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*अब यह कांग्रेस को तय करना है कि इस समय उनकी प्राथमिकता मोदी और शाह की जोड़ी को हराना है या ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का रिकोर्ड बनाना है : मनीष सिसोदिया*
*अगर कांग्रेस चाहे तो अभी भी समय है, मोदी और शाह की जोड़ी को 18 सीटों पर हराया जा सकता है : मनीष सिसोदिया*
*नई दिल्ली, 13 अप्रेल 2019,*
शनिवार को पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले एक महीने से गठबंधन को लेकर कांग्रेस का जो ढुलमुल रवैया देखने को मिल रहा है उससे एक बात स्पष्ठ हो गई है कि कांग्रेस की प्राथमिकता भाजपा की तानाशाही से देश को बचाना नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को जीतने में मदद करने की है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि शुरू से ही कांग्रेस के प्रति हमारा विरोध रहा है। परंतु आज देश में जो हालात हैं जिस प्रकार से भाजपा ने देश के सामाजिक ढांचे की, देश के सरकारी संस्थानों की, देश के व्यापार की, देश के आम आदमी की और देश के शिक्षण संस्थानों की जो दुर्दशा कर दी है, उसको देखते हुए आम आदमी पार्टी ने तय किया था, कि मोदी और शाह की इस तानाशाह जोड़ी को सत्ता से हटाने के लिए आम आदमी पार्टी बीजेपी विरोधी पार्टियों से भी हाथ मिलाने को तैयार होगी।
आम आदमी पार्टी का यह मानना है कि अगर सारी भाजपा विरोधी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़े तो मोदी और शाह की तानाशाही से इस देश को आजाद कराया जा सकता है। इस बाबत ही आम आदमी पार्टी ने महागठबंधन का हिस्सा बनना स्वीकार किया। दिल्ली की परिस्थितियों को देखते हुए कई विपक्षी पार्टियों ने भी हमें सलाह दी कि दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा जाए, ताकि दिल्ली की सातों सीटों पर भाजपा को हराया जा सके। इसी के चलते दिल्ली में कई बार कांग्रेस के नेताओं से बातचीत भी हुई।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि इतनी बड़ी पार्टी कांग्रेस देश के ऊपर मंडरा रहे खतरे को समझ नहीं पा रही है। पिछले 1 महीने से जिस प्रकार से कांग्रेस की तरफ से गठबंधन को लेकर ढीलापन अपनाया जा रहा है, वह बेहद ही चिंताजनक रहा है। पिछले 1 महीने से कांग्रेस एक छोटे से मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है जिसके कारण 1 महीने का बेहद कीमती समय खराब हुआ।
अभी पिछले 1 हफ्ते से दोबारा से कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत शुरू की। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समक्ष भाजपा को 33 लोकसभा सीटों पर रोकने का प्रस्ताव रखा। इन 33 सीटों में 7 सीटें दिल्ली की, 10 सीटें हरियाणा की, 13 सीटें पंजाब की, 1 सीट चंडीगढ़ की और 2 सीटें गोआ की शामिल हैं। वर्तमान में इन 35 सीटों में से 23 सीटों पर भाजपा के सांसद हैं। अगर कांग्रेस हमारे इस प्रस्ताव पर गौर करती तो 2014 के मुकाबले सीधे-सीधे तौर पर 23 सीटों का नुकसान भाजपा को पहुंचता।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें लगता है कांग्रेस ने जानबूझकर कोई भी निर्णय लेने में देरी की है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस इस पर निर्णय नहीं ले सकती थी, परंतु जानबूझकर कभी एक नेता के द्वारा तो कभी दूसरे नेता के द्वारा अलग-अलग बातें कही गई। ताकि भाजपा को अपनी चुनावी रणनीतियां बनाने का समय मिल सके।
उन्होंने कहा, कि हमारे प्रस्ताव पर कांग्रेस ने कहा, कि केवल दिल्ली की 7 सीटों पर गठबंधन करेंगे। क्या ऐसा करके कांग्रेस बाकी की 26 सीटों पर भाजपा को जिताना चाहती है? दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है, और दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपने बल पर ही सातों सीटें जीत सकती है। परंतु केवल दिल्ली की सीटें जीतना ही आम आदमी पार्टी का लक्ष्य नहीं है। देश के संविधान को बचाना हमारी प्राथमिकता है, जिसके चलते हमने गठबंधन करने के बारे में सोचा था। अब यह कांग्रेस को तय करना है कि इस समय उनकी प्राथमिकता मोदी और शाह की जोड़ी को हराना है या ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का रिकोर्ड बनाना है।
कांग्रेस के इस गोलमोल रवैया को देखते हुए एक बात तो साबित हो गई कि देश से मोदी और शाह की तानाशाह सरकार को हटाना कांग्रेस का मकसद नहीं है।
मनीष सिसोदिया ने कहा क्योंकि गोवा का टाइम निकल चुका है, तो उस पर बात करना व्यर्थ है, और कांग्रेस की माने पंजाब में दोनों ही पार्टियां एक पक्ष में है और दूसरी विपक्ष में है वहां भी गठबंधन न करना एक बार को समझ आता है। परंतु हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन ने करने का क्या कारण है? अगर कांग्रेस चाहे तो अभी भी समय है, मोदी और शाह की जोड़ी को 18 सीटों पर हराया जा सकता है। अगर कांग्रेस दिल्ली के साथ साथ हरियाणा और चंडीगढ़ में भी गठबंधन करने के लिए तैयार है तो आम आदमी पार्टी भी गठबंधन के लिए तैयार है।
आम आदमी पार्टी मोदी और शाह की तानाशाह जोड़ी को देश की सत्ता से हटाने के लिए हर स्तर पर तैयार है। अगर कांग्रेस गठबंधन के हमारे फार्मूले पर राजी है, तो आम आदमी पार्टी भी भाजपा को हराने के लिए गठबंधन करने को तैयार है।
Cong has to decide whether removal of Modi/Shah or contesting more seats is its priority : Manish Sisodia
·         Senior AAP leader says Cong not serious in fighting the BJP
 
On Saturday, addressing the media at the Aam Aadmi Party (AAP) office, Delhi Deputy
Chief Minister and senior Party Leader, Manish Sisodia said the primary an d main objective of the AAP is to ensure removal of the dictatorial and anti-federal Modi regime, and it is for the Congress to decide its priorities.
Mr Sisodia said the AAP was born as a political party opposed to the Congress policies, when it was in government. However, considering the current political situation prevailing in the country, the AAP decided that the primary objective of all forces opposed to dictatorship and Hitler type of Modi regime, all anti-BJP forces needed to come together.
“AAP was always opposed to the Congress Party. But the way the Bhartiya Janta Party government has ruined the social fabric, destroyed institutions, Economy, Educational Institutions etc., the AAP is willing to join hands with anti-BJP forces to the save the country,” he said.
It is for this precise reason that the AAP decided to be a part of the anti-BJP front. Many friendly parties advised us to shed differences and join hands with the BJP and we agreed, Mr Sisodia said.
AAp offered to join hands to defeat the BJP and its allies in 33 Lok Sabha seats, 13 of Punjab, 10 Haryana, seven in Delhi, two in Goa and the Chandigarh seat.
Of these 33, the BJP and its allies currently 23 seats, which could have been easily snatched away from them, had the anti-BJP block been together.
Mr Sisodia said despite having four MPs and 20 MLAs in Punjab, the AAP accepted the argument that since AAP is the principal opposition party in that Congress ruled state, therefore coming together would be difficult, further the date of withdrawal in Goa is also over.
“So now we are left with 18 seats. Why can’t the Congress make its stand clear ? Why it does not want to defeat the BJP in 10 seats of Haryana, seven of Delhi and the Chandigarh seat,” asked Mr Sisodia.
He said Congress leaders were talking in the media about the alliance, but they were never serious. “It is upto the Congress to decide whether it wants to remove Modi-Shah or make a record of contesting a record number of seats,” Mr Sisodia said.
“It is really a serious matter that Congress is taking this issue very lightly.Especially when the democracy of this country is in danger. The way congress is handling this situation is a bit shocking. As they are not able to take any stand on the seat sharing issue. Due to their in decisiveness, we have already wasted one month,” Mr Sisodia said.
Aam Aadmi Party is ready to take all measures to get rid  of the dictatorship of PM Modi and Amit Shah, it is for the Congress to decide what it wants to do.
In Delhi, the AAP is capable of defeating the BJP and is already working in that direction.

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sudhir

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