*रक्षा सचिव के नोटिंग से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राफेल रक्षा सौदे में किए गए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश*
प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी जी के रक्षा सचिव के लिखित बयान के बाद मोदी जी का भ्रष्टाचार पूरे देश के सामने बेनाकाब हो गया है। रक्षा सचिव द्वारा लिखित 24 नवंबर 2015 के नोटिंग में उन्होंने साफ तौर पर यह कहा है कि हमारी एक टीम जो फ़्रांस की सरकार से मोल-भाव कर रही है, सोव्रेन गारंटी और बेंक गारंटी पर, प्रधानमंत्री कार्यालय से, सौदे की शर्तो में से इस क्लोज़ को हटाने का दबाव बनाया जा रहा हैं, और इसके कारण से पूरा राफेल रक्षा सौदा प्रभावित हो रहा है।
नई दिल्ली 8 फरवरी। शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने बताया कि राफेल रक्षा सौदे में हुए घोटाले से जुड़े कुछ और साक्ष्य सामने आए हैं। जैसा की ज्ञात है कि राफेल रक्षा सौदे में हुए घोटाले को सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने उठाया था। 6 मार्च 2018 को मैंने सीवीसी को चिट्ठी लिखकर बताया था कि राफेल जहाज की खरीद में घोटाला हुआ है इसकी जांच होनी चाहिए। इसके बाद 12 मार्च 2018 को सीबीआई को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी थी, और इस चिठ्ठी की एक कॉपी केग के कार्यालय में भी जांच के लिए दी। 30 मई 2018 को सीबीआई और सीवीसी कार्यालय में, इस सबंध में हुई अब तक की कार्यवाही की जानकारी लेने के लिए एक रिमाइंडर भी दाखिल किया।
संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस मसले पर शुरू से दो सवाल पूछ रही है जो निम्न प्रकार से है…..
1-: 526 करोड़ का राफेल जहाज 1600 करोड़ में क्यूँ खरीदा?
2-: 70 साल पुरानी एचएएल कंपनी को दरकिनार करके, 12 दिन पुरानी रिलायंस कंपनी को ठेका क्यूँ दिया?
केंद्र सरकार देश की जनता से राफेल सौदे पर शुरू से झूठ बोलती आ रही है। रक्षा मंत्री संसद में खड़ी होकर कहती हैं कि गोपनीयता के कारण राफेल जहाज की कीमत नहीं बताई जा सकती। परन्तु केंद्र सरकार के मंत्री द्वारा ही राज्य सभा और लोकसभा दोनों जगह राफेल जहाज की कीमत बताई जाती है। यहाँ भी भाजपा सरकार झूठ बोलने से बाज नहीं आई। राज्यसभा में केंद्र द्वारा बताया गया की राफेल की कीमत्त 526 करोड़ सभी उपकरणों के साथ है, जबकि लोकसभा में यही कीमत बिना उपकरणों के साथ बताई गई।
संजय सिंह ने कहा कि सरकार ने अब जो सुप्रीम कोर्ट के सामने एफिडेविट दाखिल किया है, उसमे बड़े ही हास्यास्पद कारण केंद्र सरकार ने दिए हैं। केंद्र सरकार ने 3 जजों की बेंच, जिसमे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल थे, द्वारा की सुनवाई के बाद उनपर ही आरोप लगा दिया कि, हमने अपने एफिडेविट में is लिखा था, उसको आपने was पढ़ लिया, हमने अपने एफिडेविट में has been लिखा था उसको भी आपने was पढ़ लिया। केंद्र सरकार इस प्रकार से बोल रही है जैसे केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के नहीं बल्कि प्राइमरी स्कूल के बच्चों के समक्ष हुई हो।
प्रेस वार्ता में मौजूद राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता ने रक्षा सचिव का 24 नवम्बर 2015 का नोटिंग पढ़ते हुए कहा कि रक्षा सचिव ने अपने नोटिंग में साफ तौर पर कहा है कि हमारी एक टीम जो फ़्रांस की सरकार से मोल-भाव कर रही है, तभी बीच में केंद्र सरकार ने अजीत डोभाल को भी इस मामले में उतार दिया, और वो हमारी टीम के समांतर एक और प्रक्रिया इस खरीद में चलाने लगे। रक्षा सचिव ने लिखा है की एक ही खरीद में दो अलग अलग लोगो द्वारा बातचीत किया जाना ठीक नहीं है, इसकी वजह से राफेल सौदा कमजोर होगा। रक्षा सचिव ने साफ तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय से अपील की है कि ये जो पेरलल बातचीत चल रही है इसे तुरंत प्रभाव से रोका जाए। प्रधानमंत्री कार्यालय से उसपर दबाव बनाया जा रहा है रक्षा सौदे के कुछ शर्तो में फेर-बदल करने के लिए। उन्होंने ये भी लिखा है कि अगर ऐसा होता है तो इससे राफेल की खरीद के सौदे में बहुत फर्क पड़ेगा।
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