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संविधान के तहत समान नागरिक होने के बावजूद, अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के साथ सदैव सौतेला व्यवहार किया है: गोपाल राय
गुरुवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि जैसा कि आप सबको ज्ञात है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दिलाने को लेकर लम्बे समय से आन्दोलन कर रही है। उसी कड़ी में 1 जुलाई 2018 को इंदिरा गाँधी स्टेडियम में एक महासम्मेलन का आयोजन भी किया गया था। आयोजन के माध्यम से आम आदमी पार्टी ने बताया था कि 3 जुलाई से दिल्ली में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी जी के नाम एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
दिल्ली की 70 विधानसभाओं के 272 वार्ड में लगभग 2000 मतदान केन्द्रों पर ये अभियान चल रहा है। और आज दिनांक 12 जुलाई 2018 तक लगभग 1 लाख 52 हज़ार लोगों ने दिल्ली को पूर्ण राज्य के समर्थन में अपना हस्ताक्षरित पत्र पार्टी को सौंपा है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान को और तेज़ करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी ने कल अपने घर पर सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमे दिल्ली मांगे अपना हक़ अभियान पर समीक्षा की गई। समीक्षा में इस आन्दोलन को बूथ स्तर तक ले जाने की बात पर चर्चा हुई। इसी को लेकर आम आदमी पार्टी आने वाली 15 जुलाई 2018, रविवार के दिन सभी विधान सभा क्षेत्रों में विधानसभा पदाधिकरियों के साथ बैठक करने जा रही है।
गोपाल राय ने कहा कि पिछले दिनों आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुछ लोग सवाल उठा रहे थे कि कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं बन सकता, जबकि फैसला इस बात पर था कि आधे-अधूरे राज्य दिल्ली की सरकार के जो थोड़े बहुत अधिकार हैं वो भी केंद्र सरकार ने ज़बरदस्ती छीन लिए, वो सरकार को वापस मिलने चाहिएं। पूर्ण राज्य की मांग और सुप्रीम कोर्ट के फैसले में परस्पर कोई सम्बन्ध नहीं है।
हमें भी पता है कि पूर्ण राज्य का दर्ज़ा एक कानून के तहत ही संभव है जो कि देश की संसद के द्वारा ही बनाया जा सकता है। लेकिन सवाल ये है कि कांग्रेस और भाजपा समय-समय पर चुनाव से पहले दिल्ली की जनता से वादा करते आए हैं कि दिल्ली की जनता को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा देंगे। उन्हें बताना होगा कि चुनाव जीतने के बाद क्या आज वो पूर्ण राज्य की मांग के साथ हैं की नहीं, और अगर हैं तो वो वादा अभी तक पूरा क्यों नहीं हुआ?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार उपराज्यपाल के द्वारा दिल्ली सरकार के काम-काज में रोड़े अटकाने से बाज़ नहीं आ रही है। ये सीधे-सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। दिल्ली सरकार ने डोर-स्टेप-डिलिवरी और CCTV कैमरे का काम फिर से शुरु किया तो दोबारा से उपराज्यपाल साहब उसे रोकने की हर कोशिश कर रहे हैं।
जब तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा नहीं मिलेगा, तब तक दिल्ली का पूर्ण विकास संभव नहीं है। आम आदमी पार्टी एक लम्बे समय से पूर्ण राज्य की लड़ाई लड़ रही है, और पूर्ण राज्य का दर्ज़ा मिलने तक ये आन्दोलन जारी रहेगा।
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sudhir

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