तिलक नगर की एक पुलिस चौकी में नाबालिग लड़की की आत्महत्या से दिल्ली पुलिस का नाकारापन फिर बेनकाब
पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता आतिशी ने बताया कि परसों दिनांक 14 जुलाई 2018 को दिल्ली के तिलक नगर के तिलक विहार पुलिस चौकी में एक 17 साल की मासूम बच्ची ने फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली जो सीधे तौर पर भाजपा सरकार शासित दिल्ली पुलिस की नाकामी को साबित करती है।‘
उन्होंने बताया कि ‘परसों रात को एक छोटे से झगड़े के मामले में मृतका गीता और उसके परिवार के सदस्य पुलिस चौकी पहुचें थे। वहां दूसरे पक्ष के लोग पुलिस के सामने ही गीता और उसके भाइयों को धमका रहे थेI जब गीता ने उनको रोकने की कोशिश की तो पुलिस ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया और उसके भाइयों को दूसरे कमरे में बंद कर दियाI पुलिस के द्वारा उसे और उसके परिवार को इस कदर प्रताड़ित किया गया कि परेशान होकर गीता ने पुलिस चौकी में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लीI’
प्रेसवार्ता में मौजूद तिलक नगर के विधायक जरनैल सिंह ने बताया कि ‘पुलिस चौकी के अन्दर पुलिस की मौजूदगी में एक 17 साल की मासूम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह पूरी तरह से पुलिस प्रशासन की नाकामी को दर्शाता हैI अगर पुलिस चौकी के अन्दर ही सुरक्षा के ये हालात हैं तो इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि शहर में सुरक्षा के क्या इंतजाम होंगे I’
‘बड़ी बात ये है कि घटना के समय पुलिस चौकी में मौजूद किसी भी पुलिस वाले ने गीता को बचाने की कोशिश नहीं की, बल्कि सभी पुलिसकर्मी चौकी छोड़कर यहाँ-वहां भाग खड़े हुए। अगर पुलिस ने थोड़ी सी मुस्तैदी दिखाई होती तो शायद गीता को बचाया जा सकता थाI दूसरी बड़ी बात ये कि कोई भी अधिकारी इस घटना की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैI पुलिस प्रशासन ने भी दो कॉंस्टेबल को सस्पेंड करके पूरी घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया है जबकि इसमें चौकी इंचार्ज और वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही बनती है।‘
प्रेस वार्ता में मौजूद पार्टी प्रवक्ता रिचा पाण्डेय मिश्रा ने बताया कि ‘ये कोई पहली घटना नहीं है जिसमें पुलिस की कस्टडी में किसी व्यक्ति की मौत हुई हो। उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीने का रिकॉर्ड देखा जाए तो देश भर में लगभग 1680 ऐसे केस हैं जिसमें पुलिस की कस्टडी में लोगों की मौत हुई हैं I’
‘इससे पहले भी दिल्ली में एक एयर होस्टेस ने पुलिस की अनदेखी के कारण दूसरे माले से कूदकर आत्महत्या कर ली थी, करावल नगर में एक लड़के ने पुलिस की प्रताड़ना की वजह से थाने में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, आदर्श नगर पुलिस थाने में भी एक व्यक्ति की संदिग्ध हालात में मौत हुई, नारायणा में भी एक बुज़ुर्ग व्यक्ति ने पुलिस की प्रताड़ना के चलते चौथे माले से कूदकर अपनी जान दे दी I जनता की रक्षक मानी जाने वाली पुलिस आज जनता की भक्षक बन गई हैI लोग आज पुलिस स्टेशन जाते हुए डरते हैं I जनता का विश्वास कानून व्यवस्था से पूरी तरह से उठ चुका हैI आज स्थिति ये है कि अगर कोई पुलिस थाने जाता है तो उसकी कोई गारंटी नहीं है कि वो वापस आएगा या नहीं।‘
मीडिया के माध्यम से आम आदमी पार्टी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के समक्ष कुछ सवाल रखे……
1-: रात को 1:30 बजे एक नाबालिग लड़की को पुलिस चौकी में क्यों रखा गया, जबकि कानून के मुताबिक रात को 8 बजे के बाद किसी भी महिला को थाने में नहीं रखा जा सकता?
2-: उस नाबालिग लड़की को अपने परिवार वालों से अलग एक कमरे में बंद करके क्यों रखा गया?
3-: जब उस लड़की ने आत्महत्या की तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी छोड़कर क्यों भागे, लड़की की मदद क्यों नहीं की?
4-: अभी तक पुलिस चौकी इंचार्ज को संस्पेंड क्यों नहीं किया गया?
जैसा कि सबको पता है कि दिल्ली पुलिस गृहमंत्री राजनाथ सिंह और उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैI तो राजनाथ सिंह जी और उपराज्यपाल साहब को इस घटना में और बाकी सारी घटनाओं में भी पुलिस की जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगीI आम आदमी पार्टी एक लम्बे समय से पूर्ण राज्य के दर्जे की माँग कर रही हैI ताकि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार पुलिस की जवाबदेही तय कर सके। केंद्र की सरकार जो पुलिस महकमे को सुधारने में फेल साबित हुई है, वो दिल्ली पुलिस का चार्ज दिल्ली की सरकार को दे दे, ताकि बाकी सरकारी विभागों की तरह ही दिल्ली सरकार पुलिस महकमे में उचित सुधार कर सकेI
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