PressRelease/AAP/22ndFeb2018
संविधान का पालन ना करके बीजेपी के प्रति जवाबदेह बने हुए हैं LG
दिल्ली में दो तरह की पक्षपातपूर्ण कानून व्यवस्था चला रहे हैं LG और BJP
सचिवालय में मंत्री के साथ मारपीट करने वाले लोगों की पहचान सामने, पुलिस ने साधी चुप्पी
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को बर्खास्त करने की साज़िश भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर हो रही है और एलजी एंव दिल्ली पुलिस उनकी मंशा को पूरा करने में जी-जान से जुटे हैं। इसी कड़ी में मुख्य सचिव की सिर्फ़ मौखिक शिकायत पर और बिना किसी सुबूत के हमारे दो विधायकों को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन दिल्ली सचिवालय में आम आदमी पार्टी के नेता एंव मंत्री के साथ हुई मारपीट के वीडियो सुबूत होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता आशुतोष ने कहा कि ‘लगता है कि दिल्ली के अंदर कानून का शासन नहीं है, यहां उपराज्यपाल एंव दिल्ली पुलिस संविधान के हिसाब से नहीं चलते हैं। एलजी साहब ने संविधान का पालन करने की शपथ ली थी और ऐसे ही पुलिस कमिश्नर ने भी संविधान के हिसाब में काम करने की शपथ ली थी लेकिन पिछले चार दिनों से आप देख कर रहे हैं कि दिल्ली पुलिस और उपराज्यपाल महोदय के द्वारा कानून का माखौल उड़ाया जा रहा है। कानून की नज़र में तो सब बराबर होते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस ने मुख्य सचिव की सिर्फ़ मौखिक बात पर ही हमारे विधायकों को आनन-फ़ानन में गिरफ्तार कर लिया, वहीं दूसरी तरफ़ सचिवालय में हमारे मंत्री के सहयोगी हिमांशु समेत कुछ और लोगों को पीटा गया, जिसका बाकायदा वीडियो सुबूत मौजूद है। डीडीसी के चेयरमैन पर हमला किया गया लेकिन फिर भी पुलिस की तरफ़ से ना तो हमारी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है औरो नाही अब तक किसी की गिरफ्तारी ही की गई है।
एलजी साहब और पुलिस जो संविधान की शपथ लेते हैं, वो आज राजनीतिक हथियार बनकर आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ पक्षपातपूर्ण तरीक़े से काम करते हुए नज़र आ रहे हैं। एलजी साहब सीधे तौर पर बीजेपी के एंजेंट के तौर खुलकर सामने आ गए हैं और उनके राजनीतिक हथियार के तौर पर काम कर रहे हैं और दिल्ली की सरकार को उखाड़ फेंकने की साज़िश रची जा रही है। दिल्ली सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाने की योजना दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय केंद्र में बैठी बीजेपी के साथ मिलकर कर रहे हैं।
सचिवालय में आम आदमी पार्टी की सरकार के मंत्री इमरान हुसैन और उनके सहयोगियों पर किए गए हमले और डीडीसी चेयरमैन एंव आप नेता आशीष खेतान पर किए गए हमले में जो लोग शामिल थे उनकी पहचान करके हम दिल्ली पुलिस को दे रहे हैं, अब देखना ये है कि क्या ठीक उसी तरह से इनकी भी गिरफ्तारी पुलिस करेगी जैसे पुलिस ने आनन-फ़ानन में आम आदमी पार्टी के विधायकों को गिरफ्तार किया है।
- खत्री, एलडीसी, जीएडी
- संदीप सुहाग
- सैनी, सुप्रिटेंडेंट जीएडी
- सोनू, एआर डिपार्टमेंट
- परमार, डिप्टी सेक्रेटरी, यूडी
20 फरवरी 2018, मंगलवार के दिन सुबह ठीक ग्यारह बजे के आसपास ये ख़बर मीडिया में आती है और उसके एक घंटे के अंदर ही ठीक बारह बजे आईएएस एसोसिएशन के लोगों के बयान टीवी पर आने शुरु हो जाते हैं, ऐसा होना साफ़ दिखाता है कि यह सुनियोजित तरीक़े से और पूरी साज़िश और योजनाबद्ध तरीक़े से दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चाबंदी की गई थी।
तो वहीं दूसरी तरफ़ मुख्य सचिव की एमएलसी में लिखा हुआ है कि रात 12 बजे के बाद उनके साथ मारपीट की गई लेकिन मुख्यमंत्री आवास की सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि वो साढ़े ग्यारह बजे ही मुख्यमंत्री के घर से निकल गए थे। अब अगर उनकी मेडिकल रिपोर्ट एक दम सही है तो ये बात मुख्य सचिव ही बता सकते हैं कि रात 12 बजे के बाद वो बाहर जाकर कहां मारपीट का शिकार हुए हैं, उनकी मेडिकल रिपोर्ट में लिखा हुआ है कि उनके साथ मारपीट रात के 12 बजे के बाद ही हुई है, इसका अर्थ यह है कि वो रात 2 बजे या फिर 3 बजे तक भी हुई होगी।
दिल्ली के उपराज्यपाल साहब तो पूर्व में विवेकानंद फाउनडेशन में काम कर चुके हैं जो आरएसएस का सहयोगी संगठन है। तो फिर एलजी साहब से किसी भी संवैधानिक दायित्व को निभाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? दिल्ली के एलजी साहब पक्षपात पूर्ण तरीके से आम आदमी पार्टी और हमारी सरकार के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को गिराना चाहते हैं।
सुबूतों अनुसार ये साफ़ हो जा रहा है कि मुख्य सचिव सफेद झूठ बोल रहे हैं और अगर ऐसा है तो मुख्य सचिव पर झूठे आरोप लगाने के लिए मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी की इशारे पर ये पूरा षडयंत्र रचा जा रहा है जिसमें दिल्ली की सरकार को बर्खास्त करने की पुरज़ोर कोशिश हो रही है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एंव राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ‘दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी एलजी और मुख्य सचिव के कंधे पर बंदूक रखकर आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहती है। छोटी सी बात को बड़ा करके ऐसे दिखाया जाता है जैसे मानो आम आदमी पार्टी के लोगों को कोई ऐसा गुनाह कर दिया है जिसके लिए उन्हें फ़ांसी लगा दी जानी चाहिए।
मुख्य सचिव की एमएलसी अगर सही है तो फिर सवाल ये है कि मुख्य सचिव के चेहरे पर वो घाव कहां से आए? किसने मुख्य सचिव के साथ मारपीट की गई? क्योंकि मुख्यमंत्री के घर से तो वो रात साढ़े ग्यारह बजे ही निकल गए थे और उनकी एमएलसी में उनके साथ मारपीट रात 12 बजे के बाद बताई गई है। या तो मुख्य सचिव झूठ बोल रहे हैं या फिर वो एमएससी ही फ़र्ज़ी है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराने के लिए भारतीय जनता पार्टी आखिर क्यों मुख्य सचिव को हथियार बना रही है, क्यों पर्दे के पीछे कायरों वाले षडयंत्र रच रही है बीजेपी?
बीजेपी शासित राज्यों में कुछ लोगों को जिंदा सड़क पर जलाकर मार दिया जाता है, अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाता है, बीजेपी शासित राज्यों में न्यायलय पर भगवा झंडा लहरा दिया जाता है लेकिन बीजेपी के राज्यों में कोई संवैधानिक आपातकाल नहीं होता है, बस दिल्ली में ही मुख्य सचिव के बिना सुबूत के एक मौखिक बयान पर संवैधानिक आपातकाल घोषित कर दिया जाता है।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने राशन का सवाल क्या पूछ लिया अब बीजेपी की केंद्र सरकार दिल्ली की सरकार को बर्खास्त करने पर आमादा हो गई है।
वहीं कांग्रेस पार्टी भी बीजेपी के सुर में सुर मिला रही है लेकिन हम याद दिलाना चाहेंगे कि जब उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार को केंद्र की बीजेपी सरकार ने साज़िश करके गिराया था तब सबसे पहले हमने ही ये कहा था कि किसी भी चुनी हुई सरकार को साज़िशन गिराना ठीक नहीं हैं, लेकिन बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज कांग्रेस पार्टी भी भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी की सरकार गिराने का समर्थन कर रही है।
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