सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा के प्रभारी दिलीप पाण्डेय ने कहा कि केवल पूर्वी दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरा नगर निगम ही भ्रष्टाचार का प्रयाय बन चुका है। बल्कि यूँ कहा जाए कि नगर निगम में भ्रष्टाचार एक व्यापार कि तरह हो गया है! जो निगम कि सामान्य कार्यनीति है वो इस भ्रष्टाचार की पूरक है ।
उन्होंने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नालों की सफाई की आड़ में एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अनुसार नालों कि सफाई का ये काम लगभग तीन महीने चला, जिसमे लगभग 7 करोड़ का खर्चा गाद (कीचड) को उठाकर डंप यार्ड तक पहुँचाने में आया। तीन महीने में लगभग 12 हफ्ते होते हैं। लेकिन जब छानबीन की गई तो पता चला की लगभग 11 हफ्तों में केवल 2 करोड़ रूपया खर्च हुआ जबकि एक ही सप्ताह में 5 करोड़ रूपए खर्च दिखाया गया है।
दिलीप पाण्डेय ने कहा कि पूर्वी दिल्ली से सिंघोला जाने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है। परन्तु पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक एक ट्रक ने सिंघोला डंप यार्ड में गाद (कीचड) डालने में केवल 3 मिनट का ही समय लगाया। पूर्वी दिल्ली नगर निगम का मज़ाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि लगता है जैसे इन ट्रकों को शक्तिमान पहुंचाकर आया था।
भ्रष्टाचार कि पराकाष्ठा तो देखिए कि जहाँ एक ओर निगम के आंकड़े बताते हैं कि 11 हफ़्तों में केवल 2 करोड़ रूपए का खर्च आया वहीँ 1 ही सप्ताह में 5 करोड़ खर्च हो गए! जहाँ पिछले 11 हफ़्तों में एक दिन केवल लगभग 11 ट्रक ही गाद (कीचड) डाल पाते थे, वहीं एक सप्ताह में लगभग 433 ट्रक गाद (कीचड) प्रतिदिन फेंका गया।
मीडिया के माध्यम से दिलीप पाण्डेय ने भाजपा के समक्ष कुछ प्रश्न रखे..
1) भाजपा उस गंगाधर का नाम बताए जिसने शक्तिमान बनकर 5 करोड़ रूपए का भ्रष्टाचार किया।
2) भाजपा उस भ्रष्टाचारी कि पहचान करे, और अगर वो उन्ही की पार्टी से है तो उसका इस्तीफा मांगे।
3) क्यूंकि ये 5 करोड़ का घोटाला है, तो भाजपा सीबीआई जांच का आदेश दे।
प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी से पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष कुलदीप कुमार ने बताया पूर्वी दिल्ली नगर निगम में नेताओं और अधिकारीयों की मिलीभगत से, नालों से निकलने वाली कीचड को ट्रकों द्वारा उठाकर सिंघोला डम्प यार्ड में डालने कि आड़ में लगभग 5 करोड़ का घोटाला हुआ है।
आप सभी को पता है बीते दिनों बारिश के कारण दिल्ली में जगह-जगह पानी भरने कि समस्याएँ सामने आई। पानी भरने का एक बड़ा कारण होता है शहर के बड़े नालों कि सफाई न होना। जब हमने निगम से पूछा की क्या पूर्वी दिल्ली के नालों की सफाई की गई थी, तो उन्होंने जवाब दिया कि हां की गई थी। निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सफाई का काम 1 जून 2018 से शुरू किया गया। जब ट्रकों द्वारा ये गाद (कीचड) ले जाई जाती है तो धर्मकांटे पर इसका तोल किया जाता है। निगम द्वारा तोल के जो आंकडे दिए गए वह बड़े ही चौकाने वाले हैं।
निगम द्वारा प्रस्तुत आंकड़े इस प्रकार से हैं…
-प्राइवेट धर्मकांटे पर तौले गए ट्रकों कि कुल संख्या – 2932
-उस हिसाब से प्रतिदिन भेजे गए ट्रकों कि संख्या – 419 ट्रक ( आठ घंटो के भीतर)
(ज्ञात रहे कि दिन में एक लम्बा समय नो एंट्री का होता है, इसीलिए लगभग 8 घंटे लिए गए हैं)
-सरकारी धर्मकांटे पर तौले गए ट्रकों कि कुल संख्या – 1126
-उस हिसाब से प्रतिदिन भेजे गए ट्रकों कि संख्या – 14 ट्रक ( आठ घंटो के भीतर)
नेता विपक्ष कुलदीप कुमार ने बताया कि प्राइवेट और सरकारी धर्मकांटे पर तौले गए ट्रकों को अगर जोड़ दिया जाए तो प्रतिदिन लगभग 433 ट्रक गाद (कीचड) के सिंघोला डंप यार्ड में भेजे गए।
8 घंटे = 480 मिनट
कुल ट्रकों कि संख्या = 433
1 ट्रक को भरने में लगा समय = 1 मिनट 10 सेकण्ड
480 मिनट को अगर ट्रकों कि संख्या से विभाजित किया जाए तो उत्तर निकलता है लगभग 1 मिनट 10 सेकण्ड! क्या ये संभव है कि 1 मिनट 10 सेकण्ड में एक कूड़े के ट्रक को भर कर डंप यार्ड तक पहुँचाया जा सके। पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नेता विपक्ष कुलदीप ने कहा कि इस पुरे प्रकरण कि छानबीन करने के बाद जो जानकारी हमें प्राप्त हुई है उसके अनुसार नेताओं और अधिकारीयों की मिलीभगत से लगभग 5 करोड़ का घोटाला पूर्वी दिल्ली के नालों कि सफाई कि आड़ में किया गया है।
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