- भाजपा-कांग्रेस के नेता बताएं कि 15000 करोड़ की घोटाले वाली इमारत में उनके कितने फ्लैट हैं?
गुरुवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता दिलीप पाण्डेय ने कहा कि ‘जैसा कि आप सबको ज्ञात है कि भारतीय जनता पार्टी के आशीर्वाद से दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में सबसे बड़ा 15000 करोड़ का भूमि घोटाला हुआ।
उन्होंने कहा कि ये बड़ी ही हैरान कर देने वाली बात है कि जब दिल्ली में CCTV लगने का मुद्दा होता है तो भाजपा और कॉंग्रेस दोनों ही आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ एकजुट होकर मोर्चा खोल देते हैं, लेकिन जबसे हमने ये 15000 करोड़ के महाघोटाले का खुलासा किया है तब से भाजपा और भाजपा की B Team यानि कॉंग्रेस दोनों ही पार्टियां साइलेंट मोड़ पर चली गई हैं।
जब से ये भूमि घोटाले का मामला जनता के बीच आया है तब से ही भाजपा ने इस मामले में लीपा-पोती की कवायद शुरू कर दी, और आनन-फ़ानन में एक 3 सदस्यों की कमिटी का गठन करके निष्पक्ष जांच और अपनी जिम्मेदारियों से भागना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि इस तीन सदस्य कमिटी में एक चेयरमैन और दो मेम्बर हैं। हमारी जानकारी के मुताबिक इस कमिटी में एस के भंडारी (एडिशनल कमिश्नर), यु वी त्रिपाठी (एडिशनल कमिश्नर), दीपक पुरोहित (CVO) हैं। जिसमे भंडारी जी चेयरमैन और त्रिपाठी जी और पुरोहित जी मेम्बर हैं।
ये बड़ा ही हास्यास्पद है कि जहाँ इस पूरे प्रकरण में भाजपा नेतृत्व पर और कमिश्नर पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वहीँ भाजपा ने इस भ्रष्टाचार की जांच कमिश्नर के अधीन आने वाले एडिशनल कमिश्नर को सौंपी है, यहाँ सवाल ये उठता है कि एक निचले स्तर का अधिकारी अपने ही उच्च स्तर के अधिकारी, जिसे वो रिपोर्टिंग करता है, उसके खिलाफ़ निष्पक्ष जांच कैसे कर सकता ह? ऐसा सोचना भी मूर्खता है, इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि भाजपा इस महा घोटाले की जांच में कितनी गंभीर है।
आपको याद दिलाना चाहूँगा कि इससे पहले भी जब हमने भाजपा की उस वक्त की मेयर प्रीती अग्रवाल के भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए थे, तब भी इसी प्रकार से मेयर साहिबा के अधीन आने वाले अधिकारियों की एक जांच कमिटी बना कर जांच कराई गई। और अन्तत: उस जांच में अधिकारियो ने लीपा-पोती करके सारे मामले को रफा- दफा कर दिया। अगर भाजपा सच में ईमानदार है और इस पूरे प्रकरण में एक ईमानदार जांच चाहती है तो सीबीआई जैसे किसी निष्पक्ष संस्थान से जांच कराए।
इस महाघोटाले के सम्बन्ध में कुछ और तथ्य रखते हुए, दिलीप पाण्डेय ने भाजपा से कुछ सवाल पूछे जो इस प्रकार से हैं…
- ये 95 एकड़ का ज़मीन का टुकड़ा जो भाजपा ने पार्श्वनाथ नामक प्राइवेट बिल्डर को दिया था, उस पर अब तक कितने फ्लैट बन चुके हैं?
- ये बात सार्वजनिक होनी चाहिए कि इन फ्लैट्स के मालिक कौन-कौन हैं?
- भाजपा शासित एमसीडी सार्वजनिक करे कि किस मूल्य पर इस 95 एकड़ ज़मीन के टुकड़े का आबंटन किया गया ?
- डीएमआरसी सार्वजनिक करे कि उसने ये ज़मीन का टुकड़ा प्राइवेट बिल्डर को किस मूल्य पर बेचा?
उन्होंने कहा कि हम चुनौती देते हैं और हमारी चुनौती को स्वीकार करते हुए भाजपा और कॉंग्रेस हलफ़नामा जारी करके जनता के सामने ये स्पष्ट करें कि इस बिल्डिंग में उनके किसी भी नेता का एक भी फ़्लैट नहीं है। और अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस 15000 करोड़ के भूमि घोटाले में भाजपा और कॉंग्रेस दोनों की मिलीभगत है।
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