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*राजधानी में कूड़े हुए कूड़ेदान! ना निगम को ध्यान ना अधिकारियों को ख्याल, करोड़ो रुपए हुए बर्बाद*

*दिल्ली निगम के ये लापरवाही बेहद चिंता जनक: दिलीप पाण्डेय*

*दिल्ली की भाजपा शासित नगर-निगम भ्रष्टाचार और निकम्मेपन का गढ़ बन चुकी: दिलीप पाण्डेय*

 

राजधानी दिल्ली में स्वच्छता अभियान कैसे सफल होगा, जब सड़क पर लगे डस्टबिन ही टूट हुए हो,या फिर जो डस्टबिन लगे है वो रखे-रखे सड़ चुके है। राजधानी में निगम ने डस्टबिन लगाने के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए लेकिन यह किसी काम का नहीं। दिल्लीवासियों के प्रापर्टी टैक्स व पार्किंग चार्ज कई गुना बढ़ाकर भाजपा शासित नगर-निगम जनता से लिए टैक्स के पैसे बर्बाद कर रही है।

 

साउथ दिल्ली में लगे डस्टबिन पूरी तरह से टूटे हुए हैं। ऐसा लग रहा है कि दिल्ली के सभी निगम वार्डों में डस्टबिन लगाने के नाम पर मजाक हो रहा है। कहीं डस्टबिन लगे नहीं है तो कहीं हालत खस्ता है या फिर उखाड़ लिए गए हैं। कूड़ेदान बांटने और लगाने के नाम पर नगर निगम ने करोड़ों रुपए हजम कर लिया। नीले और हरे रंग का डस्टबिन सभी निगम पार्षदों को अपने अपने वार्ड में लगाने के लिए दिए गए थे। लेकिन इनको वहां लगाया गए जहां कूड़ा ही नहीं है। कई जगहों पर तो निगम पार्षदों के इशारे पर ही डस्टबिन को नष्ट किया जा रहा है।

 

आम आदमी पार्टी के उत्तर-पूर्वी लोकसभा प्रभारी दिलीप पाण्डेय ने कहा कि, दिल्ली नगर-निगम की ये लापरवाही बहुत ही चिंताजनक है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कि कई निगम पार्षदों को तो यह भी नहीं पता कि हरे और नीले रंग के डस्टबिन लगाने का क्या अर्थ। उन्होंने इससे नगर-निगम का निकम्मेपन साफ जाहिर हो रहा है। क्योंकि यदि डस्टबिन लगाए जाएंगे तो लोग उसमें कचड़ा डालेगें और लोग कचड़ा डालेगें तो उठाने के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। आज दिल्ली में कूड़ेदान में कूड़ा कूड़ा हो चुका है और इस कूड़े की तरफ किसी का ध्यान नहीं है।

दिलीप पाण्डेय ने कहा कि, आम आदमी पार्टी लगातार दिल्ली नगर-निगम के निकम्मेंपन और भ्रष्टाचार का खुलासा करती रही है। बावजूद इसके निगम को इस बात की चिंता ही नहीं है। जिस तरह निगम ने जनता वसुले लाखों रुपए का पानी में बहा दिया। इससे साफ है कि बीजेपी शासित भ्रष्टाचार और निकम्मेपन का गढ़ बन चुकी है। इनको भ्रष्टाचार के अलावा और कुछ नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि, निगम को ना तो स्कूलों में बच्चों की शिक्षा व सूरक्षा चिंता है और ना ही साफ सफाई को लेकर कोई चिंता है। हालात ऐसे हो गए है कि निगम के पास टुटे हुए डस्टबिन को बदलने के लिए फंड तक नहीं है।

 

दिल्ली नगर निगम हालातों को देखते हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोकसभा प्रभारी दिलीप पाण्डेय ने भाजपा शासित नगर-निगर से पूछे 3 सवाल-

 

1)निगम की इस बड़ी लापरवाही के लिए क्या वो अपने कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करेंगे?

2)क्या निगम के पास आए सफाई के लिए फंड का सही इस्तेमाल हो रहा है, यदि हो रहा है तो निगम द्वारा दिल्ली की सफाई व्यवस्था ठप क्यों है?

 

3) जो बीजेपी दिल्ली में सफाई तक नही करवा सकती, क्या वह भरोसे लायक है ? उन्हें देश कैसे सौंपा जा सकता है ?

 

भाजपा शासित एमसीडी का वादा था कि निगम को साफ सुथरा बनाएंगे, नए चेहरे पर नई उड़ान वाली जुमले के साथ। अब ये तय हो चुका है कि दिल्लीवालों का भला आम आदमी पार्टी कर सकती है। लिहाजा 2019 में भारतीय जनता पार्टी के निक्कम्मे सासंदों को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना चुकी जनता अब आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली में विकास के रास्ते चलने को तैयार है।

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sudhir

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