Press release/ AAP/16Feb2018
लैटर-ऑफ़-अंडरटेकिंग के खेल से लूटा जाता है बैंकों में रखा जनता का पैसा, नीरव के अलावा और कितने मामले? सरकार लाए श्वेत पत्र : एनडी गुप्ता
पार्टी कार्यालय में प्रैस कॉंफ्रेस करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि ‘यह बहुत सामान्य सी बात है कि अगर आपको 11330 रुपए का भी लोन लेना हो तो आपको कई कागज़ात बैंक को देने होंगे। तब भी आपको बैंक लोन दे देता इसकी कोई गारंटी नहीं है। लेकिन अगर आप बड़े उद्योगपति हैं और सरकार में बैठे लोग आपके दोस्त हैं तो आपको 12000 हज़ार करोड़ रुपए भी आसानी में मिल जाएंगे और आप देश को छोड़कर भी भाग सकते हैं।
नीरव मोदी के मामले में कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर लांछन लगा रहे है। लेकिन हक़कीत यह है कि भ्रष्टाचार की गाड़ी को बीजेपी तो कांग्रेस से भी तेज़ चला रही है।
दिनेश दुबे नामक व्यक्ति का एक मेल लीक हुआ है। दरअसल दिनेश दुबे इलाहाबाद बैंक बोर्ड के सरकारी नोमिनी मेंबर थे, दिनेश दुबे का जो मेल लीक हुआ है, वो मेल RBI को किया गया था।
जिसमें ये बात सामने आई कि गीतांजलि जेम्स 50 करोड़ रुपए का लोन देने की तैयारी हुई थी, आपको बता दें कि गीतांजलि जेम्स नीरव के मामा मेहुल चोकसी की है। दिनेश दुबे ने मेहुल चोकसी को 50 करोड़ रुपए के लोन का ये कहकर विरोध किया कि पहले चोकसी की कम्पनी से 1500 करोड़ रुपए के लोन की वसूली की जाए उसके बाद दूसरे लोन के बारे में बात की जाए, बाद में दिनेश दुबे पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।
छोटे मोदी जी हमारा और आपका सबका पैसा लेकर देश से भाग गए हैं। अगर मोदी के लूटतंत्र के पैसे की देश की आबादी से अनुपात करेंगे तो मालूम पड़ता है कि देश के हर आदमी के 92 रुपए लेकर चला गया है। जिस व्यक्ति की 50 ठिकानों पर पर छापा पड़ा हो। फाइनेंस मिनिस्टर को इस बात की जानकारी है कि ये आदमी नियमित तौर पर आर्थिक मामलों में आरोपी है तो कैसे वो आदमी प्रधानमंत्री के साथ दावोस में सरकारी दौरे पर घूम रहा है और पीएम के साथ फोटो खिंचा रहा है। और फिर ऐसे लोगों के किए गए घोटाले का नुकसान पूरा करने के लिए देश की जनता पर टैक्स लगाया जा रहा है। मोदी देश लूटो योजना के तहत जो बैंक में बचा है उसको भी लूटने का काम मोदी सरकार कर रही है। नीरव मोदी के मामले में प्रधानमंत्री मोदी जी के कार्यालय और वित्त मंत्रालय को देश की जनता को जवाब देना चाहिए।
जितने भी लैटर ऑफ़ अंटरटेकिंग बैंकों द्वारा दिए जा रहे हैं और दिए गए हैं उन सबकी जांच होनी चाहिए और इसका पूरा ऑडिट होने की ज़रूरत है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एन डी गुप्ता ने कहा कि ‘2014 के चुनाव में मोदी जी ने वादा किया था कि ब्लैक मनी की लिस्ट है जिनका पैसा विदेशों में जमा है, बाबा रामदेव भी ब्लैक मनी होल्डर्स की एक लिस्ट लेकर घूमते थे, लेकिन अब वो लिस्ट गायब हो गई है। 17 हज़ार करोड़पति इस देश को छोड़कर चले गए हैं। ये लोग कौन थे और ये देश का कितना पैसा लेकर देश से बाहर गए हैं वो साफ़ होना चाहिए। सरकार को इसे लेकर एक श्वेत पत्र लाना चाहिए जिससे देश की जनता को सारी जानकारी मिल सके।
दरअसल लैटर ऑफ़ अंटरटेकिंग के सहारे कुछ लोग दूसरी बैंकों से पैसा अपने एस्क्रो अकाउंट में ले लेते हैं और बाद में अगर वो लोग अगर लैटर जारी करने वाली बैंक को पैसा नहीं देते हैं तो वो सारा पैसा बैंक के नुकसान में जुड़ जाता है। नीरव मोदी भी इसी तरह से देश के लोगों का पैसा लेकर भागा है और हमें शक है कि जो 17 हज़ार करोड़पति लोग देश छोड़कर गए हैं वो भी लैटर ऑफ़ अंडरटेकिंग लेकर ही देश की बैंकों का पैसा लेकर भागे हैं।
दरअसल ये पूरा बैंक स्कैम सरकार-बैंक मैनेजमेंट और उद्योगपतियों की आपसी गठबंधन से होता है। नीरव मोदी के मामले में भी जब पीएनबी में आए नए बैंक अधिकारी ने इस केस की पड़ताल की और आगे लैटर ऑफ़ अंडरटेकिंग देने से मना किया तो वो अपने परिवार समेत देश छोड़कर भाग गया। नीरव मोदी का मामला तो बहुत सारे मामलों में एक मामला है, और कितने ऐसे मामले हैं इसकी जांच होनी चाहिए और केंद्र सरकार इसे लेकर एक श्वेत पत्र लेकर आए ताकि देश की जनता के सामने सच आ सके।
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