दिल्ली के CCTV मामले में भाजपा की गंदी मानसिकता जनता के सामने हुई बेनकाब, दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा नहीं चाहिए भाजपा
*उपराज्यपाल और मुख्य सचिव के माध्यम से भाजपा ने CCTV योजना को साज़िश के तहत रोकने की कोशिश की : AAP*
ईस्ट दिल्ली लोकसभा प्रभारी आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से भाजपा और दिल्ली के उपराज्यपाल से सवाल करते हुए पूछा कि जब दिल्ली सरकार ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों और दिल्ली के सरकारी स्कूलों में CCTV कैमरा लगाने के लिए बजट पास कर दिया है तो भाजपा और उपराज्यपाल क्यों पिछले 3 सालों से लगातार जनहित के इस कार्य में रुकावटें पैदा कर रहे हैं।
दिल्ली में लगातार रेप की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, कल ही गोल मार्केट इलाके के एक सरकारी स्कूल में 6 साल की बच्ची के साथ रेप की घटना हुई है, दिल्ली में कानून और सुरक्षा व्यवस्था भाजपा के आधीन आती है तो ये सवाल उठता है कि आखिर भाजपा क्यों नहीं चाहती कि दिल्ली में CCTV कैमरे लगें और दिल्ली की महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित हो। अगर उस स्कूल में सीसीटीवी कैमरा लगा होता तो शायद ये घटना होने से रोका जा सकता था।
पूरी दुनिया में शायद ही किसी देश की राजधानी ऐसी होगी जिसे रेप कैपिटल के नाम से जाना जाता हो लेकिन आज दिल्ली की स्थिति ऐसी हो गई है कि दिल्ली को रेप कैपिटल के नाम से जाना जाने लगा है।
कल जब विधानसभा में CCTV कैमरा लगने का प्रस्ताव पास किया गया तो भाजपा के हाथों में खेलने वाले दिल्ली के मुख्य सचिव कहते हैं कि ये फैसला जल्दबाजी में लिया गया है, हम भाजपा से पूछना चाहते हैं कि दिल्ली की सरकार ने दिल्ली में सीसीटीवी लगाने का यह प्रस्ताव 13 अक्टूबर 2015 को शुरू किया था, तब से लेकर आज तक भाजपा दिल्ली के उपराज्यपाल साहब और सचिवालय में बैठे कुछ उच्च स्तर के अधिकारी इस काम को अलग-अलग तरीक़े से अटकाते रहे हैं। 3 साल से इस प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है, दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगवाने की कोशिश दिल्ली की चुनी हुई सरकार इतने लम्बे से कर रही है तो यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया फैसला कैसे हुआ?
नवंबर 2015 में एक कमेटी गठित की गई थी जिसने सीसीटीवी लगाने के संबंध में सारा जोड़-गणित किया और जून 2016 में एक टेंडर पास किया गया था उस टेंडर के तहत केवल एक कंपनी ने आवेदन किया जिसके चलते दोबारा से टेंडर जारी किया गया और अाखिर में 10 जनवरी 2017 में दो कंपनियों को चुना गया जिसमें एक केंद्र सरकार की BEL कंपनी भी थी और उनको CCTV कैमरा लगाने का काम दिया गया।
3 साल की मेहनत के बाद उपराज्यपाल साहब फिर से इसमें एक नई कमेटी गठित करने का प्रस्ताव डालकर अड़चन लगाते हैं और मुख्य सचिव साहब कहते हैं कि यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया है यह दोनों ही बातें बेहद ही शर्मनाक हैं।
आतिशी ने कहा कि बिना किसी राजनीतिक सहयोग के कोई IAS अधिकारी इस तरह के अनर्गल बयान नहीं दे सकता। हम भाजपा से कहना चाहते हैं कि दिल्ली सरकार जनहित के जो काम कर रही है उसमें रोड़ा अटकाना बंद करें, महिलाओं की सुरक्षा के लिए जो CCTV कैमरा लगने हैं उस काम को ना रोकें और दिल्ली में पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की जो उनकी जिम्मेदारी है उसमें सुधार करने पर ध्यान दें।
प्रेस वार्ता में मौजूद चांदनी चौक की विधायक अल्का लांबा ने कहा कि कल जब सदन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने CCTV कैमरा प्रस्ताव पास होने की जानकारी दी तो सदन में मौजूद भाजपा के विधायकों ने इसका विरोध किया और कहा कि आज 3 साल बीत गए हैं इस काम में आप लोगों ने इतनी देर क्यों लगाई।
उन्होंने कहा कि ‘बड़ा ही हास्यास्पद है कि एक तरफ दिल्ली के मुख्य सचिव कहते हैं कि फैसला जल्दबाजी में लिया गया है और दूसरी तरफ भाजपा के विधायक कहते हैं कि फैसला लेने में बहुत लंबा समय लगा दिया गया।
कल गोल मार्केट के एक सरकारी स्कूल में 6 साल की बच्ची के साथ हुई बलात्कार की घटना पर DCP मधुर वर्मा के बयान का हवाला देते हुए अलका लांबा ने कहा कि DCP साहब ने खुद स्वीकार किया है कि अगर उस स्कूल में CCTV कैमरे लगे होते तो शायद इस घटना को रोका जा सकता था।
हाल ही में मानसरोवर पार्क इलाके में एक महिला के साथ हुई लूटमार की वारदात का हवाला देते हुए अल्का लांबा ने कहा कि अगर वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा होता तो शायद वह अपराधी कभी पकड़े नहीं जाते इसीलिए दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगना बहुत जरूरी है।
पिछले साढ़े तीन साल से आम आदमी पार्टी सरकार लगातार दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा को लगाने को लेकर हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन भाजपा और भाजपा द्वारा चयनित उपराज्यपाल साहब किसी न किसी प्रकार से इसमें अड़चन लगाते रहे हैं। अब जब लगभग cctv का यह काम शुरु होने वाला था तो उपराज्यपाल साहब ने CCTV कैमरे के लिए लाइसेंस का प्रावधान रख दिया। पूरे देश ही नहीं पूरी दुनिया में कहीं भी सीसीटीवी कैमरे के लिए लाइसेंस का प्रावधान नहीं है। यह असंवैधानिक तरीके से लिया गया फैसला इस बात का सुबूत है कि उपराज्यपाल साहब भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं और वह किसी भी प्रकार से दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली की जनता के हित में किए जाने वाले कार्यों को रोककर जनता के सामने सरकार को बदनाम करना चाहते हैं।
जिस तरह से भाजपा के नेता अक्सर बलात्कार की घटनाओं में लिप्त पाए गए हैं भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार के आरोप लगे, भाजपा के आसाम के राज्य रेल मंत्री पर बलात्कार के आरोप लगे, भाजपा के हरियाणा के एक नेता का बेटा एक IAS अधिकारी की बेटी से छेड़छाड़ और बदतमीजी करते हुए CCTV कैमरे में पकड़ा गया। इन सभी घटनाओं से यह साबित होता है क्योंकि भाजपा के लोग जो बेटी बचाओ का नारा देते हैं वह मात्र एक जुमला है, सही मायने में यह लोग बेटियों के बलात्कारी हैं और शायद यही कारण है कि ये लोग दिल्ली में CCTV कैमरा नहीं लगने देना चाहते।
इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हुई दिल्ली की सभी आरडब्ल्यूए के साथ मीटिंग में लगभग सभी आरडब्ल्यूए ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखित में अपने क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरा लगवाने का प्रस्ताव दिया जिसके तहत दिल्ली सरकार ने दिल्ली में लगभग 140000 कैमरा लगाने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास किया है हर विधानसभा में लगभग 2000 कैमरे लगाए जाएंगे और पूरी दिल्ली में 140000 कैमरे लगाए जाएंगे। आम आदमी पार्टी की सरकार ने सदन में यह प्रस्ताव रखा और ध्वनि मत से पास हुआ और आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के हित का यह काम हर मुश्किल का सामना करते हुए पूर्ण करेगी।
प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी की महिला विंग की दिल्ली प्रदेश की अध्यक्षा रिचा पांडे मिश्रा ने मीडिया के माध्यम से भाजपा और उपराज्यपाल साहब से कुछ सवाल पूछे जो निम्न प्रकार से हैं-
1- ज्ञात हो कि सितंबर 2017 में केंद्र द्वारा CBSE को आदेश दिए गए थे कि CBSE के सभी स्कूलों में CCTV कैमरे लगने चाहिए तो हम भाजपा से पूछना चाहते हैं कि क्या दिल्ली के स्कूल सीबीएसई के अधीन नहीं आते हैं? और अगर आते है तो उपराज्यपाल साहब, और दूसरे सरकारी विभागों ने इसमें रुकावटें क्यों लगाई? CCTV क्यों नही लगने दिए?
2- जब हम पूर्ण राज्य की बात करते हैं तो हमें दूसरे देशों की राजधानी का उदाहरण दिया जाता है। वहां का मॉडल बताया जाता है, दुनिया में एक देश ऐसा नहीं है जिसकी राजधानी में रेजिडेंशियल और मार्केट एरिया में CCTV कैमरा ना लगे हों तो भारत अभी तक इससे वंचित क्यों है?
3- भाजपा बताए कि चुनाव में वह ऐसी कौन सी गतिविधियां करने वाले हैं जिसकी वजह से वो लोकसभा चुनाव होने तक CCTV कैमरे के प्रस्ताव को स्थगित रखना चाहते हैं?
4- दिल्ली सरकार ने देश का सबसे सस्ता CCTV कैमरा लगाने का प्रस्ताव सदन में रखा है तो भाजपा बताए कि फिर भी वो लोग क्यों नहीं चाहते कि दिल्ली में CCTV कैमरे लगे?
आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता से किए हुए अपने वादों में से एक वादा CCTV कैमरा दिल्ली में लगवाने के लिए प्रतिबद्ध है और दिल्ली की जनता से वादा करती है कि हर हाल में हम दिल्ली की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होने देंगे।
People of Delhi want their elected government to install CCTV cameras in public places in residential areas/market places/schools
· For the first time, an elected govt realised the importance of this public demand
· For this elected government safety of children and women is a priority
· The government decided to install CCTV cameras from its budget, since it is the money of the taxpayer and the taxpayer must get benefit of government schemes
· For reasons beyond any reasonable understanding this is not acceptable to the BJP and its politically nominated LG
· Why they are hellbent on opposing it only they can tell else the voters of Delhi will tell them in next elections
· BJP & LG are using sections of bureaucracy to take revenge from the people of Delhi
· A centrally government appointed Chief Secretary yesterday stated that the proposal to install CCTV cameras is hurried
· Can a bureaucrat say so without political backing ?
· Since the CS has chosen to give such a misleading statement we will like to place the real facts before the public :
FACTS :
· To fulfill CCTV promise, Arvind Kejriwal cabinet on 13.10.2015 gave its in-principle approval and made PWD the nodal department for the implementation of this project
· On 20.11.2015, a Committee was constituted to finalize CCTV specifications, Rate of Contract, Annual Maintenance Contract (AMC), Standard Operating Procedure (SOP) and for finalizing the Request for Proposal (RFP).
· On 2.6.2016, Rate of Contract was approved by Delhi Work Advisory Board whereby six agencies were empanelled for supply of CCTV cameras. This Rate Contract could not be implemented due to receipt of a complaint.
· On 8.10.2016, the PWD Minister held a meeting and constituted a Committee to finalize specification and to identify vulnerable areas. He also ordered submission of Preliminary Estimate (PE) for Administrative Approval (AA) & Expenditure Sanction (ES) and simultaneous call of tender.
· On 3.10.2017 the Specification Committee finalized the CCTV specifications and gave three options. The PWD Minister, PWD approved one of the options.
· Accordingly, on 1.11.2017, RFP was uploaded for 1.40 lakh CCTV cameras. Only a single bidder qualified and hence, the Committee decided not to proceed with single bid.
· On 9.1.2018, RFP was again invited after making some changes in eligibility criteria. Two agencies were qualified in technical bid and finally M/s Bharat Electronics Ltd. (a central government public sector unit – PSU) was found as L-1 bidder, which includes maintenance of five years
· The proposal was placed before the EFC and approved in April 2018.
AFTER A THREE YEAR EXERCISE, HOW IS THE CS SAYING THE PROPOSAL IS HURRIED ?
IT MEANS HE IS PART OF THE POLITICAL CONSPIRACY TO DERAIL THIS IMPORTANT PROJECT
AT WHOSE BEHEST HE SUBMITTED SUCH A POLITICAL NOTE ?
We challenge the BJP/LG to answer the following questions :
· Did the CBSE NOT DIRECT ALL SCHOOLS to install CCTV cameras in their premises and ensure that they are functional at all times in September 2017 ?
· Please name a single capital of any country in the world where CCTV cameras are not installed in public places in markets and residential areas for safety of their citizens ?
· Is it not true that the BJP leadership has directed its LG to block the CCTV project through bureaucracy at any cost till Lok Sabha elections ?
· Why is the BJP afraid of implementation of this project ?
· Name any city in India, including BJP ruled states where CCTV cameras are being installed at a lower cost than Delhi ?
AAP will go to any extent to get this women and children safety step implemented in Delhi and we will happily to to jail for this.
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