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दिल्ली को पूर्ण राज्य के मुद्दे पर प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने राहुल गांधी को लिखा पत्र*
*पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात करने वाली कांग्रेस दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है : गोपाल राय*
*केवल जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन करके उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के प्रति बाध्य नहीं किया जा सकता : गोपाल राय*
*आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लिखा पत्र। पत्र के माध्यम से दिल्ली के लिए कांग्रेस द्वारा बनाए गए घोषणापत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य ना देने के मत पर पुनर्विचार करने का किया आग्रह।*
*नई दिल्ली 3 अप्रैल 2019*
बुधवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा, कि कांग्रेस का 2019 लोकसभा चुनाव के लिए जो मेनिफेस्टो आया है, उसमें दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के मुद्दे पर गोल गोल बातें करना समझ से बिल्कुल परे है।
पुडुचेरी जोकि दिल्ली की तरह ही केंद्र शासित प्रदेश है, और वहां की जनता भी वोट करके अपनी सरकार चुनती है। वहां पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के कामों में बाधा पैदा करना और राज्य सरकार के विकास कार्यों में अड़चनें लगाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिसके मद्देनजर कांग्रेस ने पुडुचेरी की जनता को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया है।
उसी प्रकार से दिल्ली भी एक केंद्र शासित प्रदेश है। दिल्ली में भी केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के कामों में अड़चनें लगाई जाती हैं। दिल्ली के साथ भी ऐसा ही सौतेला व्यवहार किया जाता है, जैसा पुदुचेरी कि राज्य सरकार के साथ किया जाता है। अगर कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में पुदुचेरी के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही है, तो फिर दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे पर कांग्रेस का स्टैंड अलग क्यों है?
कल कांग्रेस पार्टी ने बड़े जोर-शोर के साथ जनता को न्याय देने के लिए एक मुहिम की शुरुआत की। जिसके तहत कांग्रेस पार्टी ने कहा कि देश की जनता के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है, और कांग्रेस पार्टी जनता के साथ न्याय करेगी। तो हम कांग्रेस से पूछना चाहते हैं, कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में दिल्ली की जनता के साथ यह अन्याय क्यों? पुदुचेरी की जनता के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और दिल्ली की जनता के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों नहीं?
पूर्व में भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के ही नेताओं ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही है। पहले भी यह प्रस्ताव, कि *एनडीएमसी का एरिया छोड़ कर बाकी पूरी दिल्ली का एरिया दिल्ली सरकार के अधीन होना चाहिए, ताकि दिल्ली का पूर्ण विकास हो सके,* भाजपा एवं कांग्रेस के नेताओं द्वारा रखा गया है। तो आज जब आम आदमी पार्टी यही प्रस्ताव दिल्ली के लिए रख रही है, तो भाजपा और कांग्रेस इस प्रस्ताव से भाग क्यों रहे हैं?
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है, कि वह दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का वादा नहीं करते, परंतु कानून में संशोधन करके उपराज्यपाल को तीन मुख्य बिंदु छोड़कर, बाकी सभी बातों पर, दिल्ली सरकार की सहमति से काम करने के लिए बाध्य करेंगे। जबकि विधि के अनुसार, जब तक संविधान के अनुच्छेद 239AA, में संशोधन नहीं होता है, तब तक उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के प्रति बाध्य करना संभव ही नहीं है। केवल GNCTD एक्ट को संशोधित करने से यह सम्भव नही है।
गोपाल राय ने कहा, कि जिस संशोधन की बात कांग्रेस कर रही है, उस संशोधन को करने के बावजूद दिल्ली में जो भ्रष्टाचार फैला हुआ है, उसको रोकने के लिए एसीबी का कंट्रोल दिल्ली सरकार को नहीं मिल पाएगा। आज दिल्ली के बच्चे कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए दर-दर भटकते हैं, नए कॉलेज बनाने के लिए जो जमीन की जरूरत है, वह जमीन का अधिकार भी दिल्ली सरकार के अधीन नहीं आएगा। आज दिल्ली का पढ़ा लिखा युवा रोजगार के लिए भटक रहा है, इस संशोधन के बावजूद भी दिल्ली सरकार किसी भी पढ़े-लिखे युवा को रोजगार नहीं दे पाएगी। महिला सुरक्षा का मुद्दा जो आज दिल्ली का सबसे बड़ा मुद्दा है, इस संशोधन के बावजूद भी उसका समाधान दिल्ली सरकार नहीं कर पाएगी।
अंत में गोपाल राय ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी से अपने घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य के मसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
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