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दिल्ली सरकार के मना करने के बावजूद दिल्ली मेट्रो बढ़ा रही है किराया

दिल्ली में मेट्रो में सफ़र करना कोलकाता के मुकाबले महंगा है। कोलकाता भी एक मेट्रो शहर है और कोलकाता में मेट्रो ट्रेन की शुरुआत दिल्ली से भी पहले हुई थी लेकिन बावजूद इसके कोलकाता में मेट्रो ट्रेन का किराया दिल्ली मेट्रो के मुकाबले बेहद कम है। दिल्ली सरकार ने लिखित में किराया बढ़ाने का विरोध किया था लेकिन डीएमआरसी और केंद्र सरकार ज़बरदस्ती आम जनता की जेब काटने पर आमादा हैं।

प्रेस कॉंफ्रेस में बोलते हुए पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘जहां दिल्ली मेट्रो में पहले 5 किलोमीटर का किराया 10 रुपए है वहीं कोलकाता में पहले 5 किलोमीटर के सफ़र का किराया 5 रुपए है, अधिकतम किराए की बात करें तो दिल्ली में जहां 32 किलोमीटर और उससे ज्यादा का सफ़र मेट्रो में करने पर 50 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं वहीं कोलकाता में 25 किलोमीटर और उससे ज्यादा का सफ़र करने के लिए 25 रुपए का अधिकतम किराया लगता है। कोलकाता भी एक मेट्रो शहर है लेकिन बावजूद इसके दिल्ली में कोलकाता के मुकाबले मेट्रो का किराया ज्यादा है।

जहां तक बात फ़ेअर फ़िक्सेशन कमिटी में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधित्व की है तो दिल्ली सरकार की तरफ़ से कमिटी के सदस्य रहे के के शर्मा ने दिल्ली सरकार का 30 जून का वो पत्र भी कमिटी को सौंपा था जिसमें मेट्रो किराया बढ़ाने का पुरज़ोर विरोध दिल्ली सरकार ने किया था। हमारा सिर्फ़ यही कहना है कि जब दिल्ली सरकार के मत को महत्व ही नहीं दिया गया तो कमिटी में एक चुनी हुई सरकार के प्रतिनिधि को शामिल करने का फ़ायदा क्या हुआ? किराया बढ़ाने में डीएमआरसी और केंद्रीय मंत्रालय अपनी मनमर्ज़ी चला रहे हैं।

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sudhir

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