बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उत्तरी-पूर्वी लोकसभा प्रभारी दिलीप पाण्डेय ने कहा कि जैसा की आम आदमी पार्टी, भाजपा शासित नगर निगम में होने वाले भ्रष्टाचार को हमेशा उजागर करती रही है, साऊथ एमसीडी में हुए ऐसे ही एक भ्रष्टाचार पर सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगा कर आम आदमी पार्टी की सभी बातों को सत्यापित कर दिया है।
हाल ही में साऊथ एमसीडी में हुई एक घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा की साऊथ एमसीडी के अधीन आने वाले इलाके में हो रहे एक अवैध निर्माण के खिलाफ जब डिप्टी कमिश्नर ने कार्यवाही की तो भू-माफियाओं के साथ मिलकर भाजपा के नेताओ ने उनका तबादला करवा दिया। आम आदमी पार्टी ने नगर निगम में भाजपा की इस खुली लूट के खिलाफ हॉउस में आवाज़ उठाई, और इसका पुरजोर विरोध किया।
इस तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आम आदमी पार्टी के सभी आरोपों को उस समय सत्य साबित कर दिया जब सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी कमिश्नर के तबादले को रद्द करते हुए, डिप्टी कमिश्नर को दौबारा से उसी पद पर बहाल करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने ये साबित कर दिया कि भारतीय जनता पार्टी अवैध निर्माण के सभी मामलों में पैसो की बन्दर-बाँट कर रही है। जो रिश्वत खाई जा रही है वो नीचे से लेकर ऊपर तक भाजपा के सभी नेताओ की जेब में जा रही है।
प्रेस वार्ता में मौजूद तिलक नगर के विधायक जरनेल सिंह ने कहा की वैसे तो नगर निगम में किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं है की वो किसी भी अवैध निर्माण को रुकवा सके, और अगर कोई हिम्मत करके ऐसा कोई कदम उठाता भी है तो उसका तबादला कर दिया जाता है, जैसा की साऊथ एमसीडी के डिप्टी कमिश्नर विश्वेन्द्र के साथ हुआ है।
इस असंवेधानिक तबादले के खिलाफ आम आदमी पार्टी के निगम पार्षदों ने 27 जुलाई को हॉउस में दो मांग रखी थी।
पहली मांग: तत्काल प्रभाव से विश्वेन्द्र जी को दोबारा उसी पद पर बहाल किया जाए।
दूसरी मांग: नजफ़गढ़ ज़ोन के चेयरमैन का इस्तीफा लिया जाए, और अगर इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें निलंबित करें।
जरनैल सिंह ने कहा कि ये बड़े ही दुःख की बात है की जब हमने सदन में भ्रष्ट चेयरमैन के निलंबन की बात कही तो मेयर साहब ने उस पर कोई जवाब न देकर उल्टा 15 मिनट के अंदर सदन को ही भंग कर दिया। ये दर्शाता है की भजपा ने नगर निगम में भ्रष्टाचार का जो ये ताना बाना बना रखा है, कोई भी अधिकारी चाहे एक चपरासी हो या भाजपा का मेयर, इस ताने बाने को तोड़ने की हिम्मत नहीं करता।
उन्होंने कहा की नगर निगम में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ़ साफ़ कहा है की किसी भी प्रकार की दादागिरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेयर ने अनकंडीशनल माफ़ी मांगी है, जिससे सारी बातें पूरी तरीके से साफ हो जाती हैं की किस तरह से भाजपा द्वारा नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जाता है।
प्रेस वार्ता में मौजूद साऊथ एमसीडी के आम आदमी पार्टी से नेता विपक्ष प्रवीण राजपूत ने पत्रकारों को बताया कि डिप्टी कमिश्नर विश्वेन्द्र के तबादले के सम्बन्ध में मैंने 6 जुलाई को उपराज्यपाल साहब को एक पत्र लिखा था, जिसकी एक एक प्रति मेयर और कमिश्नर को भी दी थी। लेकिन उनके पत्र पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि एक इंस्पेक्टर का तबादला होने में लगभग डेढ़ से दो महीने का समय लग जाता है। जबकि अवैध निर्माण रुकवाने वाले डिप्टी कमिश्नर विश्वेन्द्र जी का तबादला भ्रष्ठ नेताओं के दबाव के चलते केवल 8 घंटे के अन्दर कर दिया गया। ये दर्शाता है की भाजपा शासित नगर निगम में भ्रष्टाचार की जड़ें निन्म से लेकर उच्च स्तर तक फैली हुई है
भाजपा शाशित नगर निगम में भाजपा के नेताओ के आशीर्वाद से सभी भ्रष्टाचार के काम फल-फूल रहे हैं। निचले स्तर से लेकर बड़े अधिकारीयों तक सभी कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।
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