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केंद्र सरकार ने जिस तरीक़े से हाल ही में बैंकों में रिकैपिटलाइज़ेशन का निर्णय लिया है उससे यह साफ़ हो जाता है कि पिछले साल की गई नोटबंदी सिर्फ़ और सिर्फ़ बड़े-बड़े उद्योगपतियों का लाखों करोड़ रुपए का लोन माफ़ करने की एक स्कीम थी। भारत के आम आदमी ने अपनी मेहनत का पैसा लाइनों में लगकर जमा कराया और अब सरकार उस पैसे से बैंकों का वो घाटा पूरा कर रही है जो लाखों करोड़ का  पैसा बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने बैंकों से लोन के रुप में लिया था और वापस बैंकों को लौटाया नहीं। अब सरकार जनता के पैसे से उद्योगपतियों के लोन से हुए घाटे को पूरा कर रही है और यही केंद्र की मोदी सरकार का नोटबंदी घोटाला है।

आम आदमी पार्टी उसी वक्त देश की जनता को यह बताया था कि यह लाखों करोड़ रुपए का घोटाला है जिसे नोटबंदी की आड़ में अंजाम दिया जा रहा है। देश की आम जनता को बेरोज़गार करके, उनके काम-धंधों को उजाड़कर और सौ से उपर लोगों की जान लेकर अमीर उद्योगपतियों को फ़ायदा कराया जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रैलियां करके देश की जनता को इसके बारे में जागरुक भी किया था जो बात आज सच साबित हो रही है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने बैंकिंग सेक्‍टर को बूस्‍ट करने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के रिकैपिटलाइजेशन (पूर्नपूंजीकरण) लोन को कैबिनेट ने हरी झंडी दिखा दी है। इसमें 1.35 लाख करोड़ रुपये रिकैपिटलाइजेशन बॉन्‍ड के जरिये दिए जाएंगे। वहीं, 76 हजार करोड़ रुपये का बजटरी सपोर्ट और मार्केट लोन से मुहैया किया जाएगा। यही सरकार का मकसद था और इसी के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार ने देश के करोड़ों लोगों को लाइन में लगाया था।

पिछले साल 23 नवम्बर को दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक द्वारा किया गया ट्वीट आप यहां नीचे देख सकते हैं-

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sudhir

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