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भूमि अधिग्रहण की आड़ में भाजपा शासित नगर निगम ने किया करोड़ों का भ्रष्टाचार : दिलीप पाण्डेय

प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उत्तरी दिल्ली के आम आदमी पार्टी से नेता विपक्ष अनिल लाकड़ा ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार एक रीति-रिवाज की तरह चलता आ रहा है। आज से पहले भी एमसीडी के हजारों घोटाले जनता के सामने उजागर हुए हैं! और उसी कड़ी में एक और नया घोटाला जुड़ गया है।

नांगलोई विधानसभा में एक पंजाबी बस्ती मार्किट कि जगह पर एक अंडर ब्रिज और एक ओवर ब्रिज बनाने का प्रोजेक्ट पास हुआ, जिसके चलते वहां के दुकानदारों की ज़मीन अधिग्रहण की गई। इस अधिग्रहण में उन दुकानदारों को जगह के बदले जगह देने का आश्वासन दिया गया! इसमें कुछ नियम बनाए गए थे जो इस प्रकार से थे..

1 : 10 स्क्वायर मीटर तक जमीन के बदले 9 स्क्वायर मीटर जमीन

2 : 10 से 20 स्क्वायर मीटर जमीन के बदले 12 स्क्वायर मीटर ज़मीन

3 : 20 से 60 स्क्वायर मीटर ज़मीन के बदले 20 स्क्वायर मीटर ज़मीन

4 : 60 से 100 स्क्वायर मीटर ज़मीन के बदले 28 स्क्वायर मीटर ज़मीन

5 : 100 मीटर से अधिक ज़मीन वाले को 56 स्क्वायर मीटर ज़मीन

अनिल लाकड़ा ने कहा कि इस आबंटन में बहुत बड़ी गड़बड़ियाँ पकड़ी गई हैं। घोटाले से जुड़े पेपर दिखाते हुए उन्होंने बताया, इस लिस्ट में एक मुकुंद लाल और उनके भाई दोनों की ज़मीन मिलाकर 135 स्क्वायर मीटर ज़मीन बनती है, जिसके बदले उन्हें 56 स्क्वायर मीटर ज़मीन मिलनी थी। लेकिन नगर निगम ने दोनों भाइयों को अलग-अलग 56-56 स्क्वायर मीटर ज़मीन दे दी।

इस पुरे प्रकरण में सबसे चौकाने वाली जो बात सामने आई वो ये कि मुकुंद लाल जी का बेटा नीरज अरोड़ा, जिसका इस 251 लोगो की सूची (जिनकी ज़मीन अधिग्रहण की गई) से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं था, उनको भी 9 स्क्वायर मीटर ज़मीन आबंटन कर दी गई।

यही नहीं इस 135 स्क्वायर मीटर ज़मीन पर बनी दुकानों में से तीन दुकाने मुकुंद लाल ने बेच दी थी।

और जिनको ये दुकाने बेचीं गई उनमे उन तीन लोगों में से 2 लोग सुभाष चंद जैन एवं वेद प्रकाश जैन को भी 9-9 यही नहीं इस 135 स्क्वायर मीटर ज़मीन पर बनी दुकानों में से तीन दुकाने मुकुंद लाल ने बेच दी थी।

मीटर ज़मीन दे दी गई! अर्थात एक व्यक्ति की ज़मीन के बदले में 5 लोगो को ज़मीन का आबंटन किया गया।

इस अधिग्रहण के लिए बनाए गए नियमों में एक और नियम था कि बेसमेन्ट में जिनकी दुकानें हैं, उनको बदले में कोई ज़मीन नहीं दी जाएगी। लेकिन एक दर्शना देवी नामक महिला जिनकी दूकान बेसमेन्ट में थी, उनको भी 9 स्क्वायर मीटर ज़मीन दे दी गई।

वहां पर लोगो से बातचीत करने पर पता चला कि भाजपा शासित नगर निगम पैसे लेकर, गलत तरीके से ज़मीनों का आबंटन कर रही है।

प्रेस वार्ता में मौजूद उतरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा के प्रभारी दिलीप पाण्डेय ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक गलत आबंटन का नहीं है, बल्कि इस पुरे आबंटन में बहुत सारी खामियां मौजूद है। ये मुकुंद लाल और उनके परिवार के लोगो को लगभग 83 स्क्वायर मीटर जो ज़मीन का अधिक आबंटन किया गया, उस इलाके में ज़मीन की कीमत लगभग 5 लाख रूपए प्रति स्क्वायर मीटर है, तो इस प्रकार से सीधे सीधे 4 करोड़ 15 लाख रूपए का ये घोटाला भाजपा की नगर निगम ने किया।

आबंटन में हुए एक और भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि इस नियमावली में साफ़ साफ़ तौर पर लिखा है की बेसमेन्ट वालों को किसी भी प्रकार का कंपनसेशन नहीं दिया जाएगा। परन्तु हैरानी वाली बात ये है की एक दो नहीं बल्कि 8 लोगों को बेसमेन्ट की दूकान के बदले 9-9 स्क्वायर मीटर ज़मीन का आबंटन कर दिया गया। कुल 72 स्क्वायर मीटर ज़मीन गलत तरीके से यहाँ भी आबंटित कर दी गई, जिसकी कीमत 5 लाख रूपए प्रति स्क्वायर मीटर के हिसाब से लगभग 5 करोड़ 50 लाख रूपए होती है।

एक व्यक्ति जिसकी दुकान उसी अधिग्रहण वाली भूमि के अंतर्गत आती थी, उसने बड़ी चालाकी से अपने कुछ रिश्तेदारों को बुलाकर लकड़ी के खोके बनाकर उनके नाम भी उस सूची में शामिल करवा दिए, जिनको ज़मीन के बदले ज़मीन मिलनी थी। क्यूंकि उस पूरी ज़मीन का निरीक्षण भी किया गया होगा, तो ये कैसे मुमकिन है कि बिना निगम के अधिकारीयों की मिली भगत के ये संभव हो पाया होगा। अर्थात इस पुरे भ्रष्टाचार में भाजपा शासित एमसीडी का पूरा पूरा योगदान रहा है।

दिलीप पाण्डेय ने मीडिया के माध्यम से कुछ प्रश्न केंद्र सरकार के सम्मुख रखे, जो निम्न प्रकार से हैं….

1 – इस पुरे घोटाले की सीबीआई जाँच कराई जाए।

2 – भाजपा के वो सभी नेता और नगर निगम के अधिकारी जो इस जांच को प्रभावित कर सकते हैं, उन सभी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।

3 – भाजपा ने निगम चुनाव में नारा दिया था, नए चेहरे नई उड़ान, पर नए चेहरे के रूप में नए कलेक्शन एजेंट दे दिये। अपने इस झूठ के लिए भाजपा के सांसद और दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मनोज तिवारी दिल्ली की जनता से अपने इस झूठ के लिए माफ़ी मांगे।

4 – दिल्ली में जहाँ-जहाँ भी भाजपा शासित नगर निगम के द्वारा भूमि अधिग्रहण के बदले में मुआवजा देने का काम किया गया है, उन सभी की जांच कराई जाए, और ये निश्चित किया जाए की इन सभी में कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है।

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sudhir

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