आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार के कड़े विरोध के बावजूद दिल्ली मेट्रो ने मंगलवार से मेट्रो ट्रेन के किराए में बढ़ोतरी कर दी है। जनता में भी इस किराया बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ जबरदस्त रोष है, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेट्रो किराया बढ़ोतरी का विरोध किया लेकिन दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) बोर्ड ने किराए के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि पांच महीने के अंदर ही दिल्ली मेट्रो के किराए में यह दूसरी बढ़ोतरी है।
मेट्रो की क़ीमत में बढ़ोतरी को लेकर आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग स्तर पर और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भी इसका विरोध किया लेकिन केंद्र ने दिल्ली सरकार, आम आदमी पार्टी और आम जनता की एक ना सुनी और मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी कर दी।
Out of 16, Del Govt has 5 Directors, who opposed but Centre adament. Hike too steep. Centre shud hv been more considerate for common man https://t.co/luxySDb2Sf
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 9, 2017
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि ‘दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाकर केंद्र सरकार दरअसल निजी कैब कम्पनियों को फ़ायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है, दिल्ली मेट्रो बोर्ड के 16 सदस्यों में से दिल्ली सरकार के 5 प्रतिनिधियों ने किराया बढ़ोतरी का विरोध किया लेकिन केंद्र सरकार के 11 प्रतिनिधियों ने किराया बढ़ोतरी का पक्ष लिया, केंद्र सरकार को जनता की भी सोचनी चाहिए’
दिल्ली मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी का आम जनता भी विरोध कर रही है
सोमवार को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया था जिसे विधानसभा ने पास कर दिया। लेकिन बावजूद इसके दिल्ली मेट्रो ने किराया बढ़ा दिया।
हम कानूनों की गुलाम सरकार नहीं है, हम दिल्ली की जनता की गुलाम सरकार है – @msisodia pic.twitter.com/N40SjsTIQd
— AAP (@AamAadmiParty) October 9, 2017
सदन में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मेट्रो की बढ़ते किराए पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि “बड़ी प्राइवेट टैक्सी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाया जा रहा हैं। इससे निजी कैब कम्पनियों को प्रमोट करने और उनको फायदा पहुँचाने की एक साजिश हैं’
सिसोदिया ने साथ ही कहा कि ‘हम किराया नहीं बढ़ने देना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसे रोकने के लिए हमसे 3,000 करोड़ रुपये मांग रही है, जैसे अंग्रेज लगान लेते थे। लेकिन फिर भी जनता की भलाई के लिए दिल्ली सरकार अपने हिस्से का 1500 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार है, अगर सच में केंद्र सरकार चाहती है कि किराया नहीं बढ़े तो अपने हिस्से का 50 पर्सेंट दें,“
"बड़ी प्राइवेट टैक्सी कंपनीयों को फायदा पहुंचाने के लिए बेवजह बढ़ाया जा रहा है दिल्ली मेट्रो का किराया"- @msisodia #BJPHikesMetroFare pic.twitter.com/PlAfkGF6s2
— AAP (@AamAadmiParty) October 10, 2017
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