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करावल नगर और घोंडा इलाके के रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशन ने चिट्ठी लिखकर आम आदमी पार्टी से लगाई मदद की गुहार।

मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पाण्डेय ने कहा कि “उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर एवं घोंडा इलाके में भाजपा शासित डीडीए द्वारा कूड़े के निस्तारण के लिए जो ज़मीन आवंटित की गई है, उसके विरोध में इलाके की रेसिडेंट वेलफेयर असोसिएशन ने आम आदमी पार्टी को चिट्ठी लिखकर मदद की गुहार लगाई है।

चिट्ठी में कहा गया है, हालाँकि इस मुद्दे से आम आदमी पार्टी का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कोई लेना देना नहीं है लेकिन फिर भी, चूँकि हम आपके मतदाता हैं, तो आप सुनिश्चित करें कि इलाके की जनता पर इस तरह का कोई भी अत्याचार ना हो।

उन्होंने कहा इसकी प्रष्ठभूमि में आम आदमी पार्टी के स्थानीय पार्षद मनोज त्यागी, पार्षद कुलदीप कुमार, एवं घोंडा से विधायक श्रीदत्त शर्मा के साथ मिलकर हमने एक सामूहिक याचिका आज राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) में दायर की है।

याचिका के मुख्य आधार इस प्रकार से हैं:-

  • चूँकि ये रिहायशी इलाका है, तो इस तरह का कोई भी आवंटन वहां की जनता के हित के ख़िलाफ़ है।
  • अगर वहां कूड़े का निस्तारण किया गया तो वहां रहने वाली जनता गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकती है, इसके साक्ष्य मौजूद है।

उदहारण देते हुए उन्होंने कहा की अगर आप गाज़ीपुर लैंडफिल के आस-पास के इलाके का सर्वे करेंगे तो वहां पर त्वचा और फेफड़े के केंसर के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढती जा रही है। कूड़े से जो विषैले पदार्थ निकलते है, उन्हें वहां की ज़मीन सोख लेती है और वो विषैले पदार्थ ज़मीन के पानी में मिल कर उसे दूषित कर देते हैं, जिसके कारण वहां लगभग हर घर में एक लकवे का मरीज़ पैदा हो रहा है।

  • अगर यहाँ पर कूड़े के निस्तारण के लिए ज़मीन का आवंटन किया जाता है तो यह राज्य के पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण (EIA) की अधिसूचना (Notification) का उल्लंघन होगा।

सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की सभी व्यवस्थाओं की ज़िम्मेदारी सम्बंधित संस्था की होती है। और ऐसी व्यवस्था के समय संस्था को, इसकी वजह से वहां पर होने वाले संभावित हानियों को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्था करनी होगी। साथ ही साथ अगर वहां किसी भी प्रकार की कोई घटना होती है तो उसकी जवाबदेही सम्बंधित संस्था की ही होगी, घटना की स्तिथि में किसी भी प्रकार का बहाना स्वीकार्य नहीं होगा।

आम आदमी पार्टी की तरफ से दी गई इस याचिका में चार मांगे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के समक्ष रखी गई हैं जो इस प्रकार से हैं:-

  1. जो ज़िम्मेदार संस्थाएं है, जिसमें सीपीसी और ईस्ट एमसीडी हैं, इनको आदेशित किया जाए कि वहां किसी भी प्रकार का पर्यावरणीय अवनयन (Environmental Damage) ना किया जाए।(ज्ञात हो की ये तीनो संसथान भाजपा के अधीन आते हैं)
  2. डीडीए को आदेशित किया जाए कि, सोनिया विहार और घोंडा में जो कूड़े के निस्तारण के लिए ज़मीन का आबंटन किया गया है उसे रद्द करे और राष्ट्रिय हरित प्राधिकरण (NGT) के कार्यालय में सूचित करें।
  3. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अपने विवेक अनुसार एक संस्था को निर्धारित करें, जो कि कूड़े के निस्तारण से उस क्षेत्र में पर्यावरण को होने वाले संभावित नुकसानों पर शोध करे और उसकी रिपोर्ट रास्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) को सौंपे।
  4. राष्ट्रिय हरित प्राधिकरण (NGT) अपने बुद्धि विवेक से ऐसे आदेश भी पारित करे जो कि वहां की जनता के और पर्यावरण के हित में हो।

अंत में उन्होंने कहा कि ‘अगर भाजपा ने जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो आने वाले सोमवार से आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतरेगी, और उस इलाके में जहां की वो सभी विधानसभाए जो इससे प्रभावित हो रही हैं, वहां “कूड़े का पहाड़ हटाओ” नाम से एक हस्ताक्षर अभियान चलाएगी।

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sudhir

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