*Statement of Raghav Chadha*
*AAP National Spokesperson and South Delhi Lok Sabha In charge*
9th January, 2018
*Manoj Tiwari’s act a classic example of ‘ek toh chori, upar se seena zori’*
*BJP responsible for 30 lakh voters’ name being deleted from Delhi voter list*
Free and fair elections are the basis of any democracy. Electoral rolls, uncompromised, are essential to these elections. But for the past few months, we have been continuously exposing wrongful deletions of voters from voter lists across Delhi through multiple press conferences. The said deletions follow a comprehensible pattern which clearly indicates that BJP, in collusion with certain officers in the Election Commission is responsible for mass targeted voter deletion in Delhi.
It is well known that the Modi government and seven MPs from BJP not only have failed to serve the people who elected them, they have instead indulged in anti people activities. The BJP have stalled Mohalla Clinic files, CCTV camera files among other pro people initiatives of the Delhi Government through the Lieutenant Governor. Seeing that their anti people agenda stands totally exposed, they have gauged that they are in for a humiliating defeat in the upcoming general elections. In their desperation to retain power, they have resorted to an illegal and unconstitutional method of rigging the elections. They have got more than 30 lakh voters deleted from their respective electoral rolls. We have conclusively identified at least 24 lakh such voters form Delhi, this makes for an alarming 25% of total voters in Delhi. This list is excluding an estimate of 7-8 lakh such voters whose names have been deleted from the voter lists but their names do not feature in the official lists of deleted voters, as they are ‘in process’. BJP is responsible for deletion of over 30 lakh voters from electoral rolls in Delhi for purely political reasons.
We recently witnessed a similar fiasco in Telangana which saw a deletion of about 22 lakh voters from the voter lists. Many people complained that despite checking their names in the voter lists on the website, they were shocked to find that their names were missing form the electoral roll on the day of the election and they could not cast their vote. The Chief Electoral Officer of Telangana not only admitted and acknowledged the wrongful mass voter deletion but also apologized for it in a press conference. Arjuna awardee and world renowned badminton player Jwala Gutta also took to Twitter to share a similar experience. She said that she had checked her name on the official website’s voter list but was not allowed to vote as her name did not feature in the list at the polling booth. Our estimate is that there are as many as 8 lakh such cases in Delhi as well.
We have exposed BJP’s dirty trick. BJP could not fathom that CM Arvind Kejriwal would catch them in the act of Voter Deletion fraud and expose their dirty secret six months before the election, causing a major jolt to their scheming.
Yesterday in the most bizarre allegation, BJP MP Manoj Tiwari has accused CM Arvind Kejriwal of wrongdoing because he has taken it upon himself to reinstate every voter whose right has been wrongfully taken away by the BJP. This situation is best described by the Hindi proverb, “pehle chori, par se seena zori”. Just because BJP has been exposed and humiliated for illegally and unconstitutionally depriving people of their right to vote, they are now trying to sling mud at the one person who is actually dedicatedly rectifying their crimes in the larger interest of democracy, by reinstating all the voters who have been wrongfully deleted.
They ask us why we are agitating people by informing them that their names have been deleted or why we are taking so much effort to reinstate people into the voter lists. Our answer to that is that it is our right and our duty to safeguard democratic rights of the people of Delhi. AAP is dedicatedly working towards mass voter registration and to inform people that BJP has targeted and deleted their names form the voter lists.
In conclusion, Manoj Tiwari and his party, BJP stand totally exposed and have been caught red handed conducting a mass scale voter deletion fraud by CM Arvind Kejriwal well in time before elections. Their scheme has been foiled and thus agitated by imminent defeat they have resorted to desperate measures like mud slinging. We are committed to the people of Delhi and to the spirit of democracy, and we will reinstate every voter who has been wrongfully deleted by the BJP and officials of Election Commission.
*मनोज तिवारी के बयान से हिंदी मुहावरा याद आता है, ‘एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी’*
*दिल्ली की मतदाता सूची से 30 लाख मतदाताओं का नाम हटाए जाने के लिए भाजपा जिम्मेदार*
मतदाता सूची किसी भी लोकतंत्र का आधार होती है। पिछले कुछ महीनों से हम लगातार ऐसे मामले मीडिया के माध्यम से सामने ला रहे हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग के कुछ अधिकारियों से मिलकर बड़े स्तर पर मतदाता सूची में गड़बड़ी कराई है। भाजपा ने जानबूझकर मतदाता सूची से नाम कटवाए हैं।
पिछले साढ़े चार सालों में मोदी सरकार ने दिल्ली के लिए कोई काम नहीं किया। भाजपा के सातों सांसदों ने जनविरोधी काम किए हैं। उन्होंने उपराज्यपाल के माध्यम से CCTV और मोहल्ला क्लीनिक की फाइलें और दिल्ली सरकार की अन्य जनहित के कामों में अड़चनें डाली। मोदी सरकार दिल्ली से 2015 की हार का बदला ले रही है।
इसी के चलते भाजपा जान चुकी है कि लोकसभा चुनाव में सातों सीटें हारने वाली है। इसी कारण उन्होंने ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से दिल्ली में 30 लाख मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से कटवा दिए।
सत्ता बनाए रखने के लिए अपनी हताशा में, उन्होंने चुनावों में धांधली करने के लिए एक असंवैधानिक तरीके का सहारा लिया है। हमने दिल्ली में कम से कम 24 लाख मतदाताओं की पहचान की है, जो दिल्ली में कुल मतदाताओं का 25% है। हमारा अनुमान है को
कि 7-8 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनके नाम हटा दिए गए हैं, लेकिन उनके नाम हटाए गए मतदाताओं की आधिकारिक सूची में शामिल नहीं हैं, क्योंकि वे ‘प्रक्रिया’ में हैं। कुल मिलाकर ये आंकड़ा 30 लाख से अधिक जाता है|
हाल में तेलंगाना में भी मतदाता सूचियों से लगभग 22 लाख मतदाताओं का विलोपन देखा गया। कई लोगों ने शिकायत की कि वेबसाइट पर मतदाता सूचियों में उनके नाम की जाँच करने के बावजूद, वे यह जानकर चौंक गए कि चुनाव के दिन उनके नाम मतदाता सूची से गायब थे और वे अपना वोट नहीं डाल सके। तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने नहीं गलत तरीके से बड़े पैमाने पर मतदाता विलोपन को स्वीकार किया और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में माफी भी मांगी। अर्जुन अवार्ड विजेता और विश्व प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने भी ट्विटर में कहा कि उन्होंने आधिकारिक वेबसाइट की मतदाता सूची में अपना नाम चेक किया था, लेकिन उन्हें मतदान की अनुमति नहीं मिली क्योंकि मतदान केंद्र पर उनका नाम सूची में नहीं था। हमारा अनुमान है कि दिल्ली में भी ऐसे 7 – 8 लाख मतदाता हैं।
BJP की यह चोरी हमने पकड़ ली है। BJP ने यह नहीं सोचा था कि चुनाव से 6 महीने पहले अरविंद केजरीवाल जी इस चोरी को पकड़ लेंगे।
कल प्रेस कांफ्रेंस में मनोज तिवारी ने हम पर अनर्गल आरोप लगाए। यह तो वही बात हुई कि वोटर लिस्ट से नाम भाजपा कटवाए, उसे केजरीवाल जी जुड़वाएं और दोष भी केजरीवाल जी पर लगे।
क्या यह हमारा जुर्म है कि हम लोगों का नाम मतदाता सूची में जुड़वा रहे हैं ? भाजपा गैरक़ानूनी ढंग से लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए, फिर आपकी चोरी पकड़ी जाए और जो आपकी चोरी पकडे और चोरी की भरपाई के लिए और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आम जनता के नाम मतदाता सूची में डाले आप उसी पे आरोप लगाओ?
एक तो चोरी ऊपर से सीनाज़ोरी? मनोज तिवारी की पार्टी ने पिछले दरवाज़े से ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से मतदाता सूची में से नाम कटवा दिए और उसके बाद हम पर आरोप लगा रहे है?
ये हमारा हक़ है और हर नागरिक का हक़ है जिसे भाजपा ने छीनने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी बहुत बड़े स्तर पर वोटर रजिस्ट्रेशन करवा रही है। जगह जगह फ़ॉर्म भरवा रही है और लोगों को बता रही है कि आपका नाम भाजपा ने मतदाता सूची से हटा दिया है। जनता की सेवा करने के लिए ही राजनैतिक दल बनते हैं, न कि भाजपा जैसे राजनैतिक दल जो लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हैं।
अंत में, मनोज तिवारी और उनकी पार्टी, बीजेपी आगामी लोक सभा चुनावों में बुरी तरह हारने वाली है। उनकी चोरी पकड़ी गयी है। चोरी और सीनाजोरी करना बंद कीजिये। अरविन्द केजरीवाल जी ने उनका पर्दाफाश कर दिया है। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि चुनाव के 6 महीने पहले अरविन्द केजरीवाल जी उनके घोटाले का पर्दाफाश कर देंगे। मनोज तिवारी और उनकी पार्टी को दिल्ली के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए।
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