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*सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं खरीदी VVPAT मशीनें, 16 लाख 50 हज़ार VVPAT मशीनें खरीदने का कोर्ट में दिया था हलफनामा, अभी तक केवल 3 लाख 48 हज़ार ही खरीदी गई : सौरभ भारद्वाज*

 

बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘जैसा कि आप सबको मालूम है कि EVM मशीन में होने वाली गड़बड़ी की शंकाओं को लेकर 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी और उस याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि चुनाव प्रक्रिया पर जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए सभी EVM मशीनों को VVPAT मशीनों के साथ जोड़ा जाए, ताकि लोगों को पता चल सके कि उनका वोट उसी प्रत्याशी को गया है जिसे उन्होंने वोट दिया है।

देश के कई राज्यों में और दिल्ली के एमसीडी के चुनाव में भाजपा की जीत के बाद साल 2017 में जब ये विवादास्पद मुद्दा फिर से उठा और सरकार एवं चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठे, तो बहुजन समाज पार्टी के साथ-साथ कई अन्य पार्टियों ने भाजपा द्वारा EVM मशीन में गड़बड़ी करने की शंका जताते हुए फिर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। याचिका का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि केंद्र सरकार सुनिश्चित करे कि 2019 में होने वाले चुनाव में सभी EVM मशीनों को VVPAT मशीनों के साथ जोड़ा जाए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने कोर्ट में एक हलफ़नामा दाखिल करते हुए कहा कि हम इलेक्शन कमीशन को पैसा देंगे और सुनिश्चित करेंगे कि 2019 के चुनाव में सभी EVM मशीनों को VVPAT के साथ जोड़ा जाए।

एक अंग्रेजी दैनिक में छपी खबर का हवाला देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ये बेहद ही चौकाने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी केंद्र सरकार और चुनाव आयोग इस मुद्दे पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। केंद्र सरकार और चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे के अनुसार लगभग साढ़े सोलह लाख VVPAT मशीनों की ज़रुरत है। लेकिन 2014 के आदेश के बाद भी 2017 तक केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को VVPAT मशीनें खरीदने के लिए कोई पैसा ही नहीं दिया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार साढ़े सोलह लाख मशीनें सितम्बर 2018 तक सभी डिस्ट्रिक्ट ओफिसिज़ में पहुँच जानी चाहिए थीं, ताकि इनकी टेस्टिंग की जा सके, परन्तु ये बेहद ही चौकाने वाली बात है कि अभी तक चुनाव आयोग द्वारा केवल 3 लाख 48 हज़ार मशीनें ही खरीदी गई हैं, अर्थात कुल मशीनों का केवल 22% ही अभी तक खरीदा गया है। केंद्र सरकार की ये लापरवाही एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती है, ये दर्शाता है कि केंद्र सरकार ने 2019 में होने वाले चुनाव में गड़बड़ी करने और भाजपा को दोबारा भारी बहुमत से चुनाव जिताने की अभी से पूरी तैयारी कर ली है।

प्रेस वार्ता में मौजूद राज्यसभा सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा ‘जैसा कि आप सबको याद होगा, सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा में एक डुप्लीकेट मशीन द्वारा प्रयोग करके दिखाया था कि किस तरह से EVM मशीन में गड़बड़ की जाती है। देश के कई राज्यों में चुनाव के दौरान सामने आई घटनाओं जैसे कानपुर नगर निगम चुनाव, मध्य प्रदेश चुनाव, राजस्थान में धौलपुर के चुनाव, महाराष्ट्र के चुनाव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि, इन सभी चुनावों में एक बात समान थी कि आप वोट किसी को भी डालें पर वोट जाता बीजेपी को था, जो कि सिद्ध करता है कि भाजपा अपनी कानूनी शक्तियों का दुरूपयोग करके मशीनों में गड़बड़ी करती है, और धोखाधड़ी से चुनाव जीतती है।

 

सौरभ भरद्वाज द्वारा किये गए प्रयोग और पिछले कुछ सालों में देश के अलग-अलग राज्यों में चुनावों के दौरान सामने आई घटनाओं से ये साबित होता है कि EVM मशीन में गड़बड़ी की जा सकती है, और भाजपा इसी का फायदा उठाकर देश के आम नागरिक के लोकतान्त्रिक अधिकार का हनन कर रही है, और धोखेबाजी से चुनावों में जीत हासिल करती है।

मीडिया के माध्यम से संजय सिंह ने कहा कि जिन-जिन पार्टियों ने EVM मशीनों के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराया है, मैं उन सबसे संपर्क करुंगा, और कोशिश करुंगा कि सब एकजुट होकर ईमानदार चुनाव प्रक्रिया के पक्ष में खड़े हों, साथ ही साथ संजय सिंह ने केंद्र और चुनाव आयोग से आग्रह किया कि दुनिया भर के देशों में बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाता है, आप भी धोखाधड़ी की ये राजनीती छोड़कर ईमानदारी से बैलेट पेपर प्रक्रिया से चुनाव कराने की प्रक्रिया को अपनाएं और चुनाव प्रक्रिया पर देश की जनता का जो भरोसा है उसे बरक़रार रखने में सहयोग करें।

 

Indian democracy is in danger due to Modi govt’s EVMs manipulation ahead of 2019 general elections

·         VVPAT machines have not been purchased despite Supreme Court orders

·         Despite Centre’s affidavit in Supreme Court committing purchase of over 16 lakh VVPATs, only three and a half lakh VVPATs purchased so far.

The intention of Narendra Modi government on the Electronic Voting Machines (EVMs) is highly suspect and Indian democracy is in danger ahead of the 2019 general elections given the complete lack of impartiality on the part of Election Commission.

Addressing the media, party’s chief spokesperson Saurabh Bharadwaj and senior party leader and Rajya Sabha MP Sanjay Singh said the next general elections should be conducted through ballot papers in case the EC cannot ensure 100 % VVPATs.

Mr Bharadwaj said that the Supreme Court had in 2013 ordered the Election Commission and the Central Government to insert VVPAT in every EVM to secure the trust of voters.

The Supreme Court had strictly ordered the Election Commission and the Central Government to connect every EVM to VVPAT before 2019 general elections, and the Centre had assured the Supreme Court by giving an affidavit in 2014 which stated that the Centre would fund the Election Commission for purchasing VVPAT  machines. Shockingly, the Centre did not bother to pay money to the Election Commission till 2017, Mr Bharadwaj said.

According to the survey about 16,50,000 VVPAT machines should have been stored in the different District Offices by September so that it could be tested and practiced for  its use in 2019 Elections but according to the sources only 3,48000 VVPAT machines have been purchased till now which is only 22% of the total requirement. This simply proves the corrupt strategies of BJP for the upcoming elections of 2019.

Sanjay Singh said that the votes from the old EVMs which are without VVPAT  automatically goe to BJP no matter whom the voters vote for. The review of any incident of the country be it Kanpur’s Municipal Corporation Election or incident of Bhind in Madhya Pradesh where the DM witnessed the demo and the result was there for everybody to have seen.

Mr Singh also said that the objections of the political parties can be rejected or avoided but the orders of the Supreme Court cannot in any case be unheard. If any election is held by the end of the year then it will be very easy for BJP to carry out the fraud as the old machines will be used and all the votes shall be automatically cast  in favour of BJP.

He requested the Election Commission and the Central Government to ensure free and fair elections so that the trust of the citizens in India’s electoral process is not eroded. India is the biggest democracy and it must have a fair election process.

The Election Commission and the Government must not conduct elections with the old and rejected EVMs. He also urged all the political parties to unite and decide on conducting the election process with ballot papers, in case the VVPAT machines are not installed for all EVMs.

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sudhir

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