सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिन के भीतर राफेल से जुड़ी सारी जानकारी मांग कर मोदी सरकार के मुंह पर मारा तमाचा : संजय सिंह
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य सभा सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि आज जो सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है वो मोदी सरकार के मुंह पर एक करारा तमाचा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 दिन के अंदर राफेल विमान की खरीद से जुड़ी सभी जानकारी केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में जमा कराएं और साथ ही साथ जो लोग भी इस मामले में याचिकाकर्ता है उन सब को भी यह जानकारियां मुहैया कराई जाए।
जैसा कि ज्ञात है कि मोदी सरकार इस मामले में शुरू से झूठ बोलती आ रही है। जहां एक तरफ केंद्रीय रक्षा मंत्री कहती हैं कि राफेल की कीमत की जानकारी देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है, इसीलिए राफेल की कीमत नहीं बता सकते। वहीं उनके सांसद और मंत्री सुभाष भामरे बड़ी आसानी से राफेल की कीमत बता देते हैं। अब या तो रक्षा मंत्री जी झूठ बोल रही हैं या फिर भाजपा के सांसद महोदय देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इससे भी बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि सुभाष भामरे ने भी राफेल की कीमत को लेकर झूठ बोला। जहां एक तरफ उन्होंने अन्य सांसदों के प्रश्न का जवाब देते हुए राफेल की कीमत 526 करोड सभी इक्यूपमेंट के साथ बताई वहीं उन्होंने मेरे प्रश्न का जवाब देते हुए उसी राफेल जहाज की कीमत 526 करोड रुपए बिना किसी इक्यूपमेंट के साथ बताई। भाजपा सरकार और उनके सभी लोग क्यों झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं यह समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि 6 मार्च को आम आदमी पार्टी के तीनो सांसदों ने CVC के चेयरमैन को, मुख्य सतर्कता आयोग को और 12 मार्च 2018 को सीबीआई डायरेक्टर से मिलकर राफेल डील में हुए महा घोटाले की जांच की मांग की थी। इसके बाद 16 मई 2018 को CVC ने मुझे जवाब दिया कि आपकी शिकायत को स्वीकार किया जाता है। आप सभी लोग जानते होंगे की CVC जिस भी शिकायत को स्वीकार करती है, उसकी जांच सीबीआई द्वारा की जाती है। आखिर वो कौनसी मजबूरियां हैं जिनके चलते आप राफेल डील की जाँच नहीं होने देना चाहते।
संजय सिंह ने कहा मोदी सरकार को जवाब देना होगा कि क्यों उन्होंने एक सालों पुरानी अनुभव वाली कंपनी से ये प्रोजेक्ट वापस लेकर 12 दिन पुरानी रिलायंस की कंपनी को ये प्रोजेक्ट दिलाया। 526 करोड़ का विमान 1670 करोड़ का कैसे हो गया ?आखिर क्या सांठ-गांठ हुई है मोदी जी की अम्बानी के साथ?
भाजपा को बताना पड़ेगा की क्यों रक्षामंत्री ने झूठ बोला रही हैं कि ऑफसेट पार्टनर बनाने में कोई नियम कानून नहीं है, जिसको फ़्रांस की कंपनी चाहे अपना ऑफसेट पार्टनर बना सकती है, जबकि सरकार की एक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी होती है जिसका क्लॉज़ 4.1 कहता है की अगर फ़्रांस की कंपनी को भारत में किसी भी कंपनी को अपना ऑफसेट पार्टनर बनाना है तो वो एलिजिबल प्रोडक्ट्स का निर्माता होना चाहिए।
सीबीआई डायरेक्टर अलोक वर्मा केस पर बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि क्योंकि राफेल डील में हुए घोटाले की जाँच अलोक वर्मा की निगरानी में होने वाली थी, इसीलिए मोदी सरकार ने आनन फानन में अलोक वर्मा को पद से हटाकर, उनकी जगह पर एक ऐसे व्यक्ति नागेश्वर राव को सीबीआई डायरेक्टर के पद पर बैठा दिया, जिस पर पहले से ही भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हैं, और उसके भ्रष्टाचार की जांच चल रही हैI
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