दिल्ली के गरीब लोगो के हक का राशन उप-राज्यपाल और भाजपा, राशन माफिया के साथ मिलकर खा रहे हैं : दिलीप पाण्डेय
अगर उप-राज्यपाल साहब पाक-साफ़ हैं और राशन में हो रहे इस भ्रष्टाचार से उनका कोई लेना-देना नहीं है तो इतने बड़े भ्रष्टाचार के बाद भी क्यों नहीं कर रहे फ़ूड कमिश्नर को बर्खास्त : दिलीप पाण्डेय
नवम्बर 28, 2018 बुधवार दोपहर को हुई एक प्रेस वार्ता में उत्तरी-पूर्वी लोकसभा के प्रभारी दिलीप पाण्डेय ने कहा कि भाजपा सरकार, दिल्ली के उपराज्यपाल और राशन माफिया की मिलीभगत से दिल्ली में चल रहे भ्रष्टाचार के चलते दिल्ली के अन्दर गरीबों को आम लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है। कल दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन ने एक राशन की दुकान पर छापा मार, एक बार फिर राशन माफिया के भ्रष्टाचार का पर्दा फाश किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिलीप पाण्डेय ने कहा कि ये कोई चौकाने वाली बात नहीं है, क्यूकी आम आदमी पार्टी पिछले तीन साल से ये बात कहती आ रही है की दिल्ली में राशन की कालाबाजारी चल रही है। दिल्ली में लगभग 2100 राशन की दुकाने हैं। प्रत्येक दुकान पर 1 तारिख को बटने वाला राशन पन्द्रह दिन पहले आ जाता है। अर्थात जो राशन 1 दिसम्बर से बटने वाला होगा, वह राशन 15 नवम्बर को राशन की दुकानों में भेज दिया जाता है। कल जब मंत्री इमरान हुसैन ने उस राशन की दूकान पर छापा मारा तो पता चला की उस दूकान में 1 तारिख से बटने वाला राशन गायब था।
भाजपा और उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए दिलीप पाण्डेय ने कहा कि ये जो राशन की कालाबाजारी हो रही है ये भाजपा और उपराज्यपाल की मिलीभगत से हो रही है और उसका सबूत ये है की दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने इस राशन की कालाबाजारी को रोकने के लिए ही डोर-स्टेप-डिलीवरी स्कीम का प्रस्ताव रखा था। दिल्ली कैबिनेट ने 2 बार ये प्रस्ताव पास करके उपराज्यपाल साहब के पास भेजा, लेकिनं भाजपा द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल साहब ने दोनों बार इस स्कीम को रोक दिया। ये दर्शाता है की कहीं न कहीं उपराज्यपाल साहब और उनके आकाओं के तार भी इस राशन की कालाबाजारी के साथ जुड़े हुए हुए हैं।
कल जिस दुकान पर छापा मारा गया उस दुकान से लगभग 4 हज़ार लोगो को राशन मिलता है, जिसमे लगभग 152 क्विंटल गेहूं और 130 क्विंटल चावल की मात्र शामिल है। अगर दिल्ली में स्थित 2100 दुकानों पर आने वाला राशन को जोड़ा जाए तो गरीबों के हक़ का लगभग 3.25 लाख क्विंटल गेंहू और 2.73 लाख क्विंटल चावल प्रति माह भाजपा, उपराज्यपाल साहब और राशन माफिया मिलकर कहा रहे हैं। आम आदमी पार्टी लगातार कह रही है की डोर-स्टेप-डिलीवरी से इस भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है , बावजूद उसके उपराज्यपाल साहब इस स्कीम को लागु करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो ऐसा क्यों न माना जाए के ये सारी कालाबाजारी उपराज्यपाल साहब और फ़ूड कमिश्नर की जानकारी में हो रही है।
छापे के बाद मंत्री इमरान हुसैन ने पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष राखी। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने तत्काल प्रभाव से फ़ूड कमिश्नर को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। अगर इतने तथ्यों के बावजूद भी केंद्र सरकार और उपराज्यपाल साहब फ़ूड कमिश्नर को नहीं हटाते हैं तो ये बात साबित हो जाएगी के राशन की ये कालाबाजारी उपराज्यपाल और फ़ूड कमिश्नर की भी संज्ञान में थी और इस कालाबाजारी से आने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा उपराज्यपाल साहब को भी जाता है।
मीडिया के माध्यम से दिलीप पाण्डेय ने कहा की ये जांच की विषय है, और इसकी जांच होनी चाहिये और पता लगाना चाहिये की किन किन नेताओ, और सरकारी अधिकारीयों के तार इस कालाबाजारी से जुड़े हुए हैं, और उन सबके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
Leave a Comment