किसान विरोधी भाजपा सरकार का चेहरा हुआ बेनकाब, राजस्थान में आप नेता एवं किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट और सैकड़ो आप कार्यकर्ताओं को किया डिटेन, गिरफ्तार करने की तैयारी।
मंगलवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, राजस्थान के प्रभारी दीपक बाजपेयी ने कहा कि जैसा की आप सबको ज्ञात है कि आम आदमी पार्टी की राजस्थान इकाई ने ये घोषणा की थी कि तीन प्रमुख बिन्दुओ को लेकर आम आदमी पार्टी पूरे राजस्थान में आन्दोलन करेगीI साथ ही साथ ये भी घोषणा की थी कि 23 अक्टूबर से पार्टी के मेनिफेस्टो कमिटी के चेयरमैन एवं राष्ट्रीय किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट एक अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठेंगेI
वो तीन प्रमुख बिंदु इस प्रकार से हैं….
1-: 1950 रूपए समर्थन मूल्य होने के बावजूद, किसान 1300 रूपए में बाजरा बेचने को मजबूर हैI
2-: उड़द, मूंग, मूंगफली और सोयाबीन की सरकारी खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा हैI
3-: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सभी ऋणी किसानों का प्रीमियम सरकार ने काट लिया, लेकिन जो फसल ख़राब हुई उसके बदले एक पैसे की भी भरपाई नहीं की गईI
उन्होंने बताया की पिछले चार दिनों से हम प्रशासन से अनशन के लिए जगह की अनुमति मांग रहे हैंI जिस जगह की हमने अनुमति मांगी, प्रशासन ने कहा की यहाँ न करके हमें दूसरी जगह सुझाई, तो हमने उस जगह के लिए परमिशन मांगी तो प्रशासन ने वहां भी अनुमति देने से मना कर दियाI आज सुबह पार्टी के नेता रामपाल जाट और पार्टी के कुछ सदस्य सैकड़ों कार्यकर्ताओ के साथ पुलिस कमिश्नर से मिलने गए तो पुलिस ने उन्हें कमिश्नर से मिलने नहीं दिया, बल्कि शहीद पार्क पर उन सबको डीटेन कर लिया गया, और अब उनकी गिरफ़्तारी की जा रही हैI
दीपक बाजपेयी ने कहा कि हम आपको स्पष्ट कर देना चाहते हैं की हम चुनाव अधिसूचना किसी भी प्रकार के उलंघन की बात नहीं कर रहे, किसी भी प्रकार की नई पॉलिसी की बात हम नहीं कर रहे, और न ही किसी प्रकार के नए फैसले की बात कर रहे हैंI अगर हम जीवन बीमा कराते हैं और कोई दुर्घटना हो जाती है तो बीमा कंपनी ये नहीं कह सकती के चुनाव अधिसूचना लगी है आपको बीमा की राशी नहीं डी जा सकतीI इनका क्रियान्वयन किसी भी कारण से रोका नहीं जा सकता, और किसान की आवाज़ किसी भी तरह से दबाई नहीं जा सकतीI
मीडिया के माध्यम से दीपक बाजपेयी ने घोषणा की के हम किसी भी प्रकार के दमन से डरने वाले नहीं हैI हमारे कार्यकर्ताओं को चाहे पुलिस गिरफ्तार करे या उन पर लाठियां चलाए, हम किसानो की इन तीन मांगो को लेकर गाँव गाँव जाएँगे, और हमारा ये संघर्ष ज़ारी रहेगाI
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