
*देश की सत्ता में भाजपा की तानाशाह सरकार दोबारा आई तो उसके लिए केवल और केवल कांग्रेस जिम्मेदार होगी*
*कांग्रेस के लिए सत्ता का सुख देश के संविधान की रक्षा और देश के सांप्रदायिक ताने-बाने की रक्षा से ज्यादा बड़ा है : मनीष सिसोदिया*
*देश के संघीय ढांचे एवं गंगा जमुनी तहजीब को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी ने हर स्तर पर गठबंधन के प्रयास किए : संजय सिंह*
*नई दिल्ली, 20 अप्रैल 2019*
शनिवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये सच है कि आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हुए हुआ था। परंतु आज देश में मोदी और शाह की जोड़ी ने जो नफरत का माहौल बना दिया है, आज जो मोदी-शाह की जोड़ी इस देश के साम्प्रदायिक ताने-बाने के लिए खतरा बनी हुई है, उससे देश को बचाने के लिए यह मुहिम भी बेहद जरूरी है। इस बाबत ही आम आदमी पार्टी ने गठबंधन के बारे में सोचा था।
जिस प्रकार से देश के अलग-अलग राज्यों में जैसे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक आदि में अलग-अलग प्रकार से मोदी और शाह की इस तानाशाह और सांप्रदायिक जोड़ी को देश की सत्ता से हटाने के लिए गठबंधन हो रहे हैं, इसी श्रंखला में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और गोवा जहां पर आम आदमी पार्टी का आधार है, यह तय किया कि, गठबंधन के माध्यम से इन राज्यों की लगभग 33 सीटों पर भाजपा को रोका जा सकता है।
इसी सोच के साथ हमने कांग्रेस से और जजपा से गठबंधन हेतु बातचीत की। दिल्ली में कांग्रेस का न तो एक भी विधायक है, और न ही एक भी सांसद है, उसके बावजूद कांग्रेस दिल्ली में 3 सीटों की मांग कर रही है। वहीं जहां पंजाब में आम आदमी पार्टी के 20 विधायक और 4 सांसद हैं, कांग्रेस वहां गठबंधन के लिए तैयार नहीं है। इसी प्रकार से हरियाणा में कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता मानते हैं कि अकेले कांग्रेस भाजपा को नहीं हरा सकती। अगर हरियाणा में कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ती है तो 10 की 10 सीटों पर भाजपा को हराया जा सकता है।
जींद के उपचुनाव में कांग्रेस को 22000 भाजपा को 50000 तथा आप-जजपा के गठबंधन को 37000 वोट मिले। अगर हरियाणा में आप कांग्रेस और जजपा मिल कर चुनाव लड़ते तो उनका वोट प्रतिशत भाजपा से ज्यादा होता, और भाजपा के प्रत्याशी को आसानी से हराया जा सकता था। इसी सोच के साथ हमने हरियाणा में गठबंधन का प्रस्ताव रखा था।
भाजपा भी बहुत अच्छी तरह से यह बात जानती है कि अगर कांग्रेस, आप और जजपा का गठबंधन हुआ, तो भाजपा के प्रत्याशी हार जाएंगे, और यही कारण है कि चुनाव के अंतिम दिन शुरू हो चुके हैं, परंतु अभी तक भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की।
केवल मोदी और शाह की तानाशाही से देश को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी ने इस गठबंधन का प्रस्ताव रखा था। जजपा ने इस गठबंधन के तहत जजपा को 4 सीट, कांग्रेस को 4 सीट, और दो सीट आम आदमी पार्टी को देने का प्रस्ताव रखा। आम आदमी पार्टी इस प्रस्ताव पर भी सहमत हुई। परंतु कांग्रेस को देश के संविधान और देश की जनता से तथा देश के सांप्रदायिक ताने-बाने से कोई लेना देना नहीं है। जिसके तहत कांग्रेस ने इस प्रस्ताव पर इंकार कर दिया। बाद में कांग्रेस ने 6 सीटें कांग्रेस को, 3 सीटें जजपा को और 1 सीट आम आदमी पार्टी को देने का प्रस्ताव रखा।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश की खातिर आम आदमी पार्टी कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर भी राजी हुई। परंतु कांग्रेस की मंशा देश को बचाने की नहीं है। तो वह अपनी ही बात से पलट गई, और एक नया प्रस्ताव हमारे समक्ष रखा। जिसमें 7 सीट कांग्रेस को 2 सीट जजपा को और 1 सीट आम आदमी पार्टी को देने की बात कही। इस प्रस्ताव के संबंध में जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला जी से आम आदमी पार्टी की बातचीत हुई, और दोनों ही पार्टियां देश के संविधान को बचाने की खातिर इस प्रस्ताव पर भी राजी हुई।
यह बेहद ही दुख की बात है कि कांग्रेस के लिए सत्ता सुख देश के संविधान, देश के लोगों के सम्मान और देश के सांप्रदायिक ताने-बाने से ज्यादा ऊंचा है। यह इस बात से साबित होता है, कि कल कांग्रेस ने एक बार फिर हरियाणा में अपने ही दिए हुए प्रस्ताव से यू टर्न लेते हुए हरियाणा के अंदर किसी भी प्रकार के गठबंधन से इंकार कर दिया। कल के कांग्रेस के बयान से यह साबित हो गया है कि कांग्रेस केवल समय बर्बाद करने का काम कर रही थी। शुरुआत से ही हरियाणा में कांग्रेस की गठबंधन को लेकर कोई मंशा नहीं थी।
प्रेस वार्ता में मौजूद राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की मंशा केवल और केवल मोदी और शाह की तानाशाही से देश के संविधान को, देश के संघीय ढांचे को और देश की जो गंगा-जमुनी तहजीब है, उसको बचाने की थी। इस मंशा के तहत ही आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए हर संभव प्रयास किए।
संजय सिंह ने कहा कि अगर आप, कांग्रेस और जजपा का यह गठबंधन होता, तो पूरे देश में सबसे पहला संदेश यह जाता कि भाजपा की सरकार दोबारा से सत्ता में नहीं आ रही है। परंतु मैं हैरान हूं कि कांग्रेस इस तरह के रवैया से एक बार फिर मोदी की सत्ता को जीवित करने की कोशिश में क्यों लगी हुई है? क्यों इस संभावना पर पूर्ण विराम नहीं लगाना चाहती?
संजय सिंह ने कहा कि कल जिस प्रकार से कांग्रेस की तरफ से हरियाणा और पंजाब को लेकर किसी भी प्रकार की बातचीत न करने का बयान आया है, उसके बाद अगर देश की सत्ता में देश की रक्षा करते हुए, शहीद हुए स्वर्गीय हेमंत करकरे का अपमान करने वाली, हेमंत करकरे को देशद्रोही कहने वाली भाजपा की दोबारा से सरकार बनती है, तो इसके लिए केवल और केवल कांग्रेस जिम्मेदार होगी।
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