सोमवार से शुरू हुए विधान सभा सत्र में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक और एतिहासिक फैसला लिया! दिल्ली के विधायको को हर साल अपने अपने क्षेत्र के विकास के लिए जो 4 करोड़ की धनराशी मिलती थी, दिल्ली सरकार ने विधान सभा में एक प्रस्ताव लाकर उसे बढाकर 10 करोड़ रूपए कर दिया है!
केजरीवाल सरकार को उम्मीद है की अब इससे दिल्ली के विकास कार्यो में तेज़ी आएगी! पहले जो विधायकों को अपने क्षेत्र के छोटे छोटे कामो को करने के लिए, पैसो की कमी के कारण लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ता था वो अब नहीं करना पड़ेगा! फंड की कमी के कारण लम्बे लम्बे समय तक टेंडर अटके रहते थे, अब सरकार को गली मोहल्ले, नालियों, सड़कों एवं पार्को में होने वाले छोटे छोटे कार्यों के लिए लम्बे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा!
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा की विधायक अपने क्षेत्र की जनता के साथ सीधे संपर्क में रहता है, उसकी विधानसभा के लोग अपने इलाके की छोटी छोटी समस्याओं को लेकर उसके पास आते हैं, लेकिन अक्सर फंड की कमी के कारण वो काम लम्बे समय तक नहीं हो पाते जिसके कारण इलाके की जनता को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है! फंड की राशी बढ़ जाने से अब लोगो की वो छोटी छोटी समस्याओं का तत्काल प्रभाव से समाधान किया जा सकेगा!
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा की सत्ता जनता के हाथो में हो, सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो, उसके लिए ये एक बेहद ही ज़रूरी कदम है! किसी भी इलाके की जनता अपनी समस्याओ के लिए सबसे ज्यादा विधायक के पास ही जाती है! तो ये बेहद ही ज़रूरी है की विधायक के पास आए लोगो की समस्याओं का समाधान विधायक कार्यालय से ही हो जाए, और इलाके की जनता को अलग अलग सरकारी विभागों में धक्के न खाने पड़ें! उस दिशा में विधायक निधि को बढाकर 10 करोड़ करने का ये फैसला दिल्ली के इतिहास में एक एतिहासिक फैसला साबित होगा!
दिल्ली की ग्रेटर कैलाश विधान सभा से विधायक सौरभ भरद्वाज ने भी इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इलाके में सड़कें, सीवर, पानी की लाइने, पार्को में झूले, टूटी हुई गलियों की मरम्मत जैसे बहुत से ऐसे काम है जो की पैसो की कमी के कारण पुरे नहीं हो पाते थे, या बहुत लम्बे समय तक अटके रहते थे! अब उन सभी विकास के कार्यो में तेज़ी आएगी!
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