नगर निगम में फंड्स की कोई कमी नहीं, BJP अपने काम को लेकर गंभीर नहीं: CAG
निगम में BJP के निक्कमेपन का ज़िक्र CAG रिपोर्ट में भी
नगर-निगम पर CAG रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी के दावे पर लगाई मुहर
BJP ने M-C-D को बनाया M(मलेरिया)- C(चिकनगुनिया)-D(डेंगू) का पर्याय
सदन में टेबल हुई CAG रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी के उस दावे को सही ठहराया जिसमें आप ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने MCD को M(मलेरिया)- C(चिकनगुनिया)-D(डेंगू) बना दिया है। आम आदमी पार्टी जो शुरु से कहती आई है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टियों ने मिलकर नगर-निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा और दिल्ली को कूड़े को डिब्बा बना दिया है इस पर अब CAG ने भी अपनी मुहर लगा दी है।
इस मुद्दे पर बुलाई गई प्रेस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए पार्टी के दिल्ली के संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि ‘अब तो सीएजी रिपोर्ट का भी कहना है कि नगर-निगम में भारतीय जनता पार्टी की शासन पूरी तरह से फ़ेल साबित हुआ है। सीएजी का भी कहना है कि एमसीडी की मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर कोई तैयारी ही नहीं थी। इस निक्कमेपन को लेकर तीनों ही एमसीडी को इस रिपोर्ट में लताड़ा गया है। रिपोर्ट कहती है कि फंड्स की कोई कमी ही नहीं थी लेकिन फिर भी एमसीडी द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।’
‘एमसीडी ने कोई रेस्पॉन्स टीम नहीं बनाई। इनकी सर्विलांस टीम भी फ़ेल रही। डेंगू से लड़ने के लिए कोई तैयारी ही नहीं की गई थी। नगर-निगम का वॉर्निंग सिस्टम भी पूरी तरह से फ़ेल रहा। ना तो छिड़काव ही ठीक ढंग से किया गया और ना ही छिड़काव के लिए इस्तेमाल की गई दवा ही सही ढंग से चुनी गई।’
‘43.65 करोड़ रूपए मच्छर मारने के खिलाफ अभियान में खर्च किए गए लेकिन इस अभियान में ग़लत तकनीक और ग़लत कैमिकल का इस्तेमाल किया गया। लोगों की सेहत को नुकसान करने वाली दवाईयां जानबूझकर खरीदीं गईं। भाजपा नेताओं ने अपने फ़ायदे और गंदी राजनीति के लिए दिल्ली की जनता की जान के साथ ख़िलवाड़ करने में भी कोई ग़ुरेज़ नहीं किया जो बेहद निंदनीय है।’
‘लोगों के घर-घर जाकर ब्रीडिंग जांचने के लिए 109 करोड़ रूपए से ज़्यादा का फंड भाजपा द्वारा एमसीडी के माध्यम से ख़र्च किया गया लेकिन इसका ना तो कोई सुपरविज़न ही था और ना कोई इफ़ेक्टिव होने का असेसमेंट। 109 करोड़ रूपए ख़र्च कर दिए गए लेकिन उसकी जवाबदेही किसी के पास है ही नहीं।’
‘79.76 लाख रूपए भाजपा शासित MCD ने Insecticide पर ख़र्च किया लेकिन ये फंड इस्तेमाल कहाँ हुआ इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। शायद बीजेपी नेताओं को ही इसकी जानकारी होगी कि यह पैसा किसकी जेब में और क्यों गया है।’
‘डेंगू जैसी ख़तरनाक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कई सारे तरीके होते हैं जिनमें से एक महत्वपूर्ण तरीका एनवायरनमेंटल मोडिफिकेशन का होता है। दुर्भाग्यपूर्ण ये रहा कि डेंगू को रोकने के लिए किसी तरह का एनवायरनमेंटल मॉडिफ़िकेशन ही नहीं किया गया जैसे (वेस्ट मैनेजमेंट, सैनिटेशन, कंस्ट्रक्शन साइट कंट्रोल, टायर बाजार पर कंट्रोल) इस दिशा में कोई कदम भाजपा शासित MCD द्वारा नहीं उठाया गया।’
‘भाजपा द्वारा अपने दूषित राजनितिक मंसूबों को पूरा करने के लिए जानबूझकर ग़लत दवाई ख़रीदना, उनका छिड़काव करना, अलग अलग टीम बना कर उन टीमों के नाम पर पैसा लूटना ही इनका काम रहा है। अपनी गंदी राजनीति के लिए भाजपा ने दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य के साथ ख़िलवाड़ किया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो आप सब जानते हैं कि रानी झाँसी फ्लाईओवर कबसे बन रहा है। 70 करोड़ का बजट 700 करोड़ तक पहुँच गया और अभी भी कोई गारंटी नहीं कि अगले साल बन भी जाएगा या नहीं, ये इनके गवर्नेस का बेंचमार्क है।’
‘जब एमसीडी को राजीव गाँधी चौक के डेवेलपमेंट का काम दिया गया तो इन्होने वहां पर भी बंटाधार कर दिया। CAG ने अपनी इस रिपोर्ट में इसके बारे में भी डिटेल में बताया है। राजीव चौक Redevelopment के लिए जो लक्ष्य थे वे पूरे नहीं हुए। प्रोजेक्ट बुरी तरह से फ़ेल हुआ। डी-पी-आर को घटाया गया, जो डी-पी-आर शुरुआत में 615 करोड़ रूपए था वो घटाकर किया गया 477 करोड़ रूपए। चार साल देर होने के बावजूद काम पूरा नहीं हुआ। बिल्डिंग्स की structural स्टेबिलिटी की जांच नहीं हुई.. सबवे, एस्केलेटर, पार्किंग, लाइटिंग का काम पूरा नहीं हुआ।14.67 करोड़ रूपए बर्बाद किए गए। फ्लोरिंग और कर्ब्स पर 3.38 करोड़ रूपए से ज़्यादा ख़र्च किए गए।अग्निशमन व्यवस्था पर 4.97 करोड़ रूपए ख़र्च हुए मग़र ऑडिट में उसकी efficiency का assurance नहीं हो पाया और भारतीय जनता पार्टी शासित एमसीडी द्वारा यह सब करना हज़ारों लोगों की जान से खेलने के बराबर है।
CAG की इस रिपोर्ट ने भाजपा शासित एमसीडी के गवर्नेंस के ढकोसले को एक्सपोज़ करके रख दिया है। इस रिपोर्ट ने बताया कि कैसे अपनी राजनीति की दुकान चलाने के लिए भाजपा दिल्ली की जनता की ज़िन्दगी से खेल रही है। इस रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली एमसीडी को चला पाना भाजपा और कांग्रेस के बस की नहीं है।
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