सीलिंग के मुद्दे पर बात करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मंगलवार सुबह का वक्त मांगा था, मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ़ से पत्र के ज़रिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को सूचित कर दिया गया था कि मुख्यमंत्री आवास पर उनका और उनके सहयोगियों का स्वागत है। मंगलवार सुबह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अपने सहयोगियों के साथ मुख्यमंत्री आवास पर आए लेकिन अफ़सोस कि बीजेपी नेताओं की मंशा सीलिंग के मुद्दे पर बात करने से ज्यादा नाटक-नौटंकी करने की थी लिहाज़ा बीजेपी दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी सिर्फ़ अपनी बात बोलकर अपने सहयोगियों समेत वहां से भाग खड़े हुए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनसे आराम से बैठकर बात करने का अनुरोध करते रहे लेकिन बीजेपी के नेता बिना बात किए ही वहां से भाग गए।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी नेताओं से बैठने के लिए कहा, बैठकर चाय पीने के लिए कहा और सीलिंग पर तफ़्सील से बात करने के लिए कहा लेकिन बीजेपी नेता सिर्फ़ हल्ला मचा कर वहां से भाग गए। बीजेपी के नेता चाहते थे कि बंद कमरे में बात हो लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली के विधायकों के साथ मीडिया के सामने बैठकर बात करना चाहते थे क्योंकि ये दिल्ली की जनता और दिल्ली के व्यापारियों से जुड़ा गंभीर मसला है। बीजेपी नेता मीडिया के कैमरे के सामने बात करने से बचते रहे और फिर वहां से भाग गए।
दिल्ली के व्यापारी सीलिंग की मार झेल रहे हैं और दिल्ली के बीजेपी नेताओं की गंभीरता इसी बात से साफ़ नज़र आ जाती है मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सात में से सिर्फ़ 5 सांसद, 4 विधायकों में से सिर्फ़ 3 विधायक, तीन मेयर में से सिर्फ़ 2 मेयर ही सीलिंग जैसे बेहद ज़रूरी मुद्दे पर बात करने के लिए आए थे और फिर बात किए बिना ही सिर्फ़ नौटंकी करके ही वहाँ से भाग गए।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘बीजेपी की तरफ़ से मुझे एक ख़त मिला था जिसमें दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी अपने दूसरे सहयोगियों के साथ सीलिंग पर बात करने के लिए मुझसे मिलना चाहते हैं, यह जानकर मुझे बड़ी खुशी हुई और मैंने तुरंत एलजी साहब को इस बात की सूचना पहुंचाई कि दिल्ली के सभी सांसद, विधायक और मेयर को लेकर मैं आपके पास आने के लिए तैयार हूं ताकि सीलिंग को लेकर कुछ स्थाई समाधान निकालकर दिल्ली के व्यापारियों को राहत दी जा सके।
4 MPs, 3 MLAs and 2 Mayors of BJP came to meet CM @ArvindKejriwal & left the meeting without listening to him.
Are BJP representatives really serious in Traders issues or they just want to divert the issue from sealing by BJP governed authorities? pic.twitter.com/qTFRAulkXX
— AAP (@AamAadmiParty) January 30, 2018
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘ऐसा पहली बार होता कि सभी पार्टियों के लोग एक साथ मिलकर दिल्ली के व्यापारियो की समस्या को सुलझाने के लिए प्रयासरत होते और ये पूरे देश में एक उदाहरण होता। लेकिन अफ़सोस कि बीजेपी के नेता सीलिंग की समस्या का समाधान निकालने नहीं बल्कि सिर्फ़ नाटक के ज़रिए राजनीति करने आए थे।
बीजेपी नेताओं की तरफ़ से बार-बार बंद कमरे में बैठकर बात करने की बात कही गई लेकिन हमने बार-बार कहा कि ये दिल्ली के व्यापारियों और लोगों की जिंदगी और उनके व्यापार से जुड़ा मुद्दा है और अच्छा होगा कि हम सबके सामने बैठकर चर्चा करें। बीजेपी के नेता सबके सामने बात करने से डरने लगे, हमने उनसे बैठकर बात करने के लिए बार-बार कहा लेकिन वो नहीं माने और बिना बात किए वहां से भाग गए।
सीलिंग का मुद्दा बड़ा स्पष्ट है, दिल्ली में सीलिंग के मुख्यत चार कारण हैं, उन चार कारणों का ज़िक्र करते हुए अभी हाल ही में 25 जनवरी को मैंने खुद एलजी साहब को ख़त लिखा था जिसमें उनसे सीलिंग को ख़त्म करने की अपील की थी –
- पहला कारण लोकल शॉपिंग सेंटर के एफ़एआर बढ़ाने का है जिसे 180 से बढ़ाकर 300 किया जाना चाहिए, यह सिर्फ़ उपराज्यपाल महोदय के अधिकार क्षेत्र में आता है।
- नॉटिफ़ाइड कमर्शियल सड़कों पर कन्वर्जन चार्ज को बेहद कम किया जाए, ये काम भी एलजी साहब को करना है
- बेसमेंट का एफ़एआर और कन्वर्जन चार्ज तुरंत उपरी मंजली के बराबर ही अधिसूचित किया जाना चाहिए, यह काम भी एलजी साहब ही कर सकते हैं।
- कन्वर्जन चार्ज पर लेट फ़ीस को पूरी तरह से माफ़ किया जाना चाहिए, ये भी एलजी साहब ही कर सकते हैं।
हमारा तो यह मानना है कि कन्वर्जन चार्ज और लेट फ़ीस को पूरी तरह से माफ़ कर देना चाहिए क्योंकि व्यापारियों ने पिछले काफ़ी समय तक एमसीडी को कन्वर्जन चार्ज जमा कराया है और एमसीडी ने 3 हज़ार करोड़ रुपए का कन्वर्जन चार्ज इकठ्ठा किया था जिसे उन्होंने एस्क्रो अकाउंट से निकाल कर उसको डायवर्ट कर दिया और दूसरी मद में इस्तेमाल कर लिया। कानून यह कहता है कि जिन मार्केट से वो कन्वर्जन चार्ज इकठ्ठा किया था, वो सारा पैसा उन्हीं मार्केट के विकास पर ख़र्च होना था लेकिन एमसीडी ने ऐसा नहीं किया। इसलिए हमारा मानना है कि अब व्यापारियों का सारा कन्वर्जन चार्ज और पैनल्टी माफ़ कर देनी चाहिए।
.@ArvindKejriwal ने शालीनता से हाँथ जोड़कर बीजेपी नेताओं से मिल बैठ कर बात करने को कहा,
लेकिन बीजेपी नेता घटिया राजनीति करते हुए बिना बात किये ही भाग खड़े हुए!#BJPagainstTraders pic.twitter.com/ur1dG4pLEr— AAP (@AamAadmiParty) January 30, 2018
जहां तक बात 351 सड़कों को अधिसूचित करने की है तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि दिल्ली में एक भी दुकान या प्रॉपर्टी इन 351 सड़कों पर सील नहीं की गई है, लेकिन फिर भी आगे उन सड़कों पर कोई दिक्कत ना आए उसके लिए हम उन सड़कों की फ़ाइल आगे बढ़ाने के लिए तैयार बैठे हैं लेकिन उसकी सर्वे रिपोर्ट एमसीडी को दिल्ली सरकार के पास जमा करनी है और उसके बाद ही दिल्ली सरकार उस रिपोर्ट के साथ उनकी फ़ाइल को सुप्रीम कोर्ट के पास भेजेगी, एसीडी ने सोमवार को फिर से दो दिन का वक्त मांगा है, जैसे ही एमसीडी हमें रिपोर्ट देगी हम उसे सुप्रीम कोर्ट के पास भेज देंगे। लेकिन फिर से आपको बता दें कि इन 351 सड़कों पर कोई सीलिंग नहीं हुई है और इन सड़कों का सीलिंग से कोई लेना-देना नहीं है।
दिल्ली का व्यापारी त्रस्त है, उनका व्यापार बंद हो रहा है। अगर एलजी साहब और केंद्र सरकार चाहें तो सिर्फ़ 24 घंटे में सीलिंग बंद हो सकती है लेकिन पता नहीं क्यों बीजेपी और एलजी साहब कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं। दिल्ली सरकार अब दो-तीन दिन में ही सुप्रीम कोर्ट में जाकर सीलिंग रुकवाने की अपील करेगी।
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