देश की मोदी सरकार ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के निलंबन का एक तरफ़ा फै़सला किया जिसमें पहली नज़र में चुनाव आयोग की भूमिका भी संदेह के घेरे में नज़र आ रही है। आप विधायकों के निलंबन का फ़ैसला पूरी तरह से एक-तरफ़ा रहा क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के विधायकों का पक्ष ही नहीं सुना गया और जो न्याय के सिद्धांत के ख़िलाफ़ भी है।
इस फ़ैसले की ना केवल दिल्ली की जनता बल्कि पूरे देश की जनता निंदा कर रही है, मोदी सरकार के इस तुगलकी फरमान की आलोचना देश की बड़ी राजनीतिक हस्तियां भी कर रही हैं।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने विधायकों के निलंबन पर आम आदमी पार्टी के पक्ष में ट्वीट करते हुए इसे मोदी सरकार का तुगलकी फरमान बताया।
President's order disqualifying the 20 AAP MLAs is complete miscarriage of natural justice. No hearing, no waiting for High Court's order. It is Tughluqshahi of the worst order.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 21, 2018
बीजेपी सांसद और मशहूर फ़िल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में खड़े होते हुए मोदी सरकार की तानाशाही कार्रवाई की आलोचना की।
‘AAP’ Aaye,
‘AAP’ Chhaye,
‘AAP’ hi ‘AAP’ Charcha ke Vishaye (talk of the town)!!Ghar ghar mein,
Har khabar mein,
Toh phir kis baat ki fikar ‘AAP’ ko?Politics of vendetta or politics of vested interests just don’t last long.
Don’t worry, be happy!— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) January 21, 2018
Hope wish & pray that you get divine justice soon, sooner the better .
‘AAP’ ki team aur khaas kar ‘AAP’ ko bahut bahut badhaai. Remember, when the going gets tough the tough get going.
Satyameva Jayate!
Jai Hind!— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) January 21, 2018
शिवसेना के वरिष्ठ नेता एंव राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी बयान मीडिया में बयान देते हुए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के निलंबन को लेकर चुनाव आयोग की रिपोर्ट और मोदी सरकार के तानाशाही फ़ैसले पर सवाल उठाया
There is a question mark on decision of Election Commission.Questioning Election Commission is common when decisions like these come. Election Commission is itself responsible for it. : Sanjay Raut , Shiv Sena on reports of disqualification of 20 MLAs of AAP pic.twitter.com/MTRaf3sCPe
— ANI (@ANI) January 20, 2018
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिक दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, 20 विधायकों के मसले पर ममता बनर्जी आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ी नज़र आईं।
A Constitutional body cannot be used for political vendetta. The 20 AAP MLAs were not even given a hearing by the Hon EC. Most unfortunate. This goes against the principles of natural justice.At this hour we are strongly with @arvindkejriwal and his team
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 19, 2018
CPI-M की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने भी 20 विधायकों के निलंबन मामले में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया और कहा कि चुनाव आयोग का यह फ़ैसला पूरी तरह से ग़ैरलोकतांत्रिक है, ऐसे फ़ैसलों से संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा कमज़ोर होता है.
Brinda Karat: EC decision to disqualify 20 AAP MLAs is undemocratic & selective in procedure & substance. It does not enhance the credibility of the election commission as an autonomous, independent, impartial body. We strongly oppose the decision of the EC.#AAPMLAsDisqualified
— CPI (M) (@cpimspeak) January 20, 2018
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