भाजपा के स्कूल और शिक्षा विरोधी चेहरे का पर्दाफाश – शिक्षा मंत्री मनीष सीसोदिया
15 दिसंबर, 2018
शनिवार को शिक्षा मंत्री मनीष सीसोदिया ने प्रेस वार्ता के ज़रिये भाजपा के शिक्षा विरोधी चेहरे का पर्दाफाश किया| मामला है बल्लीमारान विधान सभा के सराय खलिल इलाके का, जहाँ एक प्राइवेट ट्रस्ट द्वारा संचालित कौमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के नाम से एक ऐडेड स्कूल सन 1948 से चल रहा है| 1976 में एमर्जेन्सी के दौरान स्कूल की बिल्डिंग को DDA ने डेमोलिश किया गया, और बच्चों को पास के ईदगाह के तीन टप्पर में भेज दिया यह कि एक अलग जगह देकर स्कूल बनाएंगे| 1976 से अब तक, 50 साल से ये स्कूल अभी तक वहीँ चल है|
सरकारें आती जाती रही, पहले मेट्रोपोलिटन कॉउन्सिल, फिर भाजपा की सरकार, 15 साल शिला दीक्षित सरकार रही, पर इस स्कूल की किसी ने सुध नहीं ली | जब आम आदमी पार्टी की सरकार बानी तो विधायक इमरान हुसैन ने इसकी फाइलें निकाली और तफ़्तीश करके शिक्षा मंत्री के सामने यह केस रखा| इस बीच फ़िरोज़ अहमद नाम के एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में पेटिशन भी डाली, जिसके जवाब में कोर्ट ने ट्रस्ट से पुछा कि अगर ज़मीन दिलाई जाए तो क्या वो खरीद लेंगे, पर उनके पास इतने पैसे शायद नहीं होंगे | बच्चों के पक्ष में दिल्ली सरकार ने वहां कहा कि अगर वहां ज़मीन मिल जाए तो सरकार वहाँ स्कूल बनवा भी लेगी और सरकारी स्कूल के तर्ज पर अच्छे से चला भी लेगी| कोर्ट ने DDA से भी कहा कि ज़मीन दे दीजिये|
अब जाकर 27 अगस्त, 2018 के दिन DDA ने कोर्ट के सामने कहा कि 4000 वर्ग मीटर हम दिल्ली सरकार को दे देंगे, जहाँ दिल्ली सरकार स्कूल बना सकती है और चला सकती है| इतना एरिया भी इसलिए की मास्टर प्लान 2021 ,MPD प्लान के तहत स्कूल के लिए ‘कम से कम’ 4000 वर्ग मीटर की जगह देने के प्रावधान हैं| लेकिन अगले ही महीने 12 अगस्त, 2009 को तत्कालीन उपराज्यपाल अंशु प्रकाश जी ने मीटिंग बुलाई और आपस में तय कर दिया कि इस स्कूल का एरिया छोटा कर दिया जाए, ग्यारवीं बारवीं हटा दी जाए, बच्चों को दुसरे स्कूलों में भेज दिया जाये| और हैरानी की बात ये है इस सब में शिक्षा मंत्री की सहमति तो दूर की बात है, सूचित करने की ज़रुरत तक नहीं समझी| जो न्यूनतम जगह 4000 वर्ग मीटर की तय हुई, उसे घटा के 1600 मीटर स्कूल के लिए निर्धारित कर दिया, कहते हुए कि देश भर में CBSE 1600 वर्ग मीटर के स्कूलों को मान्यता दे देती है| MPD 2021 की धज्जियां उड़ाते हुए, हाई कोर्ट में DDA के वचन की धज्जियाँ उड़ाते हुए, 1600 वर्ग मीटर का प्रस्ताव रख दिया|
अब ये मसला DDA कि मीटिंग में उठा जहाँ DDA मेंबर और भाजपा विधायक विजेंदर गुप्ता के ज़रिये सामने आया कि भाजपा चाहती है कि ये जगह DDA पार्किंग, कमर्शियल एक्टिविटी शुरू की जाए| कल, यानी 14 दिसंबर 2018 को DDA मेंबर और आम आदमी पार्टी विधायक सोमनाथ भर्ती ने फिर ये मसला उठाया कि 1600 वर्ग मीटर में यह स्कूल चल नहीं सकता और पुरानी दिल्ली की ज़रूरतों के साथ यह अन्याय है| “DDA 1600 वर्ग मीटर की जगह दी भी जा ,रही है वो भी एक गली के आकार में, “क्या भेड़ बकरियों के बच्चे रखने के लिए जगह दे रहे हैं या इंसानों के बच्चों को पढ़ाने के लिए ?” शिक्षा मंत्री ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा|
शिक्षा मंत्री ने कहा “कोर्ट के आदेश के बावजूद, ये CBSE के नॉर्म का हवाला देकर कह रहे हैं, जबकि ये भी जानते हैं कि जिस स्कूल का केस शुरू हुआ था, वो कोई छोटा मोटा नहीं, सीनियर सेकेंडरी स्कूल था| हम इसे छोड़ेंगे नहीं, वहां बड़ा स्कूल बनाएंगे भी और चलाएंगे भी| वहां के बच्चों में देश का भविष्य है| मोदी जी बड़े बड़े सपनों की बात करते हैं, ये स्कूल बंद करने से नहीं, बच्चों को पढ़ाने से सही सिद्ध होंगे| जिस तरह से कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाकर ये स्कूल बंद करवा हैं, इससे साफ़ ज़ाहिर है कि भाजपा शिक्षा विरोधी है| गौर देने वाली बात ये है कि भाजपा ने पार्टी मुख्यालय बनाने के लिए भी DDA मीटिंग में स्कूल के लिए चिन्हित जगह का लैंड यूज़ बदलवा कर शिक्षा विरोधी कदम उठाया था, और वहां पार्टी मुख्यालय खड़ा किया था | भारतीय जनता पार्टी को पता है पता है कि अगर देश पढ़ गया तो उनकी जनता को मूर्ख बनाने की राजनीति ख़तम हो सकती है|”
विधायक इमरान हुसैन ने कहा “पब्लिक में बहुत रोष है, बल्लीमारान विधान सभा में स्कूलों की बेहद ज़रुरत है, वहां हिन्दू मुस्लिम सभी के बच्चे पढ़ते हैं, और अगर इन्होंने यह फैसला वापस नहीं लिया तो मैं दिल्ली की जनता के साथ भाजपा मुख्यालय पर धरना दूंगा| ”
DDA मेंबर और विधायक सोमनाथ भर्ती ने कहा कि “आज जहाँ भाजपा मुख्यालय है, जब DDA मीटिंग में उस स्कूल की ज़मीन पर लैंड यूज़ बदलने की बात का मैंने विरोध किया, तब तत्कालीन उपराज्यपाल ने मुझे जेल में भेजने की धमकी दी, और दुर्भाग्यपूर्ण है कि कल भी माननीय उपराज्यपाल महोदय की उपस्तिथि में DDA मीटिंग में भाजपा विधायकों ने स्कूल विरोधी हंगामा किया| यही अंतर है कि कोई देश को शिक्षित बनाना चाहता है, और कोई अशिक्षित| मैं शिक्षा मंत्री जी से दरख्वास्त करता हूँ कि इस मामले संज्ञान लें और श्री अंशु प्रकाश के फ़ैसले को दरकिनारे करें|”
1 Comment