वो कौन सी मजबूरियां है जिसके कारण हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद पूरी दिल्ली में अवैध पार्किंग चर्जिस के नाम पर भाजपा शासित नगर निगम जनता की जेब पर डाका डाल रही है: दिलीप पाण्डेय
बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली के उत्तरी-पूर्वी लोकसभा प्रभारी दिलीप पाण्डेय ने बताया कि डीडीए के मास्टर प्लान के मुताबिक पूरी दिल्ली में कोई भी मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स या प्राइवेट हॉस्पिटल दिल्ली की जनता से पार्किंग चार्ज नहीं ले सकता। इस सम्बन्ध में सभी नगर निगम ने भी समय समय पर अपने अपने नोटिफिकेशन अखबारों में दिए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी हर जगह अवैध तरीके से पार्किंग चार्ज के नाम पर जनता से पैसा लूटा जा रहा है।
कोर्ट का एक आर्डर दिखाते हुए दिलीप पाण्डेय ने कहा कि हमारे जनक पूरी में रहने वाले एक साथी संजय पुरी ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की, जिसपर कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा है की ये बिल्कुल अवैध है।लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद निगम के साथ सांठ गांठ करके ये सभी प्राइवेट हॉस्पिटल और शोपिंग मॉल पार्किग चार्ज के नाम पर दिल्ली की जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है। कुछ दिन पहले भी एक प्रेस वार्ता के द्वारा हमने इसके बारे में जानकारी दी थी।
भ्रष्टाचार में सिर से पाँव तक लीन भाजपा की बेशर्मी अब इस कद्र बढ़ चुकी है कि अपने ही नोटिफिकेशन को बदल कर अब भाजपा शासित निगम और मेयर साहब इन सभी प्राइवेट मॉल और अस्पतालों में पार्किंग चार्ज का सिस्टम लागू करने पर आमादा हो गए है। तो मन में शक पैदा होता है कि या तो केंद्र की सत्ता में बैठे इनके आकाओं का दबाव है या फिर इन प्राइवेट अस्पतालों और मॉल के मालिकों से सूटकेस भरके पैसा लिया गया है।
प्रेस के माध्यम से दिलीप पाण्डेय ने भाजपा, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर और भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के सम्मुख एक प्रश्न रखा कि, भाजपा बताए कि कोर्ट के आदेश के बावजूद किसकी सांठ गांठ से ये वसूली का धंदा चल रहा है, भाजपा इसकी सीबीआई जांच करवाए, और जो भी दोषी पाए जाएं उन्हें पार्टी से बाहर निकाल, उनपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
प्रेस वार्ता में मौजूद प्रवीण राजपूत नेता विपक्ष दक्षिणी दिल्ली ने पत्रकारों को जानकारी दी कि 2017 में स्थाई समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने एक मॉल का निरिक्षण किया और पाया की वहां पर गैर कानूनी तरीके से पार्किंग चर्जिस लिए जा रहे हैं। भूपेन्द्र गुप्ता ने उसे सील करवाया और उस समय भी एक आदेश ज़ारी किया गया कि कोई भी मॉल या प्राइवेट अस्पताल प्रकिंग चार्ज नहीं ले सकते हैं। इसी प्रकार 2018 में शिखा राय स्थाई समिति की अध्यक्ष बनी, तब उन्होंने भी एक हॉटेल में निरिक्षण किया और पाया की वहां भी अवैध तरीके से पार्किंग चार्ज लिए जा रहे थे। 2018 में ही निगम आयुक्त महोदय ने भी ये आदेश जारी किया की जो भी मॉल या प्राइवेट अस्पताल इस तरीके से पार्किंग चार्ज ले रहे हैं, उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
प्रवीण राजपूत ने कहा की कल सदन की बैठक थी, हमने एमसीडी कमिश्नर और मेयर साहब से पूछा कि ये जो अवैध पार्किंग का धंदा चल रहा है, क्या ये वैध है और अगर नहीं है तो आप लोगो ने अभी तक इस पर क्या कार्यवाही की? हमारे प्रश्नों का उत्तर देने के बजाए आज हमें सदन के माध्यम से एक नोटिस दिया गया है, जिसमे लिखा है कि आपको सदन से बाहर कर दिया जाएगा। भाजपा शासित निगम का ये अमानवीय कदम इस बात की और इशारा करता है कि भाजपा के लोगो की प्राइवेट मॉल और अस्पतालों के साथ सांठ गांठ हो गई है, और दोनों मिलकर अवैध वसूली का ये गोरख धंधा चला रहे हैं।
प्रेस वार्ता में मौजूद आरटीआई कार्यकर्त्ता संजय पुरी ने निगम और प्राइवेट मॉल और अस्पतालों के बीच हुई सांठ गांठ को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया। संजय पुरी ने बताया कि 2016 में दक्षिणी निगम ने कई सारे मॉल और अस्पतालों को नोटिस ज़ारी किया था कि आप जनता से पार्किग चार्ज नहीं ले सकते और मेरे प्रश्नों के जवाब में दक्षिणी निगम के कमिश्नर साहब ने कहा कि ये सब डीडीए अधीन आते हैं। अगर ये सब डीडीए अधीन आते हैं तो 2016 में निगम ने इन सबको नोटिस किस आधार पर भेजा था।
संजय पुरी ने बताया कि एक अनुमानित आंकड़ो से पता चला है कि इन सभी मॉल और अस्पतालों से प्रतिदिन लगभग 25 लाख रूपए की आमदनी होती है यही कारण है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी अवैध पार्किंग का ये धंधा भाजपा शासित निगम और प्राइवेट मॉल एवं अस्पतालों की सांठ गांठ से चल रहा है।
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