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दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को एमसीडी की कार्यप्रणाली को लेकर भी चर्चा हुई जिसमें ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने सदन के समक्ष एमसीडी अधिकारियों की ग़ैर-वाजिब कार्यप्रणाली को रखा।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी का शासन है लिहाज़ा जो भी काम आम आदमी पार्टी के विधायक अपने विधायक LAD फंड से करवाते हैं उन कार्यों को बिना कोई ज़रुरी कारण बताए एमसीडी के अधिकारी रोक देते हैं।

विधायकों को अगर एमसीडी के कार्यक्षेत्र के अंदर कोई ऐसा काम जो जनहित का है और जनता उस कार्य को विधायक से कराना चाहती है तो विधायक को उसके लिए एमसीडी के अनापत्ति प्रमाण पत्र की ज़रुरत होती है, लेकिन विडम्बना यह है कि एमसीडी के अधिकारियों पर बीजेपी के पार्षद दबाव बनाते हैं आम आदमी पार्टी के विधायकों के कार्यों को या तो एनओसी जारी नहीं की जाती है और अगर किसी प्रकार से टेंडर हो जाता है तो ठेकेदार को भगा दिया जाता है या कोई और अड़चन पैदा कर दी जाती है और काम रोक दिया जाता है।

हम चाहते हैं कि कोई ऐसी व्यवस्था बने कि एमसीडी का कोई भी अधिकारी विधायक फंड से होने वाले कार्यों के लिए एक निश्चित समय में वाजिब कारण देकर बताए कि एमसीडी उस कार्य को कर रही है या नहीं। अगर नहीं कर पाएगी तो क्यों नहीं कर पाएगी और करेगी तो कितनी समय सीमा में वो काम हो जाएगा।

ज़ाहिर है कि बीजेपी के नेता अपनी ओछी राजनीति के लिए जनता के काम रोकती है, आम आदमी पार्टी के विधायक तो काम कराना चाहते हैं कि लेकिन बीजेपी के नेता एमसीडी के माध्यम से जनता के उन कार्यों को रुकवाते हैं।

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sudhir

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