आम आदमी पार्टी के पूर्ण राज्य आंदोलन की प्राथमिक रूपरेखा हुई तैयार, 1 मार्च से दिल्ली में शुरू होगा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अनिश्चितकालीन अनशन।
नई दिल्ली 24 फरवरी 2019 रविवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दिल्ली के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी 1 मार्च से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा आंदोलन को लेकर कल रात को मुख्यमंत्री आवास पर सभी विधायकों कैबिनेट मंत्रियों सांसदों एवं पार्षदों की बैठक हुई जिसमें आंदोलन की रूपरेखा को लेकर चर्चा हुई उसी कड़ी में आज सभी फ्रंटल संगठनों एवं दिल्ली के लगभग एक हजार संगठन पदाधिकारियों के साथ हमारी बैठक हुई और आंदोलन के संबंध में कुछ अहम निर्णय लिए गए।
इस आंदोलन को दो भागों में विभाजित किया गया है एक केंद्रित आंदोलन होगा जो कि उस स्थल पर होगा जहां पर मुख्यमंत्री अनशन पर बैठेंगे और दूसरा केंद्रित आंदोलन होगा जो दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में हमारे विधायकों पदाधिकारियों पार्षदों द्वारा किया जाएगा।
पूरी दिल्ली को 560 ज़ोन में विभाजित किया गया है। इसमें एक लोकसभा स्तर की पूर्ण राज्य आंदोलन समिति का गठन किया जाएगा जिस में लोकसभा प्रभारी विधायक पार्षद एवं लोकसभा पदाधिकारी को समिति के मेंबर होंगे।
दूसरा विधानसभा स्तर पर पूर्व राज्य आंदोलन कमेटी बनाई जाएगी जिसमें विधानसभा के पदाधिकारी शामिल होंगे। और तीसरा इसमें जोन कमेटी होगी। प्रत्येक वार्ड में दो-दो होंगे दोनों जून की अपनी अपनी कमेटी होगी जो इस आंदोलन को जमीन पर संचालित करने का काम संभालेगी।
पूरे प्रदेश में जो 560 जून का मोतियों का निर्माण किया जाएगा मैं सभी कमेटियां अपने अपने क्षेत्र में पूर्ण राज्य न्याय यात्रा शुरू करेंगी इन यात्रा के माध्यम से लोकल आरडब्लूए, धार्मिक संगठन एवं स्थानीय लोगों को इस आंदोलन से जोड़ने का काम किया जाएगा।
1 तारीख को सुबह 10:00 बजे से अनशन की शुरुआत होगी और दिल्ली के हमारे सभी विधायक, पार्षद, लोकसभा प्रभारी एवं संगठन पदाधिकारी वहां मौजूद रहेंगे। 2 तारीख से प्रत्येक दिन एक लोकसभा की जिम्मेदारी तय की गई है जिम्मेदारी के दिन लोकसभा प्रभारी और लोकसभा के 10 विधायक पार्षद और संगठन पदाधिकारी अनशन स्थल पर मुख्यमंत्री के समर्थन में मौजूद रहेंगे।
सभी लोक सभा ओं की जिम्मेदारी इस प्रकार से तय की गई है….
2 मार्च को नॉर्थईस्ट लोकसभा की जिम्मेदारी होगी
3 मार्च को चांदनी चौक लोकसभा की जिम्मेदारी होगी
4 मार्च को ईस्ट लोकसभा की जिम्मेदारी होगी
5 मार्च को साउथ दिल्ली लोकसभा की जिम्मेदारी होगी
6 मार्च को नॉर्थ वेस्ट दिल्ली लोकसभा की जिम्मेदारी होगी
7 मार्च को वैस्ट दिल्ली लोकसभा की जिम्मेदारी होगी
8 मार्च को नई दिल्ली लोकसभा की जिम्मेदारी होगी
9 मार्च को सभी फ्रंटल्स अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी
10 मार्च को दोबारा से सभी विधायक पार्षद सांसद कैबिनेट मंत्री फ्रंटल पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी अनशन स्थल पर इकट्ठा होंगे और अनशन कार्यक्रम को आगे की दिशा में ले जाया जाएगा।
आंदोलन के लिए दो मुख्य नारों का भी चयन किया गया है
1- दिल्ली अन्याय नहीं सहेगी, पूर्ण राज्य अगले के रहेगी
2- दिल्ली का सम्मान अधूरा पूर्ण राज्य से होगा पूरा
आजादी के 70 सालों के बावजूद दिल्ली के लोगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए हमने प्रधानमंत्री के पास गृह मंत्री के पास उपराज्यपाल के पास और न्यायालय में भी गुहार लगाई परंतु कहीं से कोई समाधान निकल कर नहीं आया। अब अनशन ही एकमात्र उपाय नजर आता है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने पूर्ण राज्य के नाम पर दिल्ली की जनता के साथ हमेशा धोखा किया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता दशकों से दिल्ली को पूर्ण राज्य देने की मांग को उठाते रहे हैं, चाहे वह साहिब सिंह वर्मा रहे हो, मदन लाल खुराना रहे हो, भाजपा के संस्थापक श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी हो या फिर दिल्ली के भाजपा के कद्दावर नेता विजय गोयल एवं डॉक्टर हर्षवर्धन हो, सभी ने दिल्ली की जनता को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की बात समय-समय पर उठाई है। परंतु आज जिस तरह से पूरी की पूरी भारतीय जनता पार्टी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग से मुंह मोड़ती नजर आ रही है, यह दिल्ली की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है।
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