
नई दिल्ली, 7 मार्च 2019, वीरवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जैसा कि सबको पता है राफेल में हुए घोटाले के लिए इस पूरे देश में सबसे पहले मैंने आवाज उठाई थी, परंतु सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में उपलब्ध कराई गई गलत जानकारियों के कारण कोर्ट ने सरकार के हक में फैसला सुनाया था।
जब हमने उस ऑर्डर को सही से पढ़ा और सरकार द्वारा बोले गए झूठ को पकड़ा तो सरकार की तरफ से दलील दी गई कि यह सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मिस्टेक हुई है, हमने लिखा कुछ और था और कोर्ट ने हमारे लिखे हुए को कुछ और पढ़ लिया।
संजय सिंह ने कहा इसके आधार पर मैंने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। कल पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होनी थी। मुझे बड़ा ही दुख है कि सुप्रीम कोर्ट ने मेरी पुनर्विचार याचिका को सुनने से मौखिक तौर पर इनकार किया।
उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने यह दलील दी कि मैंने सुप्रीम कोर्ट के संबंध में कुछ गलत टिप्पणियां की जिससे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हुई है, इसलिए मुख्य न्यायाधीश मेरा केस नहीं सुनेंगे। मैं बड़े ही सम्मान के साथ उच्च न्यायालय से पूछना चाहता हूं कि मुझे बताया जाए मैंने उच्च न्यायालय के संबंध में कौन सी गलत टिप्पणियां की है। अगर मैंने ऐसी कोई बात कही है तो मेरे खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए मुझे कोर्ट में बुलाया जाए और मेरा भी पक्ष सुना जाए ।
अगर मैंने सुप्रीम कोर्ट के संबंध में कोई भी टिप्पणी की है तो उच्च न्यायालय उसके लिए मुझे सजा दे, परंतु मैं बड़े ही सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि कानून की किस किताब में लिखा है कि इस बात का हवाला देकर उच्च न्यायालय देश में हुए 36 हजार करोड़ के राफेल घोटाले के मसले पर मेरा पक्ष नहीं सुनना चाहते। यह कानून की किस किताब में लिखा है मुझे बताया जाए।
संजय सिंह ने कहा कि मैं माननीय उच्च न्यायालय से बड़े ही विनम्र तरीके से निवेदन करना चाहता हूं कि राफेल से जुड़ा मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ बड़ा ही संवेदनशील मुद्दा है और देश की सवा सौ करोड़ लोगों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है। माननीय उच्च न्यायालय मेरे इस याचिका पर पुनर्विचार के लिए मेरे पक्ष को कृपा करके सुने।
सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के कुछ उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सबरीमाला के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रैली कर कर जनता के सामने सरेआम सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करने के लिए लोगों को भड़काने का काम किया, लेकिन माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा इस संबंध में कोई संज्ञान नहीं लिया गया, अमित शाह के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई क्यों?
एक और घटना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन जजों की बेंच बनाने का फैसला देने पर खुले तौर पर कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट फैसला देने में देरी करेगा तो हिंदुओं के सब्र का बांध टूट जाएगा। सत्ताधारी पार्टी का एक मंत्री खुलेआम सुप्रीम कोर्ट को चेतावनी दे रहा है, लेकिन उच्च न्यायाधीश को इस में कोर्ट की कोई अवमानना नजर नहीं आई। मैं बड़े ही विनम्रता से पूछना चाहता हूं क्यों उच्च न्यायालय ने गिरिराज सिंह के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की?
भाजपा के ही एक और सांसद रविंद्र कुशवाहा का उदाहरण देते हुए संजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रविंद्र कुशवाहा खुलेआम कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर का फैसला नहीं करेगा, राम मंदिर का फैसला हम करेंगे। खुलेआम सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का काम करता है, खुलेआम सुप्रीम कोर्ट को चेतावनी देने का काम करता है। परंतु उच्च न्यायाधीश को उसमें कोर्ट की अवमानना नजर नहीं आती है, मैं पूछना चाहता हूं क्यों?
इतने सारे लोगों के साक्ष्य मौजूद है कि उन्होंने खुले तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है, परंतु आज तक उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ कोई संज्ञान नहीं लिया। मुझे मेरा अपराध बताए बिना, मुझे यह बताएं बिना कि मैंने क्या अवमानना की है, एक बड़े ही संवेदनशील मुद्दे पर मेरी याचिका सुनने से कोर्ट का इंकार कर देना मेरे लिए बड़ा ही दुखदाई है।
संजय सिंह ने कहा कि यह बड़ा ही आश्चर्य चकित करने वाली बात है कि सरकार के वकील और सॉलीसीटर जनरल ने कल सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राफेल घोटाले से जुड़ी हुई फाइल चोरी हो गई है। 36 हजार करोड़ के घोटाले से जुड़ी हुई फाइल चोरी हो जाती है, और कोर्ट के पूछने पर कि अब तक क्या कार्यवाही की गई, जवाब आता है कोई कार्यवाही नहीं हुई है। यह इस बात पर मोहर लगाता है कि राफेल की खरीद में घोटाला हुआ है।
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