*हर विधानसभा की रेंडम 20 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की हो गणना: सौरभ भारद्वाज*
*48 घंट पहले मतदाताओं को प्रभावित करने वाले सभी विज्ञापनों पर लगाई जाए पाबंदी: आलोक अग्रवाल*
*आप के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज और प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने प्रेस वार्ता में उठाए ईवीएम से जुड़े कई गंभीर मुद्दे*
*भोपाल, 28 अगस्त।* आम आदमी पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश विधानसभा के विधायक सौरभ भारद्वाज ने होटल निसर्ग में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की मांग है कि चुनाव आयोग हर विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम मशीनों में से किन्हीं (ह्म्ड्डठ्ठस्रशद्व) 20 प्रतिशत मशीनों की वीवीपैट पर्ची की गणना करे। उन्होंने कहा कि फिलहाल पूरी विधानसभा में से महज एक मशीन की वीवीपैट की गणना होती है, और इसका चयन कैसे किया जाता है, यह भी स्पष्ट नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वीवीपैट की गणना में गड़बड़ी पाई जाती है, तो उस पर क्या कार्रवाई की जाएगी, यह भी स्पष्ट नहीं है। इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि आज आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत से मुलाकात विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी है। *(मुख्य चुनाव आयुक्त को दिए गए पत्र की प्रति संलग्न है)*
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने कहा कि हमने चुनाव आयोग के समक्ष मांग की है कि राजनीतिक दलों की ओर से मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों को 48 घंटे पहले प्रकाशित/प्रसारित करने पर पाबंदी लगाई जाए। जो भी राजनीतिक दल विज्ञापन देना चाहते हैं, वे 48 घंटे पहले मीडिया को दे दे, लेकिन आखिरी दो दिनों में विज्ञापनों पर पाबंदी लगाई जाए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रीय सोशल मीडिया एवं आईटी हेड अरविंद झा एवं प्रदेश संगठन मंत्री पंकज सिंह भी मौजूद थे।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश सचिव सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार के कामों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। दिल्ली सरकार का शिक्षा का बजट 24 प्रतिशत से ज्यादा है, जो देश के किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे ज्यादा है। इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए 230 तरह की जांचों को मुफ्त किया गया है। इसके अलावा किसानों को 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा, डोर स्टेप डिलेवरी से लेकर भ्रष्टाचार की रोकथाम समेत कई काम किए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिजली सबसे कम दाम पर दी जाती है, जबकि दिल्ली सरकार अन्य राज्यों से बिजली खरीदती है। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में बिजली का सरप्लस उत्पादन है इसके बावजूद दिल्ली से तीन गुना महंगी बिजली दी जाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने तीन साल में जो काम किया है, वह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। किसी राज्य सरकार ने इतने कम समय में इतना काम नहीं किया है।
मध्य प्रदेश के हालात पर बात करते हुए *आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल* ने कहा कि प्रदेश में 40 लाख परिवारों को एक किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है। 75 प्रतिशत मध्य प्रदेश में नल जल की व्यवस्था नहीं है और ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो 90 प्रतिशत ग्रामीण इलाके नल जल से महरूम हैं। स्वास्थ्य की बात करें तो सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक जितने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने चाहिए उनमें से महज 50 प्रतिशत ही हैं, और जो हैं, उनमें से भी आधे में डॉक्टर नहीं हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 90 प्रतिशत में डॉक्टर नहीं है। मध्य प्रदेश में 70 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी है और 45 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हैं। यही नहीं 92 बच्चे कुपोषण से रोज मर रहे हैं। प्रदेश में बिजली के दाम सबसे ज्यादा हैं। दिल्ली से तीन गुना ज्यादा दाम पर मध्य प्रदेश में बिजली दी जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 43 लाख घरों में आज भी बिजली नहीं है। प्रदेश के 90 प्रतिशत स्कूलों में बिजली नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की बात करें तो मध्य प्रदेश में 25 हजार सरकारी स्कूल बंद किए गए हैं। 48 प्रतिशत रिजल्ट आ रहा है। पिछले 5 साल में 45 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है। आठवीं कक्षा का बच्चा 1 से 9 तक के अंक और सामान्य हिंदी नहीं पढ़ पाता है। 65 हजार पद खाली हैं, 17 हजार स्कूलों में महज एक शिक्षक है। ये सभी आंकड़े शिक्षा गारंटी का उल्लंघन करते हैं। पांच किसान रोज आत्महत्या करते हैं। बेरोजगारी का आलम यह है कि 25 लाख शिक्षित बेरोजगार हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 में 244 और 2017 में 139 रोजगार दिए गए हैं उसके बाद अचानक शिवराज सिंह ने घोषणा की कि 1 लाख लोगों को एक दिन में रोजगार दिया गया।
श्री अग्रवाल ने कहा कि ये आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश की पूरी व्यवस्था भ्रष्ट हो चुकी है और इसलिए यह व्यवस्था बदलनी है। इसे कांग्रेस नहीं बदल सकती, क्योंकि कांग्रेस ने ही यह शुरू की है। कांग्रेस ने मुलताई में 1998 में किसानों पर गोली चलाई। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट तो कांग्रेस के जमाने में ही बनी थी, लेकिन किसानों को उसका लाभ न देते हुए आठ साल तक कांग्रेस की केंद्र सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की, सिफारिशें को नहीं माना। इस दौरान 1 लाख 28 हजार किसानों ने आत्महत्या की। भ्रष्टाचार कांग्रेस के समय में भयावह था और भाजपा के समय में और बढ़ गया।
*मीडिया सेल*
*आम आदमी पार्टी, मध्य प्रदेश*
Leave a Comment