CPCB must publish a comprehensive report which will include shares of all factors causing pollution in Delhi: Gopal Rai
Agencies must stop protecting the failures of neighbouring states & blaming people of Delhi for pollution: Gopal Rai
Its time to find out the reasons of pollution in Delhi and solve the problem but not to play the blame game: Gopal Rai
NEW DELHI
The Aam Aadmi Party on Friday urged the Central Pollution Control Board to come out with comprehensive data including all the factors of the Delhi’s pollution. “I want to request the CPCB to present an analysis report which will include the share of pollution from dust, motor vehicle, industries, burning, stubble burning and others,” said AAP Delhi’s convenor Mr Gopal Rai. The statement came as a reaction to the claim of the CPCB that in Delhi only 7% of pollution is caused by the stubble burning in neighbouring states.
Mr Rai said, “In the last few days there is a spike in Delhi’s pollution levels and some of the agencies are have become hyperactive with the claim that the people of Delhi are responsible for this spike.
He added that the Central Pollution Control Board (CPCB) claimed that the spike in pollution due to the stubble burning is only 7%. “We are not understanding without finding out the reason for the pollution spike and to solve the problem why the agencies are so active in claiming that stubble is not causing this pollution spike,” asked Mr Rai.
He further said, “SAFAR data claimed only 2% of Delhi’s pollution spike is due to the stubble burning in the neighbouring states. CPCB is claiming that stubble burning causes only a 7% spike in pollution and the Supreme Court-appointed committee headed by Mr Bhure Lal is claiming that a 10% spike in pollution happens due to stubble burning. Whereas, TERI claims that 64% of pollution in Delhi is external.”
Mr Rai said that AAP believes that whatever be the data it is not helping the people of Delhi. The job of these agencies is to find out and solve the problem of pollution and not to act as machinery to suppress the failures of the neighbouring states. “Why the agencies are interested in protecting the neighbouring states and blame Delhi? It is very clear that till September the Air Quality of Delhi was good which means that the Delhi govt and the people of Delhi have worked most consistently to bring down pollution. By the relentless work of Delhi’s people, the pollution level went down 25% in Delhi. This has not happened, in Noida or Ghaziabad or Faridabad,” said Mr Rai.
He said that the Delhi govt is working towards making Delhi’s air clean therefore we are coming up with various steps such as odd-even. “Last time when we brought odd-even then all the agencies acted against us and I request them today that it is not the time to play the blame game but fo fight pollution collectively.”
केंद्र की एजेंसी बताएं अगर पराली से बस 7% प्रदूषण तो बाकी 93% प्रदूषण कहाँ से हो रहा है: गोपाल राय
भाजपा शासित सभी सरकारी संस्थान दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य की चिंता छोड़ पड़ोसी राज्य की सरकारों की नाकामियों को छुपाने में लगी हुई है :गोपाल राय
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2019
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण केंद्रीय संस्थानों में एक होड़ सी लग गई है दिल्ली के लोगों को दोषी ठहराने के लिए। ऐसा लगता है जैसे कि सारी की सारी केंद्रीय एजेंसियां पड़ोसी राज्य यूपी, हरियाणा और पंजाब में जलाई जा रही पराली से होने वाले प्रदूषण के बचाव में लग गई हैं।
सीपीसीबी द्वारा की गई प्रेस वार्ता का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सीपीसीबी ने कहा है कि पराली जलने से मात्र 7% प्रदूषण की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले SAFAR ने भी कुछ आंकड़े जारी करते हुए कहा था कि पराली जलाने से मात्र 1% प्रदूषण की बढ़ोतरी हो रही है। भूरे लाल जी की कमेटी ने कहा था कि पराली जलाने से मात्र 10% प्रदूषण हो रहा है।
यह बात बिल्कुल समझ के परे है कि सारी सरकारी एजेंसियां इस बात की चिंता करने के बजाय कि दिल्ली में प्रदूषण क्यों बढ़ रहा है और उसका समाधान क्या है, पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से होने वाले प्रदूषण का बचाव करने में लगी हुई है। समझ नहीं आ रहा है कि पराली जलने से जो प्रदूषण हो रहा है सारी सरकारी एजेंसियां उसके प्रवक्ता के रूप में काम करने में क्यों लगी हुई है? क्यों सारे सरकारी संस्थान दिल्ली के लोगों को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं?
गोपाल राय ने कहा कि अलग-अलग सरकारी संस्थान अलग अलग डाटा प्रस्तुत कर रहे हैं। कोई कहता है कि 1% प्रदूषण पराली से हो रहा है, कोई कहता है 7% प्रदूषण पराली से होता है, कोई कह रहा है कि 10% प्रदूषण पराली से हो रहा है। परंतु आम आदमी पार्टी यह पूछना चाहती है की इन सरकारी संस्थानों की रुचि दिल्ली की जनता को बढ़ रहे प्रदूषण से बचाने में है, या के फिर पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलने से हो रहे प्रदूषण को रोक पाने में सरकार की नाकामियों को छुपाने में है?
पूरा देश इस बात को बेहतरी से जानता है कि दिल्ली के लोगों ने पिछले 5 साल में पूरी मेहनत के साथ दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सभी संभव प्रयास किए हैं और जिसका परिणाम यह हुआ कि दिल्ली एकमात्र ऐसा देश का राज्य है जहां पर प्रदूषण 25% घटा। दिल्ली के पड़ोस में ही उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद शहर पड़ता है, दिल्ली के पड़ोस में ही उत्तर प्रदेश का नोएडा शहर पड़ता है और दिल्ली के पड़ोस में ही हरियाणा का फरीदाबाद शहर भी स्थित है, परंतु इन सभी शहरों में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। केवल दिल्ली की जनता के 5 साल के प्रयासों के कारण ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 25% घटा। सारी एजेंसियां दिल्ली की जनता के प्रयासों की सराहना करने के बजाए इस बात को कहने में लगी हुई है कि पराली से मात्र थोड़ा सा प्रदूषण हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि दिल्ली के लोग दोषी साबित हो रहे हैं।
गोपाल राय ने कहा कि केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से हमारा निवेदन है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली की जनता यह जानना चाहती है, कि दिल्ली में आज की तारीख में जो प्रदूषण की स्थिति है उसमें पराली के जलने से कितना प्रतिशत प्रदूषण हुआ, डस्ट की वजह से कितना प्रतिशत प्रदूषण हुआ, मोटर व्हीकल की वजह से कितना प्रतिशत प्रदूषण हुआ और अन्य चीजों के कारण कितना प्रतिशत प्रदूषण हुआ, उसका एक संपूर्ण निरीक्षण करके रिपोर्ट तैयार करें और दिल्ली की जनता के साथ उसको साझा किया जाए, उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा जिस तरह से यह आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है, इससे दिल्ली की जनता के जनजीवन को प्रदूषण से बचाने में कोई मदद नहीं मिलने वाली।
गोपाल राय ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि जब दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण के लिए सारी सरकारी एजेंसियां और भारतीय जनता पार्टी के नेता गण दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और दिल्ली की जनता को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब हमने दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ऑड ईवन की शुरुआत की थी, उस समय भी सभी संस्थानों ने एवं भाजपा के सभी नेताओं ने कहा था के ऑड इवन से प्रदूषण कम नहीं होगा। उस समय भी सभी सरकारी संस्थानों ने अपने आंकड़े जारी करते हुए कहा था कि मोटर व्हीकल से तो मात्र कुछ प्रतिशत ही प्रदूषण होता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले महीने तक प्रदूषण का स्तर जो सामान्य था, तो अचानक से दिल्ली में ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से प्रदूषण बढ़ गया? उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर जाहिर है कि एक तरफ तो हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के खेतों में पराली जलती है, वहीं दूसरी तरफ अचानक से दिल्ली का प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है। इस बात से यह साबित होता है कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह पड़ोसी राज्यों में पराली का जलना है।
गोपाल राय ने कहा कि अगर सरकारी संस्थान का मानना है कि पराली से मात्र 7% प्रदूषण हो रहा है, तो वह बताएं कि बाकी का 93% प्रदूषण किस चीज से हो रहा है। सरकारी संस्थानों को सुझाव देते हुए गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार हर पहल के लिए तैयार खड़ी है। सरकारी संस्थान पड़ोसी राज्यों की पैरवी करने के बजाए सरकार के साथ मिल जुलकर दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के बारे में शोध करें और दिल्ली की जनता को दोषी ठहराने के बजाय उनके जीवन को प्रदूषण से किस प्रकार बचाया जा सकता है इस बात पर विचार करें।
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