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*भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर के पास हैं दिल्ली के दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के वोटर कार्ड*
*भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर ने पीआरए एक्ट के कानूनों का उल्लंघन किया : आतिशी*
*नई दिल्ली 26 अप्रैल 2019*
शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी की पूर्वी दिल्ली से प्रत्याशी आतिशी ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही भाजपा के पूर्वी दिल्ली से लोकसभा प्रत्याशी गौतम गंभीर के नामांकन पत्र में संलग्न एफिडेविट में बहुत सारी गलतियों का मुद्दा आम आदमी पार्टी ने उठाया था। परंतु आज गौतम गंभीर जी के नामांकन से जुड़ा उससे भी ज्यादा गंभीर मुद्दा निकल कर सामने आया है। भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी गौतम गंभीर जी के पास दिल्ली में ही दो जगह के वोटर कार्ड हैं।
आतिशी ने बताया कि गौतम गंभीर ने अपने नामांकन पत्र में जिस वोटर कार्ड की जानकारी संलग्न की है, वह राजेन्द्र नगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र न.39, पार्ट न. 43, सीरियल न. 285, एपिक न. SMM1357243 की है। जबकि गौतम गंभीर के नाम पर करोल बाग निर्वाचन क्षेत्र से भी एक वोटर कार्ड चुनाव आयोग की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड है।
गौतम गंभीर से संबंधित दूसरे वोटर कार्ड की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह दूसरा वोटर कार्ड करोल बाग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र न.23, पार्ट न. 86, सीरियल न. 87, एपिक न. RJN1616218 की जानकारी के साथ चुनाव आयोग की प्रमाणित वेबसाइट उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि पीआरए एक्ट की धारा 17 और 31 के अनुसार एक व्यक्ति का दो वोटर कार्ड रखना कानूनन अपराध है। जहां पीआरए एक्ट की धारा 17 के अनुसार एक व्यक्ति मतदाता के रूप में दो जगह के वोटर कार्ड नहीं रख सकता, वहीं धारा 31 के अनुसार नामांकन पत्र में गलत जानकारी देने पर 1 साल के कारावास का प्रावधान है।
इसी के साथ-साथ गौतम गंभीर ने पीआरए एक्ट की धारा 125A का भी उल्लंघन किया है। पीआरए एक्ट की धारा 125A के तहत नामांकन पत्र के एफिडेविट में गलत जानकारी देने पर 6 महीने तक के कारावास की सजा है।
आतिशी ने कहा कि भाजपा के पूर्वी दिल्ली लोकसभा प्रत्याशी गौतम गंभीर ने पीआरए एक्ट की तीन धाराओं का उल्लंघन किया है। जिस के संबंध में मैंने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में गौतम गंभीर के खिलाफ एक क्रिमिनल केस दायर किया है। इस केस के माध्यम से मैंने कोर्ट से अपील की है, कि कोर्ट राजेंद्र नगर और करोल बाग थाने के एसएचओ को गौतम गंभीर के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के लिए आदेशित करें, और तुरंत प्रभाव से गौतम गंभीर द्वारा किए गए कानूनी अपराध के लिए उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली का नागरिक होने के नाते यह मेरा फर्ज बनता है, कि मैं पूर्वी दिल्ली के लोगों से अपील करूं, कि जब 12 तारीख को वह मतदान करने जाएं, तो मतदान करने से पहले एक बार अच्छे तरीके से सोच लें, कि उनके द्वारा भाजपा को दिया गया एक एक वोट व्यर्थ होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौतम गंभीर ने अपने नामांकन पत्र में जो गलत जानकारी दी है, उसके तहत उनका नामांकन रद्द होगा। हो सकता है की कानूनी प्रक्रिया के तहत उसमें थोड़ा समय लगे, परंतु अंततोगत्वा उनका नामांकन रद्द ही होगा, और गौतम गंभीर को दिया गया एक एक वोट व्यर्थ जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं चुनाव आयोग से भी अपील करूंगा कि चुनाव में जनता की मेहनत का पैसा खर्च होता है। जनता के टैक्स का पैसा खर्च होता है। क्योंकि गौतम गंभीर का नामांकन कोर्ट के द्वारा रद्द होना ही है, तो चुनाव आयोग इस मुद्दे पर संज्ञान ले और पहले से ही उनका नामांकन रद्द करें। इस चुनाव में जो जनता के टैक्स का पैसा बर्बाद होने वाला है उसको बर्बाद होने से बचाए।
 
Name figures twice in electoral rolls, Gambhir faces upto one year in prison*
*Atishi files criminal complaint against Gautam Gambhir at Tis Hazari court*
On 25 April 2019, Aam Aadmi Party East Delhi Lok Sabha candidate Atishi filed a criminal complaint against Gautam Gambhir, the candidate of the Bhartiya Janata Party. Under Section 155(2), a complaint was filed at the Tis Hazari Court seeking direction for police investigation into offences punishable under Sections 17 and 31 of The Representation of the People Act, 1950 and Section 125A of The Representation of the People Act, 1951.
As per Section 17 of The Representation of the People Act, 1950, no person is entitled to be enrolled as a voter in more than one constituency. Section 31 makes false declaration in the matter of inclusion or exclusion of voter rolls punishable with up to one year in prison. Consequently, any such declarations made in order to obtain registration as a voter in two or more constituencies is a criminal offence punishable with imprisonment up to one year, or fine, or both.
The candidate of the Bhartiya Janata Party has stated in his affidavit submitted to the Returning Officer at the time of nomination that he is only registered to vote in the Assembly constituency Rajinder Nagar-39, Part No 43, Serial No 285, EPIC No SMM1357243. However, it was discovered by Atishi after the scrutiny period had concluded that Gautam Gambhir was also registered to vote in Assembly Constituency Karol Bagh-23, Part No 86, Serial No 87, EPIC No: RJN1616218.
This fact was also deliberately and willfully concealed by Gambhir during the time of filing and scrutiny of his nomination, as witnessed by the Returning Officer, presumably to avoid rejection of his nomination. The concealment of information provided in an election affidavit is also punishable under Section 125A of the said Act, with up to six months jail time.
It is pertinent to recall that Gautam Gambhir’s nomination had been held up due to objections raised by the AAP candidate due to technical errors in the affidavit. Unfortunately for the public, a candidate who is unaware of the law and legal processes has been parachuted into the fray to extract a benefit from his stardom. But the party and the candidate will pay the cost of unpreparedness and inexperience through eventual disqualification and possible jail term for Gambhir.

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sudhir

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