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केंद्र की भाजपा सरकार ही अध्यादेश लाकर रोक सकती है दिल्ली की सीलिंग: सौरभ भारद्वाज
सीलिंग को लेकर भाजपा नहीं है गंभीर, भाजपा की लापरवाही से दिल्ली की जनता और व्यापारी मुसीबत में
दिल्ली में चल रही सीलिंग का सिर्फ़ एक ही समाधान है और वो समाधान केंद्र की बीजेपी सरकार के पास है। भाजपा की सरकार अध्यादेश लाती है तो ही दिल्ली की सीलिंग रुक सकती है लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर रही है। सीलिंग को रोकने का एक ही समाधान है और वो है अध्यादेश, अध्यादेश और सिर्फ़ अध्यादेश।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रैस कॉंफ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘राजधानी दिल्ली में पहली सीलिंग डिफेंस कॉलोनी मार्केट में हुई थी, हमने उस वक्त भी कहा था कि यह दिल्ली के व्यापारियों से पैसा इकठ्ठा करने की एक साज़िश है। व्यापारियों को बेवकूफ़ बनाया जा रहा है। पहले विजय गोयल ने व्यापारियों को व्यापार को कुचलते हुए अपनी दुकान चलाई, फिर मनोज तिवारी और हरदीप पुरी ने भी बड़े-बड़े दावे किए लेकिन इनसे ना कुछ हुआ और ना होगा, हम पहले दिन से ही बोल रहे हैं कि इसका समाधान सिर्फ़ भाजपा की केंद्र सरकार के पास ही है। मोदी जी चाहेंगे तो एक दिन में सीलिंग रुक सकती है।
दिल्ली में चल रही सीलिंग सिर्फ़ और सिर्फ़ अध्यादेश से ही रुक सकती है। दिल्ली में चल रही सीलिंग का सिर्फ़ यही एक समाधान है, अध्यादेश, अध्यादेश और सिर्फ़ अध्यादेश। अगर दिल्ली में सीलिंग रोकनी है तो बीजेपी की केंद्र सरकार को ही अध्यादेश लाना होगा और यह बात दिल्ली का हर व्यापारी समझ चुका है।
बीजेपी की एमसीडी ही सीलिंग करा रही है, बीजेपी की पुलिस ही व्यापारियों पर डंडे चला रही है, फिर बीजेपी के नेता ही सामने आकर व्यापारियों को कहते हैं कि हम कुछ करेंगे, मज़े की बात तो यह है कि सीलिंग को रोकने के लिए अध्यादेश भी भाजपा की केंद्र सरकार को लाना है, लेकिन बीजेपी अध्यादेश ला ही नहीं रही है। पूरी दिल्ली के लोग और व्यापारी ये बात समझ चुके हैं कि भाजपा के द्वारा ही सीलिंग कराई जा रही है और भाजपा ही सीलिंग को रुकवा सकती है।
आम आदमी पार्टी ट्रेड विंग के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि ‘डीडीए ने जो संशोधन किया उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी, व्यापारियों को ये बात बहुत अच्छे तरीक़े से समझ में आ गई है कि सिर्फ़ बीजेपी की केंद्र सरकार ही उनकी दुकानों पर हो रही सीलिंग रुकवा सकती है।
डीडीए ने जो संशोधन किए वो बहुत अधूरे और ठीक नहीं थे लिहाज़ा उनके संशोधन सुप्रीम कोर्ट में माने ही नहीं गए, हमने सीटीआई और व्यापारियों के साथ अलग-अलग स्तर पर जाकर सीलिंग को रुकवाने के लिए लड़ाई लड़ी लेकिन केंद्र सरकार की लापरवाही की वजह से ना हमारी बात सुनी जा रही है और ना ही हम व्यापारियों को सीलिंग से राहत दी जा रही है।
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