Scrollup

पूरे देश में पैट्रोल-डीज़ल के दाम आसमान छू रहे हैं जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम इतनी उपर नहीं है जिस हिसाब से पैट्रोल के दाम ये तेल कम्पनियां बढ़ा रही हैं। दिल्ली में पैट्रोल के दाम 70.39 पैसे हैं जबकि मुम्बई में 79.5 पैसे हैं जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे के दाम इस वक्त 53.63 डॉलर प्रति बैरल पर हैं। समझ नहीं आता कि जब क्रूड ऑयल के दाम नहीं बढ़ रहे तो भारतीय बाज़ार में पैट्रोल-डीज़ल के दाम क्यों बढ़ाए जा रहे हैं? निश्चित ही यह एक बड़े घोटाले का संकेत देता है।

पार्टी कार्यालाय में आयोजित हुई प्रैस कॉंफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि ‘पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल के दाम में अचानक से 8 रुपए की बढ़ोतरी हुई है और हैरानी की बात है कि साल 2014 में जब बीजेपी केंद्र की सत्ता में आई थी तब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम 109 डॉलर प्रति बैरल पर थे और तब भी पैट्रोल के रिटेल प्राइस 70 रुपए के आसपास थे और अब जब साल 2017 में कच्चे के दाम 53 डॉलर प्रति बैरल हैं तब भी पैट्रोल के दाम 70 रुपए पर हैं। ये आंकड़ें दर्शाते हैं कि कहीं ना कहीं कुछ भारी गड़बड़ तो ज़रुर है।‘

‘भारत सरकार कह रही हैं कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, प्राइवेट कम्पनियां ही तेल के दाम तय करती हैं। हमारा मानना है कि इस पूरे खेल में एक बड़ा घोटाला अंजाम दिया जा रहा है और कहीं ना कहीं किसी ना किसी को बहुत बड़ा फ़ायदा पहुंचाया जा रहा है।‘

‘बेतहाशा बढ़ रही तेल की क़ीमतों को लेकर आम आदमी पार्टी देशभर में अपना विरोध प्रदर्शन जताएगी और इसके बारे में जल्द ही मीडिया को सूचना दी जाएगी।‘  पैट्रोल के दाम में हो रही इस बेतहाशा बढ़ोतरी से जुड़े कुछ आंकड़ें इस प्रकार हैं

  1. – साल 2013 में जब डॉलर के मुकाबले रुपया 63 रुपए 88 पैसे पर था तब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत 108.83 डॉलर प्रति बैरल पर थी और भारत में डीज़ल के दाम रुपए 46.95 पर थे।
  2. – अब जब डॉलर के मुकाबले रुपए घटकर 60 हुआ और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत 134 प्रतिशत की भारी गिरावट के बाद 47 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई लेकिन ऐसी स्थिति में भारत में डीज़ल के दाम घटने कि बजाए 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 57 रुपए पर पहुंच चुके हैं।
  3. – जनवरी 2016 में जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी लेकिन भारत में उस वक्त पैट्रोल के दाम 56.61 पैसे और डीज़ल के दाम 46.43 रुपए पर थे।
  4.  – पिछले तीन साल में पैट्रोलियम पदार्थों पर सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी 380% की बढ़ोतरी हुई है। बीजेपी शासित पिछले तीन साल में पैट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी 11.77 रुपए बढ़ी है जबकि डीज़ल पर ये 13.47 रुपए की रही।
When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

sudhir

2 Comments

Leave a Comment