एमसीडी के कई कार्यों में भारी अनियमितताएं पाई गईं- दिलीप पांडे
दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में CAG (नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) की की रिपोर्ट पेश की गई। कैग ने अपनी रिपोर्ट में बीजेपी शासित एमसीडी की कार्यप्रणाली पर ना सिर्फ सवाल उठाए हैं बल्कि कई अनियमितताओं का भी जिक्र किया है। जिसको लेकर निगम में बैठी बीजेपी घिरती नजर आ रही है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि “लगातार तीसरी बार सीएजी ने स्पष्ट किया बीजेपी शासित एमसीडी विश्व की सबसे भ्रष्टतम संस्थाओं की लिस्ट को टॉप कर सकती है, इतनी क्षमता भाजपा शासित एमसीडी में है। उन्होंने सीएजी रिपोर्ट का हवाले देते हुए बीजेपी की एमसीडी में हुए अनियमितताओं का जिक्र किया और कहा कि “साउथ एमसीडी में एक कॉन्ट्रैक्टर को सड़क निर्माण कार्य में सड़क की लंबाई बढ़ाने को लेकर 30.92 करोड़ रुपए दिए गए। हैरानी की बात तो ये है कि सड़क के साथ नाली बनने का काम होना था जो हुआ ही नहीं”।
इसके अलावा बिज्रवासन के एरिया में ब्रिज का काम चल रहा था। जिसमें टेंडर होने के बाद बदलाव किए गए, जबकि एक बार जब टैंडरिंग हो जाती है तो फिर उसमें कोई बदलाव नहीं होता है। टैंडर प्रक्रिया में बदलाव करने की वजह से 8.33 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च हुए, आखिर कौन जिम्मेदार है इसके लिए? बीजेपी नेताओं को जवाब देना होगा कि छोटे से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंदर छोटी सी एमसीडी चलाने में वो नाकाम है। आखिर वो किस जमीन पर खड़े होकर पूरे देश में गर्वनेंस का ढिंढ़ोरा पीट रहे हैं?
आम आदमी पार्टी नेता दिलीप पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई ऐसे मामलों को उजागर किया जिसमें भारी अनियमितता पाई गईं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता है कि बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया हो? बीजेपी शासित एमसीडी सबसे भ्रष्टतम संस्थाओं में से एक है इसको लेकर हमने समय-समय पर मीडिया के सामने सुबूत पेश किए हैं। चाहें टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी का मामला हो या फिर महंगे दामों में सीसीटीवी कैमरे खरीदने का मामला हो, भारतीय जनता पार्टी ने एमसीडी को पैसे निकालने की मशीन समझकर रखा हुआ है। सीएजी की रिपोर्ट में फिर से ये बात साबित हो गई है।
आप नेता दिलीप पांडे ने दिल्ली में कथित राशन घोटाले को लेकर सीएजी रिपोर्ट के संदर्भ में एलजी अनिल बैजल को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की पूरी ब्यूरोक्रेसी एलजी के निर्देश पर काम करती है। इससे पहले राशन में घोटाले की आशंका को लेकर दिल्ली के सीएम और डिप्टी सीएम ने फूड सेक्रेटरी को हटाने की दरख्वास्त एलजी को खत लिखकर की थी लेकिन फिर भी एलजी ने कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि हम तो पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करते आए हैं अब भी बोल रहे हैं लेकिन जब सीबीआई ने जय शाह के मामले में जांच नहीं की, पीयूष गोयल के मामले में भी जांच नहीं कर रहा तो क्या अब दिल्ली में कथित राशन घोटाले में एलजी की भूमिका और जवाबदेही की भी जांच करेगी सीबीआई या नहीं?
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