21 नवम्बर 2017 को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की बैठक में ज़ोरदार हंगामा हुआ। निगम के मनोनीत सदस्य बी.एस. जून ने दिल्ली नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर निगम के कमिश्नर से जवाब मांगा था लेकिन कमिश्नर ने कोई जवाब नहीं दिया। निगम यह बता पाने में अक्षम है कि उसने पिछले तीन साल में कितनी ईमारतों को अनियमितता के चलते बुक किया और कितने इंजीनियर्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई की। इसके चलते निगम के विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन में ज़ोरदार हंगामा किया और निगम के मेयर और कमिश्नर के इस्तीफ़े की मांग की।
आपको बता दें कि मनोनीत सदस्य बी एस जून ने 30 अगस्त को कमिश्नर से इस बारे में जवाब मांगा था लेकिन ना तो कमिश्नर ने ही इसका जवाब दिया और ना ही सदन के अंदर मेयर ही इसे लेकर कोई जवाब दे पाईं। मनोनीत सदस्य ने सदन में मेयर के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार प्रस्ताव रखा तो मेयर ने बिना किसी चर्चा के और मनोनीत सदस्य का पक्ष सुने बग़ैर ही प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
क्या है निगम में भ्रष्टाचार का मामला?
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण धड़ल्ले से चलता है और इसकी आड़ में निगम में बैठे अधिकारी और नेता जमकर भ्रष्टाचार करते हैं और पैसा कमाते हैं। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षद और नेता विपक्ष रमेश मटियाला ने पूर्व में निगम से जब अवैध निर्माण से जुड़ी जानकारियां मांगी थी तो निगम के बिल्डिंग डिपार्टमेंट का जवाब हैरान करने वाला था। पूछे गए सवालों में से निगम के पास ज्यादातर सवालों का जवाब था ही नहीं।
- अगर निगम के बिल्डिंग डिपार्टमेंट ने किसी प्रॉपर्टी को सील किया तो क्या बाद में उस प्रॉपर्टी को डी-सील किया गया?
- और अगर उक्त प्रॉपर्टी को डी-सील किया गया तो क्यों किया गया?
- जिन प्रॉपर्टीज़ को डेमोलिश किया गया था वहां बाद में कोई बिल्डिंग बनी कि नहीं बनी?
- जिन प्रॉपर्टीज़ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसके पीछे क्या कारण रहा?
ऐसे ही बहुत सारे प्रश्नों का जवाब एसडीएमसी के बिल्डिंग डिपार्टमेंट के पास था ही नहीं जो उन्होंने लिखित में नेता विपक्ष को दिया है। यह बड़े हैरान करने वाली बात है कि निगम के बिल्डिंग डिपार्टमेंट के पास उसके क्षेत्र की बिल्डिंग से जुड़ी ही जानकारी नहीं है।
ज्ञात हो कि निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले चार साल में निगम ने अपने चारों ज़ोन में कुल 13772 प्रॉपर्टी को आरोपित किया था, जिनमें से 6568 प्रापर्टी को डेमोलिश किया था, 2134 को सील किया था और 5070 पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
आज सदन में तिलक नगर से विधायक और सदन में दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत सदस्य के रुप में मौजूद जरनैल सिंह ने सदन के अंदर पूर्व में निगम के नेता विपक्ष रमेश मटियाला द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मेयर से जवाब मांगा लेकिन उनको भी कोई जवाब नहीं मिला जिसके बाद सदन में काफ़ी हंगामा हुआ। हंगामे के चलते सदन स्थगित कर दिया गया।
दक्षिणी निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षद और नेता विपक्ष रमेश मटियाल के साथ आम आदमी पार्टी के सभी पार्षदों ने नगर निगम की मेयर और कमिश्नर का इस्तीफ़ा मांगा।
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