– दिल्ली जल बोर्ड ने 159 झीलों के जीर्णोद्धार हेतु रू0 376 करोड़ रूपये अनुमोदित किये
– दिल्ली जल बोर्ड ने रोहिणी तथा निलोठी में दो बड़ी झीलों को सृजित करने के लिए रू0 77 करोड़ स्वीकृत किये
– संपूर्ण दिल्ली में 200 झाीलों को पुर्नजीव प्रदान माननीय मुख्यमंत्री जी के सपनों को मूर्त रूप देने की दृश्टि में महत्वपूर्ण कदम
एक महत्वपूर्ण निर्णय के अंतर्गत जिससे भूजल स्तर को बढ़ाने, अन्य लाभों के साथ अतिरिक्त पानी के रिर्जव का सृजन, दिल्ली जल बोर्ड ने 24 दिसम्बर,2018, सोमवार को 159 जल निकायों का संपूर्ण दिल्ली में पुर्नजीवित करने के साथ साथ बड़ी झीलों, निलोठी सीवेज उपचार संयंत्र तथा रोहिणी सीवेज उपचार संयंत्र पर पुर्नजीवित करने की स्वीकृति प्रदान की है ं।
159 झीलों के पुर्नजीवन हेतु रू0 376 करोड़ की स्वीकृति तथा दो बड़ी झीलों के सृजन हेतु रू0 77 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गयी है ।
निलोठी एवं रोहिणी की बड़ी झीलों की स्वीकृति के उपरांत दिल्ली में कुल पांच झीलें हो जाएगीं । द्वारका तथा नजफगढ़ पहले से ही स्वीकृत है एवं तिमारपुर की स्वीकृति जल्द हो जाएगी ।
झील का संचयी क्षेत्र 350 एकड़ से ऊपर फैला जिसमें पानी की झमता 1581 मिलियन लीटर अथवा 135 मिलियन गैलन है । जल निकायों को वैज्ञानिक तौर पर आकार दिया गया जिससे अधिकतम उपलब्धता तथा भूजल को रिचार्ज किया जा सकेगा । वर्षा जल के अलावा, उपचारित पानी जोकि सीवेज उपचार संयंत्र से उपलब्ध होगा । प्राकृतिक भूमि की सिंचाई तथा अन्य तरीकों से पूरे वर्ष जल निकाय क ेजल स्तर को अनुरक्षित रखा जा सकेगा । इस कदम से दिल्ली के गिरते हुए जल स्तर में संवर्धन के साथ दिल्ली में निरंतर जल आपूर्ति को बनाए रखा जा सकेगा तथा अतिरिक्त पानी को धरती से निकाल कर दिल्ली की जल आपूर्ति को जल आवष्कता हो बढ़ाया जा सकेगा ।
दिल्ली जल बोर्ड द्वारा सृजित तथा पुर्नजीवित की जाने वाली झीलों के अलावा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा भी 29 झीलों को पुर्नजीवित किया जाएगा । यह कार्य मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में 200 जल निकायों को पुर्नजीवित की घोशण के क्रम में किया जा रहा है ।
विषालतम झीलों तथा बड़ी झीलों से आस-पास लैंड स्केपिंग, जन-क्षेत्र तथा खुले स्थलों पर सृजन किया जाएगा । झीलों के सही रख-रखाव के लिए अनुरक्षण परियोजना का मुख्य भाग है ।
क्षेत्र की स्थिति के रिसाव से अलग-अलग माॅडल भिन्न-भिन्न झीलों के लिए उपयोग किये पायेंगे । कुछ स्थानीय क्षेत्र के सीवेज पानी को उपचारित करेंगे और वे जो सूखा क्षेत्र में है । उन्हें आस-पास के क्षेत्रों के सीवेज उपचार संयंत्र से जीवित किया जाएगा ।
159 झीलों को पुर्नजीवित करने की कुल लागत रू0 376 करोड़ आएगी । जबकि रोहिणी मेघा झील की कुल लागत रू0 53.85 करोड़ है और 25 एकड़ निलोठी मेघा झील की कुल लागत रू0 23.5 करोड़ है ।
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