प्रेस रिलीज़/27फरवरी2018
19 फरवरी की रात को ही LG-हाउस में ही दिल्ली सरकार को अस्थिर करने की साज़िश रची गई
IAS एसोसिएशन को मिला हुआ है बीजेपी की केंद्र सरकार का संरक्षण
दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्य सचिव और आईएएस एसोसिएशन के ख़िलाफ़ दर्ज़ हो आपराधिक साज़िश का मामला – दिलीप पांडे
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘अब ये बात दिल्ली के मुख्य सचिव ने खुद़ स्वीकार कर ली है कि वो 19 फरवरी 2018 की रात को मुख्यमंत्री से मिलने के बाद सीधा उपराज्यपाल आवास पर गए थे जहां दिल्ली के उपराज्यपाल से उनकी मुलाक़ात हुई थी’
‘आपको बता दें कि उस एलजी हाउस की उस बैठक में डीसीपी नॉर्थ भी वहां मौजूद थे लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि मुख्य सचिव के आरोपों पर फिर भी रात को ही मामला दर्ज नहीं किया गया, क्या षडयंत्र रचा गया इन सब लोगों के बीच?’
‘मुख्य सचिव की शिकायत पर मुकदमा अगले दिन दोपहर में दर्ज कराया गया और जब हमने दिन में लगातार उनकी एमएलसी की बात की तो फिर आनन-फ़ानन में एमएलसी 20 फरवरी रात को 9 बजे कराई गई।
‘दरअसल इसके पीछ सच्चाई यह है कि 19 फरवरी को रात को एलजी हाउस में एक साज़िश रची गई, साज़िश थी दिल्ली सरकार को अस्थिर करने की। इस साज़िश में दिल्ली के मुख्य सचिव, उपराज्यपाल और पुलिस कमिश्नर शामिल थे। तीनों ने मिलकर इस मौके को भुनाने के लिए एक गहरी साज़िश दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के ख़िलाफ़ रची।‘
‘पूरे प्लान के मुताबिक़ अगले दिन आईएएस एसोशिएशन की मीटिंग बुलाई गई और सचिवालय के सभी अफ़सरों और वहां मौजूद कर्मचारियों को खुली छूट दी गई कि वो मंत्रियों और दूसरे लोगों पर हमला कर उनके साथ मारपीट करें, और इस आपराधिक साज़िश में उन्हें पूरा भरोसा दिलाया गया कि पुलिस एंव केंद्र सरकार से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा और उनके खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।‘
‘दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन के साथ हुई मारपीट मामले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी तब हम मजबूर हो कर कोर्ट में गए और इस मामले में कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि सचिवालय के सारे सीसीटीवी फुटेज ज़ब्त किए जाएं।‘
‘क्या इस पूरे षडयंत्र में मुख्य सचिव और एलजी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए? क्या मुख्य सचिव और उपराज्यपाल की कॉल डीटेल्स सुरक्षित नहीं रखी जानी चाहिए?’
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि ‘आईएएस एसोसिएशन जो अहसहयोग आंदोलन दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ छेड़े हुए है, वो दरअसल पूरी तरह से बीजेपी और उनकी केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है’
‘आपको याद दिलाना चाहेंगे कि उत्तर प्रदेश में महिला अफ़सर दुर्गा शक्ति नागपाल के लिए कोई काली पट्टी अफ़सरों ने कभी नहीं बांधी, उत्तर प्रदेश में ही आज़म खान ने चुनाव के वक्त अफ़सर के साथ बदतमीजी की थी लेकिन अफ़सरों ने कुछ नहीं किया। हरियाणा की बीजेपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक महिला आईपीएस के साथ खुलेआम बदतमीज़ी की लेकिन अफ़सरों का दिल तब भी नहीं पिघला, ऐसे कई मामले हैं लेकिन अफ़सरों ने एक बार भी आवाज़ नहीं उठाई। बस अब अरविंद केजरीवाल सरकार के ख़िलाफ़ ही एकजुट होकर ये लोग पूर्व नियोजित साज़िश का हिस्सा बने हुए हैं।‘
‘सेंट्रल सिविल सर्विसेज कंडक्ट रूल 1964 के मुताबिक सिविल सर्वेंट्स को किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन और हड़ताल में शामिल होने की मनाही है, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली के अफ़सर ऐसा कर रहे हैं क्योंकि बीजेपी की केंद्र सरकार का संरक्षण उन्हें प्राप्त है।‘
‘जिन तर्कों से अनैतिकता के धरातल में खड़ा होकर दिल्ली के अफ़सर अपने साथी मुख्य सचिव के साथ कथित मारपीट के आरोप में सीएम और डिप्टी सीएम से माफ़ी मांगने की मांग कर रहे हैं, उसी तर्क से ही दिल्ली सरकार के मंत्री और दूसरे लोगों पर सचिवालय में किए गए हमले के मामले में आईएएस एसोसिशन और मुख्य सचिव के ख़िलाफ़ धारा 120 बी के तहत क्यों ना आपराधिक साज़िश का मामला दर्ज़ होना चाहिए?’
‘आम आदमी पार्टी मांग करती है कि जनता की चुनी हुई आम आदमी पार्टी की सरकार को अस्थिर करने की साज़िश रचने के आरोप में और साथ ही दिल्ली सचिवालय में मंत्री पर हुए हमले की साज़िश रचने के आरोप में दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्य सचिव और आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश रचने का मामला दर्ज़ होना चाहिए।‘
Press Release- English
Aam Aadmi Party exposes conspiracy of LG, CS and Police Commissioner to destabilize Delhi Govt
The physical assault on Delhi minister Mr Imran Hussain on 20th February was pre-meditated and result of a conspiracy hatched at Delhi LG House by the Lieutenant Governor, Chief Secretary and the IAS Association.
Clear evidence has emerged that the assault was planned in the meeting and then the IAS Association was given the task of provoking and instigating other employees unions to assault Delhi ministers and other functionaries at the Delhi Secretariat.
In the Court Proceedings, it was conceded by the Delhi Police that after the late night meeting with Chief Minister on 19th February, the Chief Secretary Anshu Prakash visited LG at his residence where Police Commissioner was called. The meeting was attended by DCP, North however, no FIR was registered in the night.
Later, in the morning, IAS Association called a meeting at best of CS and LG. Officers were instigated to assault every MLA and Minister who could be found in Delhi Secretariat. The officers as a part of unlawful assembly at Delhi Secretariat, thrashed the Minister and his staff members.
It was in the afternoon at around 1:00 PM, that an FIR was registered which was a tailor made police complaint by the CS.
As Delhi Police reports to LG of Delhi, there has been no action against the officers in spite of video evidence available in public domain. Imran Hussain approached Delhi Court against inaction of Police and the Court has ordered the Police to preserve the CCTV footage of Delhi Secretariat. The Court yesterday ordered the Delhi Police to preserve the call details of CS Anshu Prakash.
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