिश की जा रही है।
दिलीप पाण्डेय ने कहा कि कोई भी सरकारी अधिकारी अपने आकाओं के सहयोग के बिना भ्रष्टाचार का कोई भी काम नहीं कर सकता है, और भाजपा द्वारा इस प्रकरण में उपराज्यपाल और अंशु प्रकाश को बचाना, इस ओर इशारा करता है कि इस दलाली में उपराज्यपाल और मुख्य सचिव के साथ-साथ भाजपा भी शामिल है और बराबर की हिस्सेदार है।
अरुणा आसफ अली अस्पताल के एचओडी ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए, और भ्रष्टाचार में जो भी लोग लिप्त हैं उनके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, आम आदमी पार्टी शिकायतकर्ता की मांग का समर्थन करती है।
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