*आप के प्रदेश अध्यक्ष ने बाल दिवस पर दी देश-प्रदेश के बच्चों की शुभकामनाएं*
*प्रदेश सरकार को बताया बच्चों के प्रति असंवेदनशील, आंकड़ों के जरिये बताई मध्य प्रदेश में बच्चों की स्थिति*
*कहा- बच्चों को पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध न करा सकने वाली सरकार को सत्ता में रहने का हक नहीं*
*भोपाल, 14 नवंबर।* आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने बाल दिवस के अवसर पर प्रदेश और देश के बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि अगर हमें अपने भविष्य को बेहतर बनाना है, तो बच्चों को नीति निर्धारण के केंद्र में रखना होगा। बच्चों को उचित शिक्षा और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए बिना एक सशक्त, समृद्ध और खुशहाल समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है।
साथ ही उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मध्य प्रदेश में 92 बच्चे हर रोज कुपोषण के कारण मौत के मुंह में समा जाते हैं। 45 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार हैं वहीं 70 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी है। शिक्षा की बात करें तो करीब 25 हजार स्कूल बंद किए गए हैं। प्रदेश के 90 प्रतिशत स्कूलों में बिजली नहीं है। प्रदेश में महज 48 प्रतिशत बच्चे उत्तीर्ण होते हैं, यानी 52 प्रतिशत बच्चे परीक्षा में असफल हो जाते हैं। पिछले 5 साल में 45 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है। आठवीं कक्षा का बच्चा 1 से 9 तक के अंक और सामान्य हिंदी नहीं पढ़ पाता है। 65 हजार पद खाली हैं, 17 हजार स्कूलों में महज एक शिक्षक है। ये सभी आंकड़े शिक्षा गारंटी का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य में भी यही हाल है प्राइमरी हेल्थ सेंटर 46 प्रतिशत कम हैं, जिससे आम नागरिकों समेत बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में राज्य सरकार नाकाम रही है और यह बच्चों के प्रति असंवेदनशील है।
उन्होंने कहा कि यह अनायास नहीं है कि कुपोषित बच्चों और स्कूल से ड्राप आउट बच्चों की संख्या लगभग समान है। प्रदेश सरकार बच्चों को सही खुराक नहीं दे पा रही है, जिससे उनका मानसिक विकास रुक रहा है और इसी कारण से वे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। नतीजतन आधे बच्चे परीक्षा में फेल हो जाते हैं और फिर यही संख्या ड्राप आउट के रूप में सामने आती है। इस तरह से यह एक सोची समझी साजिश के तहत प्रदेश के भविष्य को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए पर्याप्त पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध न कराने सकने वाली सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
Leave a Comment