मुख्य प्रवक्ता AAP, सौरभ भारद्वाज – आज टीवी चैनल्स के माध्यम से पता चला है कि चुनाव आयोग ने संसदीय सचिव के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किया है, इस मुद्दे पर मीडिया में हो रही चर्चाओं के बीच में हम बताना चाहेंगे कि इन 20 विधायकों को कभी एक रुपए की तनख्वाह नहीं दी गई, किसी ने एक किलोमीटर भी सरकारी गाड़ी में सफ़र नहीं किया, किसी को सरकारी बंग्ला या फ्लैट भी नहीं मिला। इन विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में एक भी गवाह ऐसा नहीं मिलेगा जो ये कह सके कि उन्होंने अपने विधायक को सरकारी गाड़ी में देखा हो या फिर सरकारी घर में रहते हुए देखा हो। चुनाव आयोग का यह निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और केंद्र सरकार में बैठी भाजपा की बदले की कार्रवाई से प्रेरित है।
बता दें कि वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ए के ज्योति गुजरात कैडर के 1975 के अफ़सर हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं। श्री ज्योति पूर्व में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव एंव मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। 7 महीने पहले केंद्र सरकार में बैठी भाजपा ने श्री ज्योति को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाकर गुजरात चुनाव में खूब मनमानी की थी जिसकी शिकायत कांग्रेस पार्टी ने सार्वजनिक तौर पर बढ़चढ़ कर की थी। सोमवार को श्री ज्योति का कार्यकाल पूरा हो रहा है, अत: जाने से पहले वे इस बदले की कार्यवाही को अंजाम दे रहे हैं जिसमें कानून की सारी प्रक्रिया को ताक पर रखा गया है।
जिस तरह से सभी केंद्रीय एजेंसियों को आम आदमी पार्टी के पीछे छोड़ा गया है उससे ये साफ़ ज़ाहिर है कि केंद्र सरकार 2015 की दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार को पचा नहीं पाई है। देश के अंदर करीब दर्जनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस की सराकरों में काफ़ी संख्या में संसदीय सचिव नियुक्त किए गए हैं जिन्हें ना सिर्फ़ मोटी तनख्वाह मिलती है बल्कि मंत्रीपद के बराबर गाड़ी, बंग्ला व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।
हैरानी की बात है कि वही बीजेपी और कांग्रेस पार्टी बिना तनख्वाह और गाड़ी-बंग्ले वाले दिल्ली के संसदीय सचिवों की नियुक्ति को भ्रष्टाचार बता रही हैं।
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